Bees Hath Mata Temple Jodhpur History in Hindi : कुलदेवी-धाम यात्रा के इस पावन अभियान के अन्तर्गत मैं और मेरे पिताजी अपने गृहनगर सीकर से जोधपुर नगर पहुंचे। रात्रि में सफर करके हम सुबह 5 बजे यहाँ पहुंचे थे। सबसे पहले हमने एक धर्मशाला में स्नानादि से निवृत होकर जोधपुर नगर में प्रसिद्ध देवी-धाम बीसहथ माता के मन्दिर के लिए प्रस्थान किया। हम लगभग 10 मिनट में मंदिर पहुँच गए।
बीसहथ माता मन्दिर, जोधपुर
बीसहत्थ माता का मन्दिर जोधपुर के भैरूबाग़ में पार्श्वनाथ जैन मन्दिर के प्रांगण में स्थित है। सिंह पर विराजमान देवी के दोनों ओर काला और गोरा भैरव की प्रतिमाएँ हैं। मन्दिर वातावरण में बीसहथ माता का यह मन्दिर अत्यंत शोभनीय है। यहाँ ठहरने के लिए धर्मशाला की व्यवस्था है।
बीसहथ माता की प्रतिमा महिषासुर मर्दिनी है। यह ओसवाल वंश के कोचर गोत्र की कुलदेवी है। बीस भुजाओं वाली इस देवी की अपनी विशिष्ट पहचान है। देवी के दाहिनी ओर गौरा भैरव और बाईं ओर काला भैरव विराजमान है। देवी के चरणों में महिषासुर पड़ा है। बीसहथ माताजी की प्रतिमा का निर्माण एक यति द्वारा जालोर के परमार शासक श्री मदन ब्रह्मदेव द्वारा वि.सं. 1235 में करवाया गया। उस समय यह प्रतिमा जालोर के दुर्ग में प्रतिष्ठित थी। जालोर के राजा मानसिंह जब जोधपुर की गद्दी पर आसीन हुए तब उनके सरदार बैजनाथ कोचर अपनी कुलदेवी की प्रतिमा को अपने साथ जालोर से जोधपुर लाये।
श्री बैजनाथ कोचर ने श्री भैरूबाग जैन मन्दिर परिसर में अपनी पट्टासुद जमीन पर एक मन्दिर का निर्माण वि.सं. 1919 में कराकर ज्येष्ठ शुक्ला 5 वि.सं. 1930 को प्रतिष्ठा करवाई।
प्रतिवर्ष ज्येष्ठ शुक्ला पंचमी को मातेश्वरी का अभिषेक कर ध्वजा चढ़ाई जाती है और प्रत्येक चैत्र शुक्ल अष्टमी को हवन पूजन होता है। यहाँ भैरूबाग की धर्मशाला में न्यूनतम धनराशि पर आवास और भोजन की व्यवस्था उपलब्ध है। मंदिर की व्यवस्था आज भी श्री बैजनाथ कोचर के वंशज करते हैं।
पार्श्वनाथ जैन मन्दिर भैरु बाग जोधपुर
बीसहथ माता का मन्दिर भेरू बाग़ के जिस पार्श्वनाथ जैन मन्दिर में स्थित है वह बहुत ही सुन्दर तथा आकर्षक स्थान है। यहाँ तेईसवें तीर्थंकर पार्श्वनाथ की मनोहारी प्रतिमा विराजमान है। इस मन्दिर के प्रांगण में जैन धर्मशाला भी स्थित हैं जहाँ जैन समाज के दर्शनार्थियों के लिए आवास तथा भोजनादि की समुचित व्यवस्था है।
Bheru Bagh Temple Map
चूँकि हमने बीसहथ माता का दर्शन सुबह जल्दी ही कर लिया था, अभी हमारे पास पूरा दिन शेष था। कुलदेवीधाम की इस जोधपुर यात्रा का पहला चरण बीसहथ माता के दर्शन से हो चुका था। अगला चरण मेहरानगढ़ की चामुण्डामाता का दर्शन करना है। परन्तु हमने मेहरानगढ़ से पहले जोधपुर का प्रसिद्ध महल उम्मैद भवन पैलेस देखने का निश्चय किया। उम्मैद भवन यहाँ से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर है।
उम्मैद भवन पैलेस जोधपुर
जोधपुर में स्थित उम्मैद भवन पैलेस विश्व के सबसे बड़े निजी महलों में से एक है। यह महल 1943 में बनकर तैयार हुआ था। इस महल का नाम महाराजा उम्मैदसिंह के पौत्र ने दिया था। इस महल का जब निर्माणकार्य चल रहा था तब इसे चित्तर पैलेस के नाम से जाना जाता था। इस पैलेस के तीन भाग हैं। एक भाग में लग्ज़री ताज होटल है जो 1972 से है। एक भाग शाही परिवार के लिए है तथा में संग्रहालय है। इस संग्रहालय के खुलने का समय प्रातः 9 बजे से शाम 5 बजे तक है। इस महल में कुल 347 कमरे हैं। यहाँ बने संग्रहालय में जोधपुर के राजपरिवार से सम्बन्धित कई वस्तुएँ दर्शकों के देखने के लिए रखी हुई हैं।
यह महल 26 एकड़ में फैला है जिसमें 15 एकड़ में विशाल उद्यान है। इस महल निर्माण में महाराजा उम्मैदसिंह को 94,51,565 रुपये की लागत आई थी।
महल के सामने प्रांगण में एक दीर्घा बनाई हुई है जहाँ शाही परिवार की लक्ज़री गाड़ियाँ प्रदर्शन के लिए रखी हुई हैं।
Umaid Bhawan Palace Jodhpur Map
उम्मैद भवन देखने और यहाँ के सुन्दर विशाल उद्यान में विश्राम करने के बाद हम प्रसिद्ध किला मेहरानगढ़ देखने निकल पड़े। मेहरानगढ़ में चामुण्डामाता का प्रसिद्ध मन्दिर विद्यमान है।
नोट:- यदि आप बीसहत्थ माता को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं तो कृपया Comment Box में अपना समाज व गोत्र लिखे
Jain kochar
कोचर ओं की कुलदेवी का मूल स्थान फलोदी के अंदर है जहां माता जी का रथ एक नदी के अंदर रुक गया था और वहां पर 1515 के अंदर मंदिर जी की स्थापना हुई थी और वह मंदिर आज भी माताजी के नाम से प्रसिद्ध है कोचर वंश की शुरुआत फलोदी से ही हुई थी
मैं डॉ अभिनव राजपुरोहित (सेवड़)
राजपुरोहित जाति में सेवड़ गौत्र की कुलदेवी मां बीस हत्थ माता हैं।
ॐ
श्री बैजनाथ कोचर जी को नमन जिन्होंने माता का मंदिर जोधपुर में स्थापित कर उनके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करने का लाखों लोगों को अवसर प्रदान किया।
ॐ
Sevad Rajpurohit gotra Bhardwaj एक साठिका में भी है। खीवसर के पास राजस्थान में वहा हम जति ह है।
Jain Botharà.
Kochar mehta
जय कुलदेवी मा
एडमिन
ये बीसहसथ माता राजसथान की एक बहुत बडी जाती हे राजपुरोहित ये माताजी उनकी भी कुलदेवी हे ये जाती विशेष रूप ये पाली सिरोही जोधपुर बीकानेर बाड़मेर चुरू जैसलमेर जालोर जयपुर अजमेर गुजरात का कुछ हिस्सा एम पी का कुछ हिस्सा मे बहुतायत मे हे
ज़्यादा जानकारी के लिये आप मेरे से सम्पर्क करे या आपनी नंबर दे
सुरज सिह राजपुरोह्त
बीकानेर
+91-92521-32327 whtappp
+91-78208-32327
[email protected]
जय बिसहत्तमाता कि जय
जय माता दि
9545282982
बीसहत्थ माँ को विशला माँ भी कहते है । बीकानेर के पास करमीसर गाँव मे माँ का मन्दिर है।
जय भीषहथ माता जी जय
राजपूरोहित सेवड़ गैत्र भारद्वाज
राजपुरोहित सेवङ गोत्र भारद्वाज
ये हमारी श्री वर देवी है
कुलदेवी नागनेची जी है
फलौदी में भी मां visala माता का मंदिर है शिव सर तालाब के पास मंगल चंद kocher मोरिया मुंजासर तहसील फलोदी
मै पंवार मेघवंशी हमारी कुलदेवी मां बीस हस्त है जो सेवड़ राजपुरोहितों की कुलदेवी है व सिसोदिया महाराणा प्रताप की कुलदेवी है जिनका धाम नागौर जिले के खिंवसर तहसील मे साठिका कल्ला गांव मे है । जय मां बीस हस्त कुलदेवी मां ।
Jai Bishath mata ki jai
Kochar kuldevi ki jai
Jai biahath mata
Vipul kochar =7776005049
9865721008
Bishath mata ki jai
Bishath mata ki jai
om hrim shri mama kuldevi bishath mata sarva karye shri siddhi kurukuruk swah
Bishath maata ki jai
दुबर्या (मेघवंशी) की कुल देवी