Padhay Mata ka chamatkar: “जब अंग्रेज हुआ माता का भक्त”

Miracle of Padhay Mata – When a Britisher became devotee (जब अंग्रेज हुआ माता का भक्त)

padhay mata
प्रतीकात्मक चित्र

पाढ़ाय माता के चमत्कार के सम्बन्ध में एक कथा यह है कि इस इलाके में एक अंग्रेज अफसर आया था। वह देवी-देवताओं आदि के अस्तित्व को नहीं मानता था। एक बार नमक की झील में पानी ही पानी भर गया। झील से पानी निकालने की प्रक्रिया निरन्तर कई दिनों तक चलती रही। किन्तु जितना पानी रोज झील से निकाला जाता था उतना ही पानी सुबह फिर झील में भर जाता था। ऐसा कई दिनों तक चलता रहा।

एक दिन वह अंग्रेज अधिकारी इधर से जा रहा था । उसे 8-9 साल की एक बालिका मिली । उस बालिका ने उस अंग्रेज अफसर को आवाज लगाई तथा कहा ‘अभी तेरे समझ में आई की नहीं ‘। अंग्रेज अफसर उस बालिका के कथन के रहस्य को नहीं समझ सका, किन्तु उसका सहायक जो हिन्दू था, माता के कहे गये रहस्यपूर्ण वाक्य का अर्थ समझ गया तथा उसने अंग्रेज अफसर से कहा यह आदिशक्ति है, उसके वरदान से ही यहां नमक की खान बनी है,आपने इसकी स्तुति नहीं की, इसके हाथ नहीं जोड़े, यही कारण है कि झील से पानी नहीं निकल पा रहा है । ‘आप माता के अस्तित्व को स्वीकार करते हुए उस परम आद्याशक्ति भगवती के प्रति आस्था प्रकट करते हुए उनसे प्रार्थना करें । भगवती भक्तों के मनोरथ को अवश्य पूर्ण करती हैं ।’ अंग्रेज अधिकारी ने माता की स्तुति की । इसके बाद झील का पानी स्वतः ही अपने आप सूख गया ।

अंग्रेज ने इस अदभुत चमत्कार को देखकर मंदिर में, मंदिर के बाईं ओर अपनी श्रद्धा के प्रतीकस्वरूप एक बरामदा बनवाया जिसका शिलालेख भी है । बरामदा अभी भी ठीक दशा में है ।

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5 thoughts on “Padhay Mata ka chamatkar: “जब अंग्रेज हुआ माता का भक्त””

  1. Excellent presentation of Kuldevis of various sects and castes of India. The overall presentation is very subtle and encourages devotional aspects of goddess Durga. Please keep up the excellent work and the research should be presented in form of a book. KALYAN FROM Gits press Gorkhapur has presented the topic in a very concise manner. Let us connect sometime to take this research further

    Thanks and Regards,
    DEVENDRA SINGH RATHORE
    9461671758

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  2. Padhaya mata g aapki manat jaldi Puri kar deti m bhi inke chamtkar se vakib hon ,m mata g ko sache Mann se manta hon ye meri jaati Kulriya ki kuldevi h

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  3. जय मां परा भवानी कुलदेव्यै नमः
    ठा संजय प्रताप सिंह पारीक उपरेडा भीलवाड़ा

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