Jwala Mata Temple Jobner Jaipur History in Hindi : राजस्थान के जयपुर के जोबनेर में स्थित ज्वालामाता का यह मन्दिर राजस्थान का एक प्राचीन एवं प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जिसकी शताब्दियों से लोक में बहुत मान्यता है । यह धाम जयपुर से लगभग 45 कि. मी. पश्चिम में ढ़ूंढ़ाड़ अंचल के प्राचीन कस्बे जोबनेर में अवस्थित है ।
यह स्थान अत्यन्त प्राचीन है। साहित्यिक ग्रन्थों और शिलालेखों से जोबनेर की प्राचीनता प्रकट होती है जिसमें इसे जब्बनेर ,जब्बनकार ,जोवनपुरी ,जोबनेरि ,जोबनेर आदि विविध नामों से उल्लेखित किया गया है । कूर्मविलास में उसका एक अन्य नाम जोगनेर (योगिनी का नगर) मिलता है जो इसका प्राचीन नाम प्रतीत होता है ।
जालपा या ज्वालामाता देवी या शक्ति का ही रूप है। जोबनेर के इस पूर्व नाम जोगनेर का उल्लेख कूर्मविलास नामक ऐतिहासिक काव्य में हुआ है ,जो हमारी इस धारणा की पुष्टि करता है । कूर्मविलास में कवि ने जोगनेर के लिए ही जोबनेर का भी प्रयोग किया है,जिससे दोनों की अभिन्नता सिद्ध है । जोबनेर अरावली पर्वतमाला के जिस विशाल पर्वत शिखर की गोद में बसा है ,उसकी पर्वतीय ढलान पर पहाड़ के बीचोंबीच उसके ह्रदय स्थल पर ज्वालामता का भव्य मन्दिर बना है । सफेद संगमरमर से बना ज्वालामता का यह मन्दिर बहुत सुन्दर और आकर्षक लगता है और दूर से ही दिखाई दे जाता है । ज्वालामता जोबनेर नगर की अधिष्ठात्री देवी है ,मनोहरदासोत खंगरोतों की आराध्या है ।
पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव ने सती के शव को कंधे पर उठाकर ताण्डव नृत्य किया था । उस समय सती का शरीर छिन्न-भिन्न होकर उनके अंग विभिन्न स्थानों पर गिरे जो ,शक्तिपीठ बने । जोबनेर पर्वत पर उसका जानु-भाग (घुटना) गिरा,जिसे उसका प्रतीक मानकर ज्वालामता या जालपा देवी के नाम से पूजा जाने लगा ।
इस मन्दिर के सभामण्डप के स्तम्भ पर प्रतापी चौहान शासक सिंहराज का विक्रम संवत् 1022 (965 ई.) की माघ सुदी 12 का एक शिलालेख हमारे देखने में आया है । दुर्भाग्यवश शिलालेख काल प्रभाव से भग्न होने के कारण पूरा नहीं पढ़ा जा सका है । सम्भवतः इस शिलालेख में मन्दिर के जीर्णोद्धार या पुनर्निर्माण सम्बन्धी घटना का उल्लेख हो । जोबनेर के इस पर्वतशिखर पर जहाँ ज्वालामाता का मन्दिर है ,उसके ऊपरी भाग पर इस क्षेत्र के चौहान शासकों द्वारा निर्मित प्राचीन दुर्ग के भग्नावशेष आज भी वहाँ विद्यमान हैं ।
जोबनेर शाकम्भरी के चौहान राज्य का एक अंग था और उसके सपादलक्ष साम्राज्य के प्रमुख नगरों में इस गणना होती थी । वंशभास्कर में शाकम्भरी नरेश मणिक्यराज चौहान द्वारा जिन नगरों एवं गाँवों को जीतने का उल्लेख हुआ है। प्रतिवर्ष नवरात्र में (विशेषतःचैत्र मास में) यहाँ एक विशाल मेला भरता है,जिसमें दूर – दूर से तीर्थयात्री एवं श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं।
Jwala Mata Jobner Video
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जोबनेर पर चौहानों के बाद पहले हमीरदेका कछवाहों तथा फिर खंगारोत कछवाहों का आधिपत्य रहा। इस शाखा के पूर्व पुरुष जगमाल कछवाहा (आम्बेर नरेश पृथ्वीराज के पुत्र) और उनके पुत्र खंगार ने पहले बोराज और फिर जोबनेर पर अधिकार कर लिया।
जनश्रुति है कि ज्वालामाता ने राव खंगार की जोबनेर पर आधिपत्य स्थापित करने में अप्रत्यक्ष मदद की थी । अजमेर के शाही सेनापति मुहम्मद मुराद (लालबेग) ने 1641 ई. के लगभग जब यहाँ के शासक जैतसिंह के शासनकाल में जोबनेर पर आक्रमण किया तब जोबनेर पर्वतांचल से मधुमक्खियों का एक विशाल झुण्ड आक्रान्ता पर टूट पड़ा तथा इस तरह देवी ने प्रत्यक्ष रूप में सहायता कर जैतसिंह को विजय दिलाई । इस युद्ध में आक्रांता से छीनी हुई नोबत ज्वालामाता के मन्दिर में आज भी विद्यमान है । रावल नरेन्द्रसिंह ने अपने राजप्रासाद के पार्श्व से मन्दिर को जाने वाले प्रवेश मार्ग पर ज्वालापोल नामक एक विशाल प्रवेश द्वार का निर्माण करवाया ।
Jobner ki Jwala Mata ki Jai
Inke bherav ji ka kya name he
मारवाल गोत्रः की कुल देवी कोन है
Jai ho jwala mata ki aapki kripa hum pr humesha bani rhe
Navado ki kuldevi
Ma ki
Jawala devi ki jay
JAI JWALA MA
Mhari jobner to bhot hi sacchi h ..ghar ki sari preshani apne pr le leti h aur ye khatik samaj me deel se pooji jati h….mela dekhne laayak hota h…mata bhakt ki pookar turant sunti h ..jai ho meri jobner jwala ma aur jai ho meri kaila maayi.
Yanha pe jaipur se kaise jaya jayega
jaipur se by road jyada sahi hai. wese train se jana ho to kuch local train bhi jati hai
जयपुर से जोब्नेर के लिये आसानी से बस मिल जायेगी
kya m b yha darshan krne ja skti hu??? actually hmare yha vijasani mata Mani jati h….. to muje koi problem to ni hogi na??
Koi pareshani nahi hogi… Shakti swarupa ka Darshan aur Ashirvad Labh hi deta h, vo chahe kisi bhi swarup me ho. M sabhi Devi Dhaamo me darshan karta hu.. isse b meri Kuldevi Dadhimathi Mata mujpe Kripa karti hain.
M bhi ma le Fatshan ko aaunga
ha kar sakte ho, maa ke darshan karne me koi buri baat nahi hai
Comment *koi problem nhi h or maa maa hi hoti h……
Palwar gotra ki kuldevi kaha he
Sir Maine suna h yanha par cancar ka elaaj Hota h kya shi h
Jai mata di
Jai maa bhagwati
Jai Jobner ki Jwala Maa. Ye meri kuldevi aur meri isht devi hai. Sakshat chamatkar dikhati hain maa. Mene Jo bhi prarthana ki aaj tak sab puri hui hai. Maa ka shukriya jo unhone mujhe apno charno me jagah di. Jai Meri Mata ki.
Dhawan gotra ki kuldevi he
Comment *Osm
fabulous… :*
i love you jobner jwala maa
always aapka aashirwad saath rhe…
jai mata di…
Ynha sham ki aarti ka time kya h
jwala maa kon se vnsh ki kul devi hai
Good evening. Very Important part of the life. Of maa jawala jobner. In my life.
Jwala Mata kin vansaj ki kuldevi hai ?
When I was 5 or 6 year old, there was jat or Bhat jati ke log. They have kept with them vansavali , They also right down new person name were they go.
So I want to know our vansaj or there location ?
Hi,
Kya hum yaha October ke Navratro me je sakte hai?
jay jobner mata di
jay jobner mata di sabki yatra safal ho
Jai jwala ma jobner krapa …aapki hi daya darshti he or hamari kuldevi ko sat sat naman
Vedwal parivaar ki kuldevi