Miracles of Surjal Mata- Sudrasan
धर्म संकट Surjal Mata, Muslim Priest & the Legator
सुरजल माता (Surjal Mata) के मन्दिर का पहला पुजारी एक मुसलमान था, जिसका नाम सफदल खां था। वह कायमखानियों में मलवान जाति का प्रवर्तक था। वह एक जागीरदार था। वह माताजी की पूजा किया करता था। इस नगरी में उस समय सोना बहुत था। सोने के लालच में बिदासर के ठाकुर ने इस गांव पर कब्जा करना चाहा। माता के भक्त मुसलमान पुजारी की परीक्षा लेने के लिए ठाकुर ने अपना एक दूत भेजा। दूत ने सफदल खां से सोना माँगा। कहते हैं कि माता प्रकट हुई और सोने की मूंदड़ी (अंगूठी) फेंकी। दूसरी बार फिर ठाकुर ने दूत भेजा। दूत ने खाने में गंवार की फली व सिट्टा मांगा। मन्दिर के पीछे दूत को गंवार की फली व सिट्टा मिला। ये सब चमत्कार सुनने के बाद ठाकुर ने तीसरी बार अपना दूत भेजा। उसने आकर सफदल खां से कहा कि मुझे तुम्हारी सुरजल माता के दर्शन कराओ। सुबह-शाम माताजी की पूजा करने वाले सफदल खां ने भी प्रत्यक्ष माताजी के दर्शन नहीं किये थे। अब उसके सामने धर्म संकट पैदा हो गया। माता को असत् सिद्ध होने से बचाने के लिए उसने यह निश्चय किया कि वह प्राण त्याग देगा, क्योंकि दूत को दर्शन नहीं कराये जा सकते थे। और दूत को दर्शन नहीं कराने पर पुजारी की भक्ति पर आंच आवे, अतः सफदल खां के लिए एकमात्र रास्ता प्राणत्याग का ही था। जब वह आत्महत्या कर ही रहा था तब उसे आवाज सुनाई दी कि तू क्यों आत्महत्या कर रहा है। कल सुबह दूत को मन्दिर के सामने भेज देना, मैं उसे नजर आ जाउंगी। अगले दिन सुबह दूत मन्दिर के सामने आया तो माता ने उसे अपने दिव्य दर्शन दिए। दूत बेहोश हो गया और उसके बाद से वह माता का भक्त बन गया। बाद में उसने माता के मन्दिर में ही जीवित समाधि ले ली।
अतिक्रमण Surjal Mata & the Jat Family
सफदल खां ने माताजी के ओरन के लिए 1160 बीघा जमीन दी। आज भी यह 1160 बीघा जमीन माताजी के ओरन में है। यह जमीन पूर्णतः सुरक्षित है। कोई इस पर लगे पेड़ों की टहनियाँ भी नहीं तोड़ता। जिस किसी ने भी माताजी के ओरन की जमीन दबाने का प्रयास किया माता ने उसे तत्काल पर्चा दिया। इस बारे में ग्राम के व्यक्तियों ने माता का एक चमत्कार सुनाया। एक जाट जो काफी समृद्ध था, उसने माताजी की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया। फलतः न केवल उसकी समृद्धि गई अपितु उसका जीवन अत्यन्त कष्टमय हो गया और अनेकानेक कष्ट भोगकर वह मरा। उसके लड़कों ने माताजी से समृद्धि हेतु प्रार्थना की तथा उनके पिता ने जितनी जमीन पर अतिक्रमण किया था उतनी ही और जमीन अपनी ओर से माताजी के ओरन में भेंट की। बेटों द्वारा प्रायश्चित करने पर उस जाट परिवार पर माताजी की कृपादृष्टि हो गई तथा उस परिवार की समृद्धि वापस लौट आई। आज वह जाट परिवार बहुत सम्पन्न परिवार है।
लाज Surjal Mata & the Little Boy
एक बार यहां वर्षा नहीं हुई। खेत खलिहान नष्ट हो गए। एक बालक प्रण लेकर माता के सामने बैठा कि जब तक वर्षा नहीं होगी, वह अन्न जल ग्रहण नहीं करेगा। करुणामयी माता की कृपा से तीन दिन बाद वर्षा हो गई। इस प्रकार माता ने अपने भक्त की लाज रखी।
Surjal Mata ki Jai.. Jai Sudrasan Mata.. Jai Sudarshana Mata
Shree kuldevi surjal mata ki jai ho….
Sir sarjanwal goutr ki kul devi or devta kon he or oha pr isthit he ..
Krpya kr btaye
kuldevi mata ki jay
Jai Surjal Mata ki
Jai ho mata Rani ki
Surjal mata meel gotra ki bhi kuldevi hai