Jat Samaj in Hindi: जाट समाज मुख्य रूप से भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में पाए जाने वाले लोगों का एक समुदाय है, जिसमें हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पंजाब राज्यों के साथ सिंध के पाकिस्तानी प्रांत शामिल हैं। जाट ‘क्षत्रिय’ वर्ण से संबंधित है। ऐतिहासिक रूप से, जाट एक कृषक समुदाय थे,लेकिन आज वे व्यवसाय, राजनीति और सशस्त्र बलों सहित कई तरह के व्यवसायों में शामिल हैं। जाट समुदाय की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है और यह अपनी वीरता और बलिदान की परंपरा के लिए जाना जाता है।
जाटों का एक लंबा और जटिल इतिहास रहा है। जाटों के शुरुआती संदर्भ प्राचीन हिंदू ग्रंथों जैसे ऋग्वेद में मिलता है। जाटों की उत्पत्ति के कई सिद्धांत हैं। 1. पौराणिक मान्यता के अनुसार जाटों की उत्पत्ति भगवान शिव की जटाओं से हुई है। जटा से उत्पन्न होने के कारण जाट कहलाते हैं। 2. कुछ इतिहासकार जाट जाति की उत्पत्ति ‘ज्येष्ठ’ (वरिष्ठ) शब्द से मानते हैं। 3. एक अन्य मान्यता के अनुसार जाट शब्द संस्कृत का मूल शब्द ‘यात’ है। इसका अर्थ है ‘यस्ता’ (यज्ञ करने वाला) और लोक भाषा में ‘यत’ शब्द को जाट कहा जाता था, क्योंकि ‘या’ वर्ण ‘ज’ बन गया जैसे ‘यमुना’ से ‘जमुना’, ‘यमदग्नि’ से ‘जमदग्नि’ .
294 thoughts on “जाट समाज के गोत्रों की लिस्ट Jat Samaj History and All Gotras List”
अगर जाट हो तो पूरा पढ़ना गर्व से कहो हम जाट हैं, मगर क्यों ? स्वयं को महान् कहने से कोई महान् नहीं बनता । महान् किसी भी व्यक्ति व कौम को उसके महान् कारनामे बनाते हैं और उन कारनामों को दूसरे लोगों को देर-सवेर स्वीकार करना ही पड़ता है। देव-संहिता को लिखने वाला कोई जाट नहीं था, बल्कि एक ब्राह्मणवादी था जिसके हृदय में इन्सानियत थी उसने इस सच्चाई को अपने हृदय की गहराई से शंकर और पार्वती के संवाद के रूप में बयान किया कि जब पार्वती ने शंकर जी से पूछा कि ये जाट कौन हैं, तो शंकर जी ने इसका उत्तर इस प्रकार दिया – महाबला महावीर्या महासत्यपराक्रमाः | सर्वांगे क्षत्रिया जट्टा देवकल्पा दृढ़व्रताः ||15|| (देव संहिता) अर्थात् – जाट महाबली, अत्यन्त वीर्यवान् और प्रचण्ड पराक्रमी हैं । सभी क्षत्रियों में यही जाति सबसे पहले पृथ्वी पर शासक हुई । ये देवताओं की भांति दृढ़ निश्चयवाले हैं । इसके अतिरिक्त विदेशी व स्वदेशी विद्वानों व महान् कहलाए जाने वाले महापुरुषों की जाट कौम के प्रति समय-समय पर दी गई अपनी राय और टिप्पणियां हैं जिन्हें कई पुस्तकों से संग्रह किया गया है लेकिन अधिकतर टिप्पणियां अंग्रेजी की पुस्तक हिस्ट्री एण्ड स्टडी ऑफ दी जाट्स से ली गई है जो कनाडावासी प्रो० बी.एस. ढ़िल्लों ने विदेशी पुस्तकालयों की सहायता लेकर लिखी है – 1. इतिहासकार मिस्टर स्मिथ – राजा जयपाल एक महान् जाट राजा थे । इन्हीं का बेटा आनन्दपाल हुआ जिनके बेटे सुखपाल राजा हुए जिन्होंने मुस्लिम धर्म अपनाया और ‘नवासशाह’ कहलाये । (यही शाह मुस्लिम जाटों में एक पदवी प्रचलित हुई । भटिण्डा व अफगानिस्तान का शाह राज घराना इन्हीं के वंशज हैं – लेखक) । 2. बंगला विश्वकोष – पूर्व सिंध देश में जाट गणेर प्रभुत्व थी । अर्थात् सिंध देश में जाटों का राज था । 3. अरबी ग्रंथ सलासीलातुत तवारिख – भारत के नरेशों में जाट बल्हारा नरेश सर्वोच्च था । इसी सम्राट् से जाटों में बल्हारा गोत्र प्रचलित हुआ – लेखक । 4. स्कैंडनेविया की धार्मिक पुस्तक एड्डा – यहां के आदि निवासी जाट (जिट्स) पहले आर्य कहे जाते थे जो असीगढ़ के निवासी थे । 5. यात्री अल बेरूनी – इतिहासकार – मथुरा में वासुदेव से कंस की बहन से कृष्ण का जन्म हुआ । यह परिवार जाट था और गाय पालने का कार्य करता था । 6. लेखक राजा लक्ष्मणसिंह – यह प्रमाणित सत्य है कि भरतपुर के जाट कृष्ण के वंशज हैं । इतिहास के संक्षिप्त अध्ययन से मेरा मानना है कि कालान्तर में यादव अपने को जाट कहलाये जिनमें एकजुट होकर लड़ने और काम करने की प्रवृत्ति थी और अहीर जाति का एक बड़ा भाग अपने को यादव कहने लगा । आज भी भारत में बहुत अहीर हैं जो अपने को यादव नहीं मानते और गवालावंशी मानते हैं । 7. मिस्टर नैसफिल्ड – The Word Jat is nothing more than modern Hindi Pronunciation of Yadu or Jadu the tribe in which Krishna was born. अर्थात् जाट कुछ और नहीं है बल्कि आधुनिक हिन्दी यादू-जादु शब्द का उच्चारण है, जिस कबीले में श्रीकृष्ण पैदा हुए। दूसरा बड़ा प्रमाण है कि कृष्ण जी के गांव नन्दगांव व वृन्दावन आज भी जाटों के गांव हैं । ये सबसे बड़ा भौगोलिक और सामाजिक प्रमाण है । (इस सच्चाई को लेखक ने स्वयं वहां जाकर ज्ञात किया ।) 8. इतिहासकार डॉ० रणजीतसिंह – जाट तो उन योद्धाओं के वंशज हैं जो एक हाथ में रोटी और दूसरे हाथ में शत्रु का खून से सना हुआ मुण्ड थामते रहे । 9. इतिहासकार डॉ० धर्मचन्द्र विद्यालंकार – आज जाटों का दुर्भाग्य है कि सारे संसार की संस्कृति को झकझोर कर देने वाले जाट आज अपनी ही संस्कृति को भूल रहे हैं । 10. इतिहासकार डॉ० गिरीशचन्द्र द्विवेदी – मेरा निष्कर्ष है कि जाट संभवतः प्राचीन सिंध तथा पंजाब के वैदिक वंशज प्रसिद्ध लोकतान्त्रिक लोगों की संतान हैं । ये लोग महाभारत के युद्ध में भी विख्यात थे और आज भी हैं । 11. स्वामी दयानन्द महाराज आर्यसमाज के संस्थापक ने जाट को जाट देवता कहकर अपने प्रसिद्ध ग्रंथ सत्यार्थप्रकाश में सम्बोधन किया है । देवता का अर्थ है देनेवाला । उन्होंने कहा कि संसार में जाट जैसे पुरुष हों तो ठग रोने लग जाएं । 12. प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ तथा हिन्दू विश्वविद्यालय बनारस के संस्थापक महामहिम मदन मोहन मालवीय ने कहा – जाट जाति हमारे राष्ट्र की रीढ़ है । भारत माता को इस वीरजाति से बड़ी आशाएँ हैं । भारत का भविष्य जाट जाति पर निर्भर है । 13. दीनबन्धु सर छोटूराम ने कहा – हे ईश्वर, जब भी कभी मुझे दोबारा से इंसान जाति में जन्म दे तो मुझे इसी महान् जाट जाति के जाट के घर जन्म देना । 14. मुस्लिमों के पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने कहा – ये बहादुर जाट हवा का रुख देख लड़ाई का रुख पलट देते हैं । (सलमान सेनापतियों ने भी इनकी खूब प्रतिष्ठा की इसका वर्णन मुसलमानों की धर्मपुस्तक हदीस में भी है – लेखक) । 15. हिटलर (जो स्वयं एक जाट थे), ने कहा – मेरे शरीर में शुद्ध आर्य नस्ल का खून बहता है । (ये वही जाट थे जो वैदिक संस्कृति के स्वस्तिक चिन्ह (卐) को जर्मनी ले गये थे – लेखक)। 16. कर्नल जेम्स टॉड राजस्थान इतिहास के रचयिता । (i): उत्तरी भारत में आज जो जाट किसान खेती करते पाये जाते हैं ये उन्हीं जाटों के वंशज हैं जिन्होंने एक समय मध्य एशिया और यूरोप को हिलाकर रख दिया था । (ii): राजस्थान में राजपूतों का राज आने से पहले जाटों का राज था । (iii): युद्ध के मैदान में जाटों को अंग्रेज पराजित नहीं कर सके । (iv): ईसा से 500 वर्ष पूर्व जाटों के नेता ओडिन ने स्कैण्डेनेविया में प्रवेश किया। (v): एक समय राजपूत जाटों को खिराज (टैक्स) देते थे । 17. यूनानी इतिहासकार हैरोडोटस ने लिखा है (i) There was no nation in the world equal to the jats in bravery provided they had unity अर्थात्- संसार में जाटों जैसा बहादुर कोई नहीं बशर्ते इनमें एकता हो । (यह इस प्रसिद्ध यूनानी इतिहासकार ने लगभग 2500 वर्ष पूर्व में कहा था । इन दो लाइनों में बहुत कुछ है । पाठक कृपया इसे फिर एक बार पढें । यह जाटों के लिए मूलमंत्र भी है – लेखक ) (ii) जाट बहादुर रानी तोमरिश ने प्रशिया के महान राजा सायरस को धूल चटाई थी । (iii) जाटों ने कभी निहत्थों पर वार नहीं किया । 18. महान् सम्राट् सिकन्दर जब जाटों के बार-बार आक्रमणों से तंग आकर वापिस लौटने लगे तो कहा- इन खतरनाक जाटों से बचो । 19. एक पम्पोनियस नाम के प्राचीन इतिहासकार ने कहा – जाट युद्ध तथा शत्रु की हत्या से प्यार करते हैं । 20. हमलावर तैमूरलंग ने कहा – जाट एक बहुत ही ताकतवर जाति है, शत्रु पर टिड्डियों की तरह टूट पड़ती है, इन्होंने मुसलमानों के हृदय में भय उत्पन्न कर दिया। 21. हमलावर अहमदशाह अब्दाली ने कहा – जितनी बार मैंने भारत पर आक्रमण किया, पंजाब में खतरनाक जाटों ने मेरा मुकाबला किया । आगरा, मथुरा व भरतपुर के जाट तो नुकीले काटों की तरह हैं । 22. एक प्रसिद्ध अंग्रेज मि. नेशफील्ड ने कहा – जाट एक बुद्धिमान् और ईमानदार जाति है । 23. इतिहासकार सी.वी. वैद ने लिखा है – जाट जाति ने अपनी लड़ाकू प्रवृत्ति को अभी तक कायम रखा है । (जाटों को इस प्रवृत्ति को छोड़ना भी नहीं चाहिए, यही भविष्य में बुरे वक्त में काम भी आयेगी – लेखक) 24. भारतीय इतिहासकार शिवदास गुप्ता – जाटों ने तिब्बत,यूनान, अरब, ईरान, तुर्कीस्तान, जर्मनी, साईबेरिया, स्कैण्डिनोविया, इंग्लैंड, ग्रीक, रोम व मिश्र आदि में कुशलता, दृढ़ता और साहस के साथ राज किया । और वहाँ की भूमि को विकासवादी उत्पादन के योग्य बनाया था । (प्राचीन भारत के उपनिवेश पत्रिका अंक 4.5 1976) 25. महर्षि पाणिनि के धातुपाठ (अष्टाध्यायी) में – जट झट संघाते – अर्थात् जाट जल्दी से संघ बनाते हैं । (प्राचीनकाल में खेती व लड़ाई का कार्य अकेले व्यक्ति का कार्य नहीं था इसलिए यह जाटों का एक स्वाभाविक गुण बन गया – लेखक) 26. चान्द्र व्याकरण में – अजयज्जट्टो हूणान् अर्थात् जाटों ने हूणों पर विजय पाई । 27. महर्षि यास्क – निरुक्त में – जागर्ति इति जाट्यम् – जो जागरूक होते हैं वे जाट कहलाते हैं । जटायते इति जाट्यम् – जो जटांए रखते हैं वे जाट कहलाते हैं । 28. अंग्रेजी पुस्तक Rise of Islam – गणित में शून्य का प्रयोग जाट ही अरब से यूरोप लाये थे । यूरोप के स्पेन तथा इटली की संस्कृति मोर जाटों की देन थी । 29. अंग्रेजी पुस्तक Rise of Christianity – यूरोप के चर्च नियमों में जितने भी सुधार हुए वे सभी मोर जाटों के कथोलिक धर्म अपनाये जाने के बाद हुए, जैसे कि पहले विधवा को पुनः विवाह करने की अनुमति नहीं थी आदि-आदि । मोर जाटों को आज यूरोप में ‘मूर बोला जाता है – लेखक । 30. दूसरे विश्वयुद्ध में जर्मनी की हार पर जर्मन जनरल रोमेल ने कहा- काश, जाट सेना मेरे साथ होती । (वैसे जाट उनके साथ भी थे, लेकिन सहयोगी देशों की सेना की तुलना में बहुत कम थे – लेखक) 31. सुप्रसिद्ध अंग्रेज योद्धा जनरल एफ.एस. यांग – जाट सच्चे क्षत्रिय हैं । ये बहादुरी के साथ-साथ सच्चे, ईमानदार और बात के धनी हैं । 32. महाराजा कृष्णसिंह भरतपुर नरेश ने सन् 1925 में पुष्कर में कहा – मुझे इस बात पर अभिमान है कि मेरा जन्म संसार की एक महान् और बहादुर जाति में हुआ । 33. महाराजा उदयभानुसिंह धोलपुर नरेश ने सन् 1930 में कहा- मुझे पूरा अभिमान है कि मेरा जन्म उस महान् जाट जाति में हुआ जो सदा बहादुर, उन्नत एवं उदार विचारों वाली है । मैं अपनी प्यारी जाति की जितनी भी सेवा करूँगा उतना ही मुझे सच्चा आनन्द आयेगा । 34. डॉ. विटरेशन ने कहा – जाटों में चालाकी और धूर्तता,योग्यता की अपेक्षा बहुत कम होती है । 35. मेजर जनरल सर जॉन स्टॉन (मणिपुर रजिडेंट) ने अपने एक जाट रक्षक के बारे में कहा था – ये जाट लोग पता नहीं किस मिट्टी से बने हैं, थकना तो जानते ही नहीं । 36. अंग्रेज हर प्रकार की कोशिशों के बावजूद चार महीने लड़ाई लड़कर भी भरतपुर को विजय नहीं कर पाये तो लार्ड लेकेक ने लिखा है – हमारी स्थिति यह है कि मार करने वाली सभी तोपें बेकार हो गई हैं और भारी गोलियाँ पूर्णतः समाप्त हो गई हैं । हमारे एक तिहाई अधिकारी व सैनिक मारे जा चुके हैं । जाटों को जीतना असम्भव लगता है । उस समय वहाँ की जनता में यह दोहा गाया जाता था- यही भरतपुर दुर्ग है, दूसह दीह भयंकार | जहाँ जटन के छोकरे, दीह सुभट पछार || 37. बूंदी रियासत के महाकवि ने महाराजा सूरजमल के बारे में एक बार यह दोहा गाया था – सहयो भले ही जटनी जाय अरिष्ट अरिष्ट | जापर तस रविमल्ल हुवे आमेरन को इष्ट || अर्थात् जाटनी की प्रसव पीड़ा बेकार नहीं गई, उसने ऐसे प्रतापी राजा तक को जन्म दिया जिसने आमेर व जयपुर वालों की भी रक्षा की (यह बात महाराजा सूरजमल के बारे में कही गई थी जब उन्होंने आमेर व जयपुर राजपूत राजाओं की रक्षा की) । 38. इतिहासकार डॉ० जे. एन. सरकार ने सूरजमल के बारे में लिखा है – यह जाटवंश का अफलातून राजा था । 39. इतिहासकार डी.सी. वर्मा:- महाराजा सूरजमल जाटों के प्लेटो थे। 40. बादशाह आलमगीर द्वितीय ने महाराजा सूरजमल के बारे में अब्दाली को लिखा था – जाट जाति जो भारत में रहती है, वह और उसका राजा इतना शक्तिशाली हो गया है कि उसकी खुली खुलती है और बंधी बंधती है । 41. कर्नल अल्कोट – हमें यह कहने का अधिकार है कि 4000 ईसा पूर्व भारत से आने वाले जाटों ने ही मिश्र (इजिप्ट) का निर्माण किया । 42. यूरोपीयन इतिहासकार मि० टसीटस ने लिखा है – जर्मन लोगों को प्रातः उठकर स्नान करने की आदत जाटों ने डाली । घोड़ों की पूजा भी जाटों ने स्थानीय जर्मन लोगों को सिखलाई । घोड़ों की सवारी जाटों की मनपसंद सवारी है । 43. तैमूर लंग – घोड़े के बगैर जाट, बगैर शक्ति का हो जाता है । (हमें याद है आज से लगभग 50 वर्ष पहले तक हर गाँव में अनेक घोडे, घोड़ियाँ जाटों के घरों में होती थीं । अब भी पंजाब व हरयाणा में जाटों के अपने घोड़े पालने के फार्म हैं – लेखक) 44. भारतीय सेना के ले० जनरल के. पी. कैण्डेय ने सन् 1971 के युद्ध के बाद कहा था – अगर जाट न होते तो फाजिल्का का भारत के मानचित्र में नामोनिशान न रहता । 45. इसी लड़ाई (सन् 1971) के बाद एक पाकिस्तानी मेजर जनरल ने कहा था – चौथी जाट बटालियन का आक्रमण भयंकर था जिसे रोकना उसकी सेना के बस की बात नहीं रही । (पूर्व कप्तान हवासिंह डागर गांव कमोद जिला भिवानी (हरयाणा) जो 4 बटालियन की इस लड़ाई में थे, ने बतलाया कि लड़ाई से पहले बटालियन कमाण्डर ने भरतपुर के जाटों का इतिहास दोहराया था जिसमें जाट मुगलों का सिहांसन और लाल किले के किवाड़ तक उखाड़ ले गये थे । पाकिस्तानी अफसर मेजर जनरल मुकीम खान पाकिस्तानी दसवें डिवीजन के कमांडर थे ।) 46. भूतपूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन ने जाट सेण्टर बरेली में भाषण दिया – जाटों का इतिहास भारत का इतिहास है और जाट रेजिमेंट का इतिहास भारतीय सेना का इतिहास है । पश्चिम में फ्रांस से पूर्व में चीन तक ‘जाट बलवान्-जय भगवान्’ का रणघोष गूंजता रहा है । 47. विख्यात पत्रकार खुशवन्तसिंह ने लिखा है – (i) “The Jat was born worker and warrior. He tilled his land with his sword girded round his waist. He fought more battles for the defence for his homestead than other Khashtriyas” अर्थात् जाट जन्म से ही कर्मयोगी तथा लड़ाकू रहा है जो हल चलाते समय अपनी कमर से तलवार बांध कर रखता था। किसी भी अन्य क्षत्रिय से उसने मातृभूमि की ज्यादा रक्षा की है । (ii) पंचायती संस्था जाटों की देन है और हर जाटों का गांव एक छोटा गणतन्त्र है । 48. जब 25 दिसम्बर 1763 को जाट प्रतापी राजा सूरजमल शाहदरा में धोखे से मारे गये तो मुगलों को विश्वास ही नहीं हुआ और बादशाह शाहआलम द्वितीय ने कहा – जाट मरा तब जानिये जब तेरहवीं हो जाये । (यह बात विद्वान् कुर्क ने भी कही थी ।) 49. टी.वी History Channel ने एक दिन द्वितीय विश्वयुद्ध के इतिहास को दोहराते हुए दिखलाया था कि जब सन् 1943 में फ्रांस पर जर्मनी का कब्जा था तो जुलाई 1943 में सहयोगी सेनाओं ने फ्रांस में जर्मन सेना पर जबरदस्त हमला बोल दिया तो जर्मन सेना के पैर उखड़ने लगे । एक जर्मन एरिया कमांडर ने अपने सैट से अपने बड़े अधिकारी को यह संदेश भेजा कि ज्यादा से ज्यादा गुट्ठा सैनिकों की टुकड़ियाँ भेजो । जब उसे यह मदद नहीं मिली तो वह अपनी गिरफ्तारी के डर में स्वास्तिक निशानवाले झण्डे को सेल्यूट करके स्वयं को गोली मार लेता है । याद रहे जर्मनी में जाटों को गुट्टा के उच्चारण से ही बोला जाता है । – (लेखक) 50. एक बार अलाउद्दीन ने देहली के कोतवाल से कहा था – इन जाटों को नहीं छेड़ना चाहिए । ये बहादुर लोग ततैये के छत्ते की तरह हैं, एक बार छिड़ने पर पीछा नहीं छोड़ते हैं । 51. इतिहासकार मो० इलियट ने लिखा है – जाट वीर जाति सदैव से एकतंत्री शासन सत्ता की विरोधी रही है तथा ये प्रजातंत्री हैं । 52. संत कवि गरीबदास – जाट सोई पांचों झटकै, खासी मन ज्यों निशदिन अटकै । (जो पाँचों इन्द्रियों का दमन करके, बुरे संकल्पों से दूर रहकर भक्ति करे, वास्तव में जाट है । 53. महान् इतिहासकार कालिकारंजन कानूनगो – (क) एक जाट वही करता है जो वह ठीक समझता है । (इसी कारण जाट अधिकारियों को अपने उच्च अधिकारियों से अनबन का सामना करना पड़ता है – लेखक) (ख) जाट एक ऐसी जाति है जो इतनी अधिक व्यापक और संख्या की दृष्टि से इतनी अधिक है कि उसे एक राष्ट्र की संज्ञा प्रदान की जा सकती है । (ग) ऐतिहासिक काल से जाट बिरादरी हिन्दू समाज के अत्याचारों से भागकर निकलने वाले लोगों को शरण देती आई, उसने दलितों और अछूतों को ऊपर उठाया है । उनको समाज में सम्मानित स्थान प्रदान कराया है। (लेकिन ब्राह्मणवाद तो यह प्रचार करता रहा कि शूद्र वर्ग का शोषण जाटों ने किया – लेखक) (घ) हिन्दुओं की तीनों बड़ी जातियों में जाट कौम वर्तमान में सबसे बेहतर पुराने आर्य हैं। 54. महान् इतिहासकार ठाकुर देशराज – जाटों को मुगलों ने परखा, पठानों ने इनकी चासनी ली, अंग्रेजों ने पैंतरे देखे और इन्होंने फ्रांस एवं जर्मनी की भूमि पर बाहदुरी दिखाकर सिद्ध किया कि जाट महान् क्षत्रिय हैं । 55. पं० इन्द्र विद्यावाचस्पति- जाटों को प्रेम से वश में करना जैसा सरल है, आँख दिखाकर दबाना उतना ही कठिन है । 56. कवि शिवकुमार प्रेमी – जाट जाट को मारता यही है भारी खोट || ये सारे मिल जायें तो अजेय इनका कोट || (कोट का अर्थ किला) इसीलिए तो कहा जाता है – जाटड़ा और काटड़ा अपने को मारता है । (लेखक) 57. विद्वान् विलियम क्रूक – (i) जाट विभिन्न धार्मिक संगठनों व मतों के अनुयायी होने पर भी जातीय अभिमान से ओतप्रोत हैं । भूमि के सफल जोता, क्रान्तिकारी, मेहनती जमीदार तथा युद्ध योद्धा हैं । (इसीलिए तो जाटों या जट्टों के लड़के अपनी गाड़ियों के पीछे लिखवाते हैं – ‘जट्ट दी गड्डी’, ‘जाट की सवारी’ ‘जहाँ जाट वहाँ ठाठ’, ‘जाट के ठाठ’ तथा ‘Jat Boy’ आदि-आदि – लेखक । (ii) स्पेन, गाल, जटलैण्ड, स्काटलैण्ड और रोम पर जाटों ने फतेह कर बस्तियां बसाई । 58. विद्वान् ए.एच. बिगले – जाट शब्द की व्याख्या करने की आवश्यकता नहीं है । यह ऋग्वेद, पुराण और मनुस्मृति आदि अत्यन्त प्राचीन ग्रन्थों से स्वतः सिद्ध है । यह तो वह वृक्ष है जिससे समय-समय पर जातियों की उत्पनि हुई । 59. विद्वान् कनिंघम – प्रायः देखा गया है कि जाट के मुकाबले राजपूत विलासप्रिय, भूस्वामी गुजर और मीणा सुस्त अथवा गरीब, कास्तकार तथा पशुपालन के स्वाभाविक शोकीन, पशु चराने में सिद्धहस्त हैं, जबकि जाट मेहनती जमीदार तथा पशुपालक हैं । 60. विख्यात इतिहासकार यदुनाथ सरकार – जाट समाज में जाटनियां परिश्रम करना अपना राष्ट्रीय धर्म समझती हैं, इसलिए वे सदैव जाटों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर कार्य करती हैं । वे आलसी जीवन के प्रति मोह नहीं रखती । 61. प्राचीन इतिहासकार मनूची – जाटनियां राजनैतिक रंगमंच पर समान रूप से उत्तरदायित्व निभाती हैं । खेत में व रणक्षेत्र में अपने पति का साथ देती हैं और आपातकाल के समय अपने धर्म की रक्षा में प्रोणोर्त्सग (प्राणत्याग) करना अपना पवित्र धर्म समझती हैं । 62. जैक्मो फ्रांसी इतिहासकार व यात्री लिखता है – महाराजा रणजीतसिंह पहला भारतीय है जो जिज्ञासावृत्ति में सम्पूर्ण राजाओं से बढ़ाचढ़ा है । वह इतना बड़ा जिज्ञासु कहा जाना चाहिए कि मानो अपनी सम्पूर्ण जाति की उदासीनता को वह पूरा करता है । वह असीम साहसी शूरवीर है । उसकी बातचीत से सदा भय सा लगता है। उन्होंने अपनी किसी विजययात्रा में कहीं भी निर्दयता का व्यवहार नहीं किया । 63. यूरोपीय यात्री प्रिन्सेप – एक अकले आदमी द्वारा इतना विशाल राज्य इतने कम अत्याचारों से कभी स्थापित नहीं किया गया । अद्भुत वीरता, धीरता, शूरता में समकालीन सभी भारतीय नरेशों के शिरमौर थे । दूसरे शब्दों में पंजाबकेसरी महाराजा रणजीतसिंह भारत का नैपोलियन था। 64. महान् इतिहासकार उपेन्द्रनाथ शर्मा – जाट जाति करोड़ों की संख्या में प्रगितिशील उत्पादक और राष्ट्ररक्षक सैनिक के रूप में विशाल भूखण्ड पर बसी हुई है। इनकी उत्पदाक भूमि स्वयं एक विशाल राष्ट्र का प्रतीक है । 65. विद्वान् सर डारलिंग – ‘‘सारे भारत में जाटों से अच्छी ऐसी कोई जाति नहीं है जिसके सदस्य एक साथ कर्मठ किसान और जीवंत जवान हों।’’ 66. महान् इतिहासकार सर हर्बट रिसले – जाट और राजपूत ही वैदिक आर्यों के वास्तविक उत्तराधिकारी हैं । 67. फील्ड मार्शल माउंट गुमरी – “Jat is true soldier. I will be happy to die with dignity amongst Jats Regt. My soul will be bless with peace.” अर्थात् ‘‘जाट एक सच्चा सैनिक है । मुझे खुशी होगी यदि मैं जाटों के बीच रहकर इज्जत से मर जांऊ ताकि मेरी आत्मा को शान्ति मिल सके ।” 68. अंग्रेज प्रमुख जनरल ओचिनलैक (बाद में फील्ड मार्शल) – ‘‘If things looked back and danger threatened I would ask nothing better than to have Jats beside me in the face of the enemy” अर्थात “हालात बिगड़ते हैं और खतरा आता है तो जाटों को साथ रखने से बेहतर और कुछ नहीं होगा ताकि मैं दुश्मन से लड़ सकूं ।” 69. क्रान्तिदर्शी राजा महेन्द्रप्रताप – “हमारी जाति बहादुर है । देश के लिए समर्पित कौम है । चाहे खेत हो या सीमा । धरतीपुत्र जाटों पर मुझे नाज़ है ।” 70. पं. जवाहरलाल नेहरू – ‘‘दिल्ली के आसपास चारों ओर जाट एक ऐसी महान् बहादुर कौम बसती है, वह यदि आपस में मिल जाये और चाहे तो दिल्ली पर कब्जा कर सकती है ।” (यह पंडित नेहरू ने सन् 1947 से पहले कहा था, लेकिन पंडित जी देश आजाद होने के बाद जाटों को भूल गये और उन्होंने अपने जीते जी कभी किसी हिन्दू जाट को केन्द्रीय सरकार में किसी भी मंत्री पद पर फटकने नहीं दिया – लेखक) 71. स्वामी ओमानन्द सरस्वती तथा वेदव्रत्त शास्त्री – (देशभक्तों के बलिदान ग्रंथ में) – ‘‘ईरान से लेकर इलाहाबाद तक जाटों के वीरत्व व बलिदानों का इतिहास चप्पे-चप्पे पर बिखरा पड़ा है । क्या कभी कोई माई का लाल इनका संग्रह कर पाएगा ? काश ! जाट तलवार की तरह कलम का भी धनी होता।” 72. डॉ० बी.एस. दहिया ने अपनी पुस्तक Jats- The Ancient Rulers अर्थात्- ‘‘जाट प्राचीन शासक हैं’’ में लिखा है -‘‘There is no battle worth its name in The World History where the Jat Blood did not irrigate The Mother Earth’’ अर्थात्- ‘‘विश्व में ऐसी कोई भी लड़ाई नहीं हुई, जिसमें जाटों ने अपनी मातृभूमि के लिए खून न बहाया हो ।” (काश ! यह देश और इस देश के इतिहासकार इसे समझ पाते- लेखक) 73. विद्वान् इतिहासकार डॉ० धर्मकीर्ति – (i) आगरा के ताजमहल और लाल किले को लूट ले जाना, सिकन्दरा में अकबर की कब्र के भवन और एत्माद्दौला की कब्र के ऐतिहासिक भवन में भूसा भरकर आग लगा देना, जिसके परिणामस्वरूप इन भवनों के काले पड़े हुए पत्थर आज भी (बौद्ध) जाटों के शौर्य की वीरगाथा गा रहे हैं । (ii) “वर्तमान जाट जाति को इस बात का गर्व से अनुभव करना चाहिए कि उनके पूर्वज बौद्ध नरेश असुवर्मा नेपाल के प्रसिद्ध राजा हो चुके हैं।” (इन्हीं विद्वान् ने सम्राट् कनिष्क से लेकर सम्राट् विजयनाग तक 17 बौद्ध जाट राजाओं का उनके काल तथा संसार में उनके राज्य क्षेत्र का वर्णन किया है – लेखक) 74. विद्वान् मोरेरीसन – “The Jats and Rajputs of the Doab are descendents of the late Aryans” अर्थात् दोआबा के जाट और राजपूत आर्यों के वंशज हैं। 75. विद्वान् नेशफिल्ड – “जाटों से राजपूत हो सकते हैं परन्तु राजपूतों से जाट कभी नहीं हो सकते हैं ।” 76. प्रो० मैक्समूलर – “सारे भूमण्डल पर जाट रहते हैं और जर्मनी इन्हीं आर्य वीरों की भूमि है ।” 77. इतिहासकार बलिदबिन अब्दुल मलिक – “अरब की हिफाजत के लिए हमने जाटों का सहारा लिया ।” 78. सुल्तान मोहम्मद – “जाट कौम का डर मेरे ख्वाब में भी रहता है । इन्होंने मुझे कभी खिराज नहीं दिया ।” 79. प्रो० बी. एस. ढिल्लों – “मोहम्मद गजनी ने जाटों को खुश करने के लिए साहू जाटों से अपनी बहिन का विवाह किया था ।” (पुस्तक – ‘हिस्ट्री एण्ड स्टडी ऑफ दी जाट’- मूलस्रोत – सर ए. कनिंघम) । 80. कैप्टन फॉलकॉन – (i) “The Jats are throughly independent in character and assert personal and indivisual freedom as against communal or tribal control more strongly than other people.” अर्थात् जाट चारित्रिक रूप से पूर्णतया आजाद होते हैं जो निजी तौर पर दूसरों की तुलना में साम्प्रदायिक विरोधी होते हैं । (ii) गोत्र प्रथा को कैनेडा, अमरीका व इंग्लैण्ड में बसने वाले जाट भी मानते हैं । 81. प्रो० पी.टी. ग्रीव – “जाट केवल भगवान के सामने ही अपने घुटनों को झुकाता है क्योंकि वह नेता होता है, अनुयायी नहीं ।” 82. विद्वान् टॉलबोट राईस – “याद रहे चीन ने 1500 मील लम्बी और 35 फिट ऊंची दीवार जाटों से बचने के लिए ही बनाई थी ।” 83. इतिहासकार जे.सी. मोर – “जाट वास्तव में हिन्दुओं की जाति नहीं है, यह एक नस्ल है।” 84. विद्वान् डॉ० वाडिल – “गुट, गोट, गुट्टी, गुट्टा, गोटी और गोथ आदि जाटों के नाम के ही शाब्दिक उच्चारण के विभिन्न रूप हैं, जो मध्यपूर्व में महान् शासक हुए हैं ।” 85. विद्वान् जनरल सर मैकमन – (i) जाट बहुत ताकतवर और कठिन परिश्रमी किसान हैं जो हाथ में हल लेकर पैदा होता है । (ii) जाटों ने हमेशा अपनी लड़ने की योग्यता को कायम रखा, इसी कारण प्रथम विश्वयुद्ध में केवल जाटों की छटी रेजीमेंट को रॉयल की उपाधि मिली । 86. विद्वान् लेनेन पूले – “गजनी ने अपने कमांडर नियालटगेन को पंजाब में तैनात किया तो जाट उसका सिर काट ले गए और वही सिर उन्होंने गजनी को चांदी के सैकड़ों-हजारों सिक्कों के बदले वापिस किया ।” 87. विद्वान् ब्री० सर साईक्स – “आठवीं सदी के आरम्भ में बसरा-बगदाद की लड़ाई में जाटों ने खलीफा को हराया तो वहां के प्रसिद्ध जाट कवि टाबारी ने पर्सियन भाषा में इस प्रकार गाया- (अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद) ओह ! बगदाद के लोग मर गए, तुम्हारा साहस भी हमेशा के लिए । हम जाटों ने तुम्हें हराया, हम तुम्हें लड़ने के लिए मैदान में घसीट लाए । हम जाट तुम्हें ऐसे खींच लाए, जैसे पशुओं के झुंड से कमजोर पशु को । 88. विद्वान् मेजर बरस्टो – “जाटों की विशेषता है कि वे अपने गोत्र में शादी नहीं करते चाहे वह हिन्दू जाट हो या पंजाबी । क्योंकि जाट इसे व्यभिचार मानते हैं ।” 89. डॉ० रिस्ले – “When Jat runs wild it needs God to hold him back अर्थात् यदि जाट बिगड़ जाए तो उसे भगवान ही काबू कर सकता है ।” 90. रूसी इतिहासकार के.एम. सेफकुदरात ने अगस्त 1964 में मास्को में एक भाषण दिया जो भारतीय समाचार पत्रों में भी छपा था और उसने कहा “I studied the histories of various sects before I visited India in 1957. It was found that Jats live in an area extending from India to Central Asia and Central Europe. They are known by different names in different countries and they speak different languages but they are all one as regards their origin.” अर्थात् “मैंने 1967 से पहले भारत की यात्रा करने से पहले इतिहास के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया और पाया कि जाट भारत से मध्य एशिया और मध्य यूरोप तक रहते हैं वे अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जाने जाते हैं और वे भाषाएं भी अलग बोलते हैं । लेकिन उन सभी का निकास एक ही है ।” इसलिए जाट कौम एक ग्लोबल नस्ल है । 91. इतिहासकार डॉ० सुखीराम रावत (पलवल) – “राजा गज ने गजनी के पास वर्तमान में अफगानिस्तान में बामियान के पास बुद्ध का विश्वप्रसिद्ध स्तूप बनवाया जिसे तालिबानियों ने सन् 2001 में संसार के सभी देशों की परवाह न करते हुए डाइनामाइट से उड़वा दिया ।” 92. इतिहासकार महीपाल आर्य (मतलौडा) – “चित्तौड़, उदयपुर, नेपाल तथा महाराष्ट्र में गहलौत जाटों का राज था । बप्पारावल, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी तथा नेपाल के राणावंश नरेश सभी जाट योद्धा थे ।” 93. चौ० ओमप्रकाश पत्रकार (रोहतक) – “मकौड़ा, घोड़ा और जठोड़ा पकड़ने पर कभी छोड़ते नहीं ।” 94. चौ० ईश्वरसिंह गहलोत (विख्यात जाट गायक) – “आज भी काबुल चिल्ला रहा है, बंद करो फाटक रणजीत आ रहा है ।” 95. पंजाब केसरी पत्र ने अपने धारावाहिक सम्पादकीय दिनांक 25.09.2002 को झूठा इतिहास – झूठे लोग में लिखा – “जाटों का इतिहास देख लें ! बड़ा ही गौरवपूर्ण इतिहास है ! इतना गौरवपूर्ण कि वैसा इतिहास खोजना मुश्किल हो जाए । इतिहासकारों ने इसे इतना तरोड़-मरोड़ कर लिखा है कि जिसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है । क्या यह सब महज इत्तिफाक है ?” (यह इतिफाक नहीं था, जाटों के इतिहास के साथ इसलिए हुआ कि पहले जाट बौद्धधर्मी थे और भारत का ब्राह्मणवाद बौद्ध धर्म का दुश्मन रहा जो स्वयं इतिहासकार थे, इसलिए ऐसा करना ही था । क्योंकि यदि भारत का सच्चा इतिहास सामने आयेगा तो ऐसे लोगों का गर्व-खर्व होना निश्चित है – लेखक) । 96. बी.बी.सी. लंदन (जयपुर संवाददाता) “जाट जब अपने असली रूप में आ जाये तो वह हिमालय को भी चीर सकता है । हिन्दमहासागर को भी पार कर सकता है । थार के रेगिस्तान में बसे करोड़ों धरतीपुत्रों ने रैली को रैला बनाकर हिन्दुस्तान की सत्ता को थर्रा दिया था और आज 20 अक्तूबर 1999 को राजस्थान सरकार को जाटों को ओ. बी. सी. का आरक्षण देना ही पड़ा ।” (क्या शेष भारत के जाट, जाट नहीं हैं ? रोजाना रैलियों में दौड़ते भागते रहते हैं अपने हक के लिए (आरक्षण के लिए) नहीं लड़ सकते हैं ? – लेखक) 97. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे सिधिंया ने दिनांक 07.05.2004 को हांसी में संसद चुनाव में वोट मांगते हुए कहा- “मैं बहादुर जाटों की बहू हूँ इसलिए उनसे वोट मांगने का मेरा अधिकार है ।” 98. गुर्जर इतिहास (पेज नं० 3, लेखक राणा अली हसन चौहान, पाकिस्तान) – “जाट शुद्ध आर्यों की जाति है ।” 99. विख्यात फिल्म अभिनेता धर्मेन्द्र ने सन् 2005 में बिजनौर (उत्तर प्रदेश) की एक जनसभा में कहा- “मैं जाट जाति में पैदा होकर गौरव का अनुभव करता हूँ ।” 100. लेखक – “जाट इतिहास कोई भंगेड़ियों, भगोड़ों व भाड़े का इतिहास नहीं, यह सच्चे वीरों का इतिहास है।” इन टिप्पणियों से यह स्पष्ट हो जाता है कि जाट जाति का चरित्र कैसा रहा है तथा यह कितनी महान् जाति रही । इसलिए गर्व से कहो हम जाट हैं
नम्स्कार सिर मेरी गोत्र है बमोठा या भमोठा ओर. मेरे मा पापा अब न्ही है ओर मैने पता किया तो बताया गया कि आपकि गोउत्र वाले रजस्थान मे है पर मेको आज तक कोइ न्हि मिला ओर ना आप्की इस लिस्ट मे नाम भि न्हि है मेरि गोत्र का आप ब्ता सकते है कुछ.
Kya shriman ji kuch gotron ko jo similar hai ya purani gotra ka mordanlization karke ek nayi gotra ban gyi to hme chahia ki phrani ko sabkos ya list se mitana chahia or each jati, gotra ka registration hona chahia v sudhikaran ek national aadesh ke dwara hona chahia jaise purani gotra “bhakar” se convert “Bhaskar” ban gyi to log dono ko use ho rha hai so should be some things Mahendra Kumar Bhaskar
आपकी जय हो। शस्त्र और शास्त्र दोनों का ज्ञान धारण करने योग्य पीढीयों का निर्माण करना होगा तभी श्रेष्ठता बनी रहेगी अन्यथा अपनी श्रेष्ठता का ही नहीं अपनी जाति का ही लोप हो जाएगा!
Saarey commentaa mein sabtey shyaani baat tanney kahi. Jeeb Saraan ka khoon laal hai fir. Bhagvaan ke banaye insaano mein her- fer- badal kyaan baat khaatar karna. Jeeb kissey key gelyaan galat hoyaa karey hai na. Tab ander key khoon ka ubaal aapey likdyaavey hai. Jai Bholenatthji ki fikar ni kiyaani baat ki. ☘️️हर हर हर महादेवजी saaraan ki atma app sey hi hai.
“Hitler Jaat tha?” Fake conspiracy ki saari hadein paar kr di hain. Aascharya ki baat nhi h ki koi jaat ithihas ko seriously nhi leta kyunki ithihas k naam pr kuch bhi parosh diya jaata hai.
जिस प्रकार हमारे इतिहास को दबाया गया है उसे आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान और वीरता की गाथाओं की जानकारी देने का प्रयास करे और इन सब की पुस्तके अधिक से अधिक उपलब्ध करवाए । जय जाट एकता
Bhai mere paas shabd nhi hai aapke liye!!! Bhai kya kahu yaar!!! Yaha log sueajmal se aage naam hi nhi jaante hai. Hume ek kissan jaati kaha jaata hai. Hum kshatriya nhi aur vo jo na khi sports mein bs apni long family motivation ki vjh se kshatriya Ye kon smjhaye ki aaj jo bhala fek rha hai shayad ussi ke purvajo ne bhi feka hoga Hamari caste mein bs ek hi kami hai ki hum nuclear level pe hi ye soch rkhte hai ki hum jaat hai ham raj nhi krte the vo to thakar the jbki kon smjhaye Aur hum sirf yadu nhi hai hum hi kaurav aur hum hi pandavo ke vanshaj hai!!
यह तो ठीक है।।लेकिन यदि आप अपने को वैदिक क्षतिर्य कुल से जोडें तो यदुकुल, या रघूकुल मै किस कुल से सम्बन्धित हैं।।पंजाब मै जट का मतलब किसान हैं।। और भारतबर्ष मै किसान हर वर्ग में है।।
I have proud that’s born in jat family . JAT always Justices atamsman truths. With hard work I achieved my aim today become as CHAIRMAN of Zila prishad bhiwani haryana .jai hind Ramesh olla chairman zila parished bhiwani haryana 09827165959
मुझे अपने आप पर गर्व महसूस करता हु कि मेरा इस महान जाति में जन्म हुआ है।मैं भगवान से यही पार्थना करता हु कि मुझे हर बार जाट जाति में ही जन्म दे। जय जाट जय हरियाणा। जय भारत।
मुझे जाट जाति पर गर्व है। मै जाट हू । मुझे फिर जन्म मीले तो ईसी क्षत्रिय कोम मे मिले। मेरा जाट कोम से निवेदन है कि सभी ऐक हौगे तभी हमारा विकास औऱ उत्थान सम्भव हैं। जय जाट । जय भारत ।
delhipar jatoka sashan hoga parantu dukh aapme irsa jayada haiisiliye aap raj nahi kar sakte bat ke khana aapne nahi sikha isliye aaj tak aapka raj delhi par nahi uaa aap up hariyna rajasthan panjab me bat gae sa ek ho jao tum badsha ho delhi ke pradeep deshwal jat
मुझे भी जाट होने पर गर्व है। मैं सर्वांग गोत्र का जाट हूं। लेकिन मेरा गोत्र इस लिस्ट में नहीं है। मेरा गांव सारंगपुर दिल्ली में है। सारंग ओर सरावगी गोत्र तो है। ऐसा क्यों है।
8432291458 जाट समाज ने एक अलग पहचान बनाई है जेसे फोज। पुलिस विभाग में नेटवर्किंग मार्केट में किर्केट कब्बडी में राजनीति हर बड़े बड़े जगह पर कामयाबी पाई है जय जाट समाज जय श्री तेजाजी महाराज की जय
मुझे गर्व है कि मैं जाट हु मेरी गोऋ रियाड़ है जो इस लिस्ट मे है पर मेरे कुलदेवता (घर का भेरूजी )का पता नहीं लग रहा है मेरे सारे प्रयास विफल रहै है अगर आपको पता हो जाटो मैं रियाड़ गोऋ के भेरूजी तो बताना प्लीज़ उदयलालजाट गोऋ रियाड़ गांव नंगा जी का खेड़ा (फलासिया) सांवरिया जी जिला चित्तोड़ गढ़ राजस्थान 9413782042
Hi Friends, Recently came to know about a Jat Ashram in Vrindavan founded by Jat, named as Nirbhaya Ashram. In an bad shape, as need money to renovate, I have taken the responsibility to collect sufficient fund to Renovate the one and only Jat Ashram in Vrindavan on Parikrama Marg. Other community have beautiful Ashram, so now we have to ensure for renovation. My contact no. is 88821-52577 Queries are welcome. Awaiting the response.
मुझे गर्व है मैं जाट हूँ व अहलावत गोत्र में पैदा हुआ । मैं हरियाणा के अग्रणी गाँव खरकड़ा ज़िला रोहतक का निवासी हूँ ।यदि किसी भाई को मेरे कुल देवता का पता चले तो ज़रूर बताना । चौधरी छोटू राम ज़िंदाबाद जय जवान जय किसान ।जय जाट !!!
त November 17, 2018 at 10:53 pm Your comment is awaiting moderation.
मुझे गर्व है मैं जाट हूँ व अहलावत गोत्र में पैदा हुआ । मैं हरियाणा के अग्रणी गाँव खरकड़ा ज़िला रोहतक का निवासी हूँ ।यदि किसी भाई को मेरे कुल देवता का पता चले तो ज़रूर बताना । चौधरी छोटू राम ज़िंदाबाद जय जवान जय किसान ।जय जाट !!!
mera Name-vinod kumar h me Bharatpur Rajesthan se hu me JAT cast ko belong kerta hu mera Gotra NEEDENWAR h es gotra ka list me kahi bhi name nahi h bujerg log pashmi rajesthan se aye h Esa batate h
I proud to become jaat , aacha feel hota hai jab koi puchta hai kon ho , mai kahta hu “jaat” ye sunkar banda 2 kadam piche hat jata hai. I love all jaat.
भाई मैं मदीना गांव से हुँ गोहाना तहसील से मैं मलिक हुं मुझे गर्व है जाट होने पर भगवान से प्रार्थना करता हूं अगले जन्म में भी मुझे जाट समुदाय में ही पैदा करना इस लिस्ट में मलिक गोत्र का कहीं जिक्र नहीं किया गया है मलिक गोत्र कि भी जानकारी देने कि कृपया करना । जय जाट जाट महान
Sir meri gotra Shringi hai aur cast dhawan from Lahore partition se pehle se. Ab mujhe apne kuldevi ka gyan nahi hai kripya aap humen bata satke hai ke hamari kuldevi aur devta kaun hai. kripya meri madad kare. Dhanyawaad.
भाई जी मैं ये जानना चाहती हूँ कि तल्लै गोत्र जाटों में होता है या कलीलों में? मैंने एक जाट परिवार में ये गोत्र सुना है, और कहीं नहीं सुना। कृपया बताने की कृपा करें।
मेरा नाम Arun Roy हैं में बिहार से हूँ में जाट हूँ मेरा गोऋ हैं उदेगा हैं मेरा ससुराल का गोऋ हैं महलौत हैं और बिहार कम जनसंख्या में है मिला जुला कर 1 लाख होगा
बहुत अच्छी जानकारी है हमे गर्व है ऐसी जानकारी देने के लिए हम जाट है https://www.youtube.com/watch?v=yl0UIetYjhY जाटों के बारे में रोचक जानकारी के लिए आप यहां भी देख सकते है
मूर्ख जाटों को पंजाबी में जट बोलते है पंजाब की सभी रियासतों के राजा जाट/जट है तेरे को किसने बोल दिया पंजाब में जट का अर्थ किसानहै। मैं पंजाब से सिख जट(जाट) हूँ
मै भी रणवाॅ गोत्र का जाट हूँ राजस्थान के सीकर जिले से ओर जाट होने का मुझे गर्व महसूस होता है ।ओर हमारी कुल देवी दधिमति माता है। जय भोले नाथ बाबा जीक की ,जय श्री तेजाजी महाराज जी की जय।
हमें जाट के घर में जन्म मिला है हमारा सौभाग्य है और हमें गर्व होना चाहिए की भगवान ने हमें जाट के घर में जन्म ले लेने का अवसर दिया है हमें अपने वैदिक परंपराओं को अपनाते हुए सनातन संस्कृति की मुख्यधारा में बहते हुए अपने जीवन के साथ साथ प्राणी मात्र के जीवन के कल्याण के बारे में सोचते हुए प्रकृति के प्रति समर्पण रहना चाहिए। मैं समस्त जाट भाइयों से निवेदन करना चाहूंगा की शाकाहार और गुरुकुल पद्धति व गौ सेवा को बढ़ावा देते हुए अपने संतानों को सुसंस्कारवान और धर्म के प्रति आस्थावान बनानेमें अपना योगदान दें ताकि हमारी सनातन संस्कृति का झंडा एक बार पुनः विश्व धरोहर पर लहराए और भारत को विश्व गुरु बनाने में हम अपने आप को समर्पित कर सकें। हरि ओम तत्सत
मैं राजस्थान के बाड़मेर जिले का हुड्डा जाट हूं मुझे असली जाट होने पर इतना गर्व है कि मेरे पास इस कौम की ताक़त और सच्चाई बताने के शब्द नहीं मिल रहे सताराम हुड्डा आंटा रामसर बाड़मेर
जाट तो वो कौम हैं जिसका रुतबा बच्चो और बड़ों का समान होता है । मै भी जाट जाति के खरबास गौत्र मै जन्म लेने वाला एक सौभाग्यशाली प्राणी हू Thanks god आशा करता हूँ मेरा अगला जन्म भी इसी जाट जाति मै हो ।
जाट जाति के जितने भी गोत्र वेबसाइट पर हैं उनमे से 65% गलत है। जो मन में आया वही गोत्र लिख दिया। पता नहीं कहा से लिखा है लेकिन कृपया सभी से अनुरोध है की कोई भी टिप्पणी या जानकारी साझा करें करने से पहले उसे जांच पद्दताल कर ले उसके बाद ही उस ऊपर अपना मत/ बात शेयर करे। बिना पुरा पढ़े ही … (good, अच्छा किया, जाट होने पर गर्व है, अच्छी जानकारी।, well done, thank you) is type ke comment na kro. आधे से ज्यादा गोत्र jhuthe/ galat है। कुछ गोत्र तो ऐसे लिखे हैं जिन्को पढ़ कर ही दिमाग kharab होता है। क्यू Jato को बदनाम करने की कोसिस कर रहे हो। जिसne भी ये वेबसाइट बनाई है उसे ये डेटा कहा से कलेक्ट किया? कहा से उसे सारे गोत्र पता हुए, करिप्या कर के मुझे भी बताye। या Is se पहले जो बकवास गोत्र या झुठे मन गदंत गोत्र लेखे हुए हैं उनको हटाओ। Sabhi se request hai, please read the all gotra carefully you if are a Jat/ Jaat and comment accordingly. If you are not then comment as usual you are doing. And try to get remove from here unacceptable gotra e.g. Hijra, Hinjar, Hinjara, heer, hir, Sadele, Shyam, shero, sheru, Shive, shiva and many more… all these are fake and seems like made by this website owner.
मेरा नाम प्रिंस तालियान हैं। मैं ग्राम छुर तहसील सरधना जिला मेरठ से तालुक रखता हूं। मुझे तालियान गोत्र की कुलदेवी का ज्ञात नही है कृपा करके मुझे हमारी कुलदेवी के बारे में ज्ञात कराने का कष्ट करे। धन्यवाद।
मेरा गोत्र दांघड गोत्र है हम लोग उत्तर प्रदेश के जिला बागपत में पांच गांव खेड़ा हटाना खामपुर राजपुर लुहारी के नाम से जाने जाते हैं निवेदन है कि यह बुक या अन्य किताब में यहां दांघड गोत्र वर्णित है मुझे भेजने की कृपा करें 9457886574
अगर जाट हो तो पूरा पढ़ना
गर्व से कहो हम जाट हैं, मगर क्यों ?
स्वयं को महान् कहने से कोई महान् नहीं बनता । महान् किसी भी व्यक्ति व कौम को उसके महान् कारनामे बनाते हैं और उन कारनामों को दूसरे लोगों को देर-सवेर स्वीकार करना ही पड़ता है। देव-संहिता को लिखने वाला कोई जाट नहीं था, बल्कि एक ब्राह्मणवादी था जिसके हृदय में इन्सानियत थी उसने इस सच्चाई को अपने हृदय की गहराई से शंकर और पार्वती के संवाद के रूप में बयान किया कि जब पार्वती ने शंकर जी से पूछा कि ये जाट कौन हैं, तो शंकर जी ने इसका उत्तर इस प्रकार दिया –
महाबला महावीर्या महासत्यपराक्रमाः |
सर्वांगे क्षत्रिया जट्टा देवकल्पा दृढ़व्रताः ||15||
(देव संहिता)
अर्थात् – जाट महाबली, अत्यन्त वीर्यवान् और प्रचण्ड पराक्रमी हैं । सभी क्षत्रियों में यही जाति सबसे पहले पृथ्वी पर शासक हुई । ये देवताओं की भांति दृढ़ निश्चयवाले हैं । इसके अतिरिक्त विदेशी व स्वदेशी विद्वानों व महान् कहलाए जाने वाले महापुरुषों की जाट कौम के प्रति समय-समय पर दी गई अपनी राय और टिप्पणियां हैं जिन्हें कई पुस्तकों से संग्रह किया गया है लेकिन अधिकतर टिप्पणियां अंग्रेजी की पुस्तक हिस्ट्री एण्ड स्टडी ऑफ दी जाट्स से ली गई है जो कनाडावासी प्रो० बी.एस. ढ़िल्लों ने विदेशी पुस्तकालयों की सहायता लेकर लिखी है –
1. इतिहासकार मिस्टर स्मिथ – राजा जयपाल एक महान् जाट राजा थे । इन्हीं का बेटा आनन्दपाल हुआ जिनके बेटे सुखपाल राजा हुए जिन्होंने मुस्लिम धर्म अपनाया और ‘नवासशाह’ कहलाये । (यही शाह मुस्लिम जाटों में एक पदवी प्रचलित हुई । भटिण्डा व अफगानिस्तान का शाह राज घराना इन्हीं के वंशज हैं – लेखक) ।
2. बंगला विश्वकोष – पूर्व सिंध देश में जाट गणेर प्रभुत्व थी । अर्थात् सिंध देश में जाटों का राज था ।
3. अरबी ग्रंथ सलासीलातुत तवारिख – भारत के नरेशों में जाट बल्हारा नरेश सर्वोच्च था । इसी सम्राट् से जाटों में बल्हारा गोत्र प्रचलित हुआ – लेखक ।
4. स्कैंडनेविया की धार्मिक पुस्तक एड्डा – यहां के आदि निवासी जाट (जिट्स) पहले आर्य कहे जाते थे जो असीगढ़ के निवासी थे ।
5. यात्री अल बेरूनी – इतिहासकार – मथुरा में वासुदेव से कंस की बहन से कृष्ण का जन्म हुआ । यह परिवार जाट था और गाय पालने का कार्य करता था ।
6. लेखक राजा लक्ष्मणसिंह – यह प्रमाणित सत्य है कि भरतपुर के जाट कृष्ण के वंशज हैं ।
इतिहास के संक्षिप्त अध्ययन से मेरा मानना है कि कालान्तर में यादव अपने को जाट कहलाये जिनमें एकजुट होकर लड़ने और काम करने की प्रवृत्ति थी और अहीर जाति का एक बड़ा भाग अपने को यादव कहने लगा । आज भी भारत में बहुत अहीर हैं जो अपने को यादव नहीं मानते और गवालावंशी मानते हैं ।
7. मिस्टर नैसफिल्ड – The Word Jat is nothing more than modern Hindi Pronunciation of Yadu or Jadu the tribe in which Krishna was born. अर्थात् जाट कुछ और नहीं है बल्कि आधुनिक हिन्दी यादू-जादु शब्द का उच्चारण है, जिस कबीले में श्रीकृष्ण पैदा हुए।
दूसरा बड़ा प्रमाण है कि कृष्ण जी के गांव नन्दगांव व वृन्दावन आज भी जाटों के गांव हैं । ये सबसे बड़ा भौगोलिक और सामाजिक प्रमाण है । (इस सच्चाई को लेखक ने स्वयं वहां जाकर ज्ञात किया ।)
8. इतिहासकार डॉ० रणजीतसिंह – जाट तो उन योद्धाओं के वंशज हैं जो एक हाथ में रोटी और दूसरे हाथ में शत्रु का खून से सना हुआ मुण्ड थामते रहे ।
9. इतिहासकार डॉ० धर्मचन्द्र विद्यालंकार – आज जाटों का दुर्भाग्य है कि सारे संसार की संस्कृति को झकझोर कर देने वाले जाट आज अपनी ही संस्कृति को भूल रहे हैं ।
10. इतिहासकार डॉ० गिरीशचन्द्र द्विवेदी – मेरा निष्कर्ष है कि जाट संभवतः प्राचीन सिंध तथा पंजाब के वैदिक वंशज प्रसिद्ध लोकतान्त्रिक लोगों की संतान हैं । ये लोग महाभारत के युद्ध में भी विख्यात थे और आज भी हैं ।
11. स्वामी दयानन्द महाराज आर्यसमाज के संस्थापक ने जाट को जाट देवता कहकर अपने प्रसिद्ध ग्रंथ सत्यार्थप्रकाश में सम्बोधन किया है । देवता का अर्थ है देनेवाला । उन्होंने कहा कि संसार में जाट जैसे पुरुष हों तो ठग रोने लग जाएं ।
12. प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ तथा हिन्दू विश्वविद्यालय बनारस के संस्थापक महामहिम मदन मोहन मालवीय ने कहा – जाट जाति हमारे राष्ट्र की रीढ़ है । भारत माता को इस वीरजाति से बड़ी आशाएँ हैं । भारत का भविष्य जाट जाति पर निर्भर है ।
13. दीनबन्धु सर छोटूराम ने कहा – हे ईश्वर, जब भी कभी मुझे दोबारा से इंसान जाति में जन्म दे तो मुझे इसी महान् जाट जाति के जाट के घर जन्म देना ।
14. मुस्लिमों के पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने कहा – ये बहादुर जाट हवा का रुख देख लड़ाई का रुख पलट देते हैं । (सलमान सेनापतियों ने भी इनकी खूब प्रतिष्ठा की इसका वर्णन मुसलमानों की धर्मपुस्तक हदीस में भी है – लेखक) ।
15. हिटलर (जो स्वयं एक जाट थे), ने कहा – मेरे शरीर में शुद्ध आर्य नस्ल का खून बहता है । (ये वही जाट थे जो वैदिक संस्कृति के स्वस्तिक चिन्ह (卐) को जर्मनी ले गये थे – लेखक)।
16. कर्नल जेम्स टॉड राजस्थान इतिहास के रचयिता ।
(i): उत्तरी भारत में आज जो जाट किसान खेती करते पाये जाते हैं ये उन्हीं जाटों के वंशज हैं जिन्होंने एक समय मध्य एशिया और यूरोप को हिलाकर रख दिया था ।
(ii): राजस्थान में राजपूतों का राज आने से पहले जाटों का राज था ।
(iii): युद्ध के मैदान में जाटों को अंग्रेज पराजित नहीं कर सके ।
(iv): ईसा से 500 वर्ष पूर्व जाटों के नेता ओडिन ने स्कैण्डेनेविया में प्रवेश किया।
(v): एक समय राजपूत जाटों को खिराज (टैक्स) देते थे ।
17. यूनानी इतिहासकार हैरोडोटस ने लिखा है
(i) There was no nation in the world equal to the jats in bravery provided they had unity अर्थात्- संसार में जाटों जैसा बहादुर कोई नहीं बशर्ते इनमें एकता हो । (यह इस प्रसिद्ध यूनानी इतिहासकार ने लगभग 2500 वर्ष पूर्व में कहा था । इन दो लाइनों में बहुत कुछ है । पाठक कृपया इसे फिर एक बार पढें । यह जाटों के लिए मूलमंत्र भी है – लेखक )
(ii) जाट बहादुर रानी तोमरिश ने प्रशिया के महान राजा सायरस को धूल चटाई थी ।
(iii) जाटों ने कभी निहत्थों पर वार नहीं किया ।
18. महान् सम्राट् सिकन्दर जब जाटों के बार-बार आक्रमणों से तंग आकर वापिस लौटने लगे तो कहा- इन खतरनाक जाटों से बचो ।
19. एक पम्पोनियस नाम के प्राचीन इतिहासकार ने कहा – जाट युद्ध तथा शत्रु की हत्या से प्यार करते हैं ।
20. हमलावर तैमूरलंग ने कहा – जाट एक बहुत ही ताकतवर जाति है, शत्रु पर टिड्डियों की तरह टूट पड़ती है, इन्होंने मुसलमानों के हृदय में भय उत्पन्न कर दिया।
21. हमलावर अहमदशाह अब्दाली ने कहा – जितनी बार मैंने भारत पर आक्रमण किया, पंजाब में खतरनाक जाटों ने मेरा मुकाबला किया । आगरा, मथुरा व भरतपुर के जाट तो नुकीले काटों की तरह हैं ।
22. एक प्रसिद्ध अंग्रेज मि. नेशफील्ड ने कहा – जाट एक बुद्धिमान् और ईमानदार जाति है ।
23. इतिहासकार सी.वी. वैद ने लिखा है – जाट जाति ने अपनी लड़ाकू प्रवृत्ति को अभी तक कायम रखा है । (जाटों को इस प्रवृत्ति को छोड़ना भी नहीं चाहिए, यही भविष्य में बुरे वक्त में काम भी आयेगी – लेखक)
24. भारतीय इतिहासकार शिवदास गुप्ता – जाटों ने तिब्बत,यूनान, अरब, ईरान, तुर्कीस्तान, जर्मनी, साईबेरिया, स्कैण्डिनोविया, इंग्लैंड, ग्रीक, रोम व मिश्र आदि में कुशलता, दृढ़ता और साहस के साथ राज किया । और वहाँ की भूमि को विकासवादी उत्पादन के योग्य बनाया था । (प्राचीन भारत के उपनिवेश पत्रिका अंक 4.5 1976)
25. महर्षि पाणिनि के धातुपाठ (अष्टाध्यायी) में – जट झट संघाते – अर्थात् जाट जल्दी से संघ बनाते हैं । (प्राचीनकाल में खेती व लड़ाई का कार्य अकेले व्यक्ति का कार्य नहीं था इसलिए यह जाटों का एक स्वाभाविक गुण बन गया – लेखक)
26. चान्द्र व्याकरण में – अजयज्जट्टो हूणान् अर्थात् जाटों ने हूणों पर विजय पाई ।
27. महर्षि यास्क – निरुक्त में – जागर्ति इति जाट्यम् – जो जागरूक होते हैं वे जाट कहलाते हैं ।
जटायते इति जाट्यम् – जो जटांए रखते हैं वे जाट कहलाते हैं ।
28. अंग्रेजी पुस्तक Rise of Islam – गणित में शून्य का प्रयोग जाट ही अरब से यूरोप लाये थे । यूरोप के स्पेन तथा इटली की संस्कृति मोर जाटों की देन थी ।
29. अंग्रेजी पुस्तक Rise of Christianity – यूरोप के चर्च नियमों में जितने भी सुधार हुए वे सभी मोर जाटों के कथोलिक धर्म अपनाये जाने के बाद हुए, जैसे कि पहले विधवा को पुनः विवाह करने की अनुमति नहीं थी आदि-आदि । मोर जाटों को आज यूरोप में ‘मूर बोला जाता है – लेखक ।
30. दूसरे विश्वयुद्ध में जर्मनी की हार पर जर्मन जनरल रोमेल ने कहा- काश, जाट सेना मेरे साथ होती । (वैसे जाट उनके साथ भी थे, लेकिन सहयोगी देशों की सेना की तुलना में बहुत कम थे
– लेखक)
31. सुप्रसिद्ध अंग्रेज योद्धा जनरल एफ.एस. यांग – जाट सच्चे क्षत्रिय हैं । ये बहादुरी के साथ-साथ सच्चे, ईमानदार और बात के धनी हैं ।
32. महाराजा कृष्णसिंह भरतपुर नरेश ने सन् 1925 में पुष्कर में कहा – मुझे इस बात पर अभिमान है कि मेरा जन्म संसार की एक महान् और बहादुर जाति में हुआ ।
33. महाराजा उदयभानुसिंह धोलपुर नरेश ने सन् 1930 में कहा- मुझे पूरा अभिमान है कि मेरा जन्म उस महान् जाट जाति में हुआ जो सदा बहादुर, उन्नत एवं उदार विचारों वाली है । मैं अपनी प्यारी जाति की जितनी भी सेवा करूँगा उतना ही मुझे सच्चा आनन्द आयेगा ।
34. डॉ. विटरेशन ने कहा – जाटों में चालाकी और धूर्तता,योग्यता की अपेक्षा बहुत कम होती है ।
35. मेजर जनरल सर जॉन स्टॉन (मणिपुर रजिडेंट) ने अपने एक जाट रक्षक के बारे में कहा था – ये जाट लोग पता नहीं किस मिट्टी से बने हैं, थकना तो जानते ही नहीं ।
36. अंग्रेज हर प्रकार की कोशिशों के बावजूद चार महीने लड़ाई लड़कर भी भरतपुर को विजय नहीं कर पाये तो लार्ड लेकेक ने लिखा है – हमारी स्थिति यह है कि मार करने वाली सभी तोपें बेकार हो गई हैं और भारी गोलियाँ पूर्णतः समाप्त हो गई हैं । हमारे एक तिहाई अधिकारी व सैनिक मारे जा चुके हैं । जाटों को जीतना असम्भव लगता है ।
उस समय वहाँ की जनता में यह दोहा गाया जाता था-
यही भरतपुर दुर्ग है, दूसह दीह भयंकार |
जहाँ जटन के छोकरे, दीह सुभट पछार ||
37. बूंदी रियासत के महाकवि ने महाराजा सूरजमल के बारे में एक बार यह दोहा गाया था –
सहयो भले ही जटनी जाय अरिष्ट अरिष्ट |
जापर तस रविमल्ल हुवे आमेरन को इष्ट ||
अर्थात् जाटनी की प्रसव पीड़ा बेकार नहीं गई, उसने ऐसे प्रतापी राजा तक को जन्म दिया जिसने आमेर व जयपुर वालों की भी रक्षा की (यह बात महाराजा सूरजमल के बारे में कही गई थी जब उन्होंने आमेर व जयपुर राजपूत राजाओं की रक्षा की) ।
38. इतिहासकार डॉ० जे. एन. सरकार ने सूरजमल के बारे में लिखा है – यह जाटवंश का अफलातून राजा था ।
39. इतिहासकार डी.सी. वर्मा:- महाराजा सूरजमल जाटों के प्लेटो थे।
40. बादशाह आलमगीर द्वितीय ने महाराजा सूरजमल के बारे में अब्दाली को लिखा था – जाट जाति जो भारत में रहती है, वह और उसका राजा इतना शक्तिशाली हो गया है कि उसकी खुली खुलती है और बंधी बंधती है ।
41. कर्नल अल्कोट – हमें यह कहने का अधिकार है कि 4000 ईसा पूर्व भारत से आने वाले जाटों ने ही मिश्र (इजिप्ट) का निर्माण किया ।
42. यूरोपीयन इतिहासकार मि० टसीटस ने लिखा है – जर्मन लोगों को प्रातः उठकर स्नान करने की आदत जाटों ने डाली । घोड़ों की पूजा भी जाटों ने स्थानीय जर्मन लोगों को सिखलाई । घोड़ों की सवारी जाटों की मनपसंद सवारी है ।
43. तैमूर लंग – घोड़े के बगैर जाट, बगैर शक्ति का हो जाता है । (हमें याद है आज से लगभग 50 वर्ष पहले तक हर गाँव में अनेक घोडे, घोड़ियाँ जाटों के घरों में होती थीं । अब भी पंजाब व हरयाणा में जाटों के अपने घोड़े पालने के फार्म हैं – लेखक)
44. भारतीय सेना के ले० जनरल के. पी. कैण्डेय ने सन् 1971 के युद्ध के बाद कहा था – अगर जाट न होते तो फाजिल्का का भारत के मानचित्र में नामोनिशान न रहता ।
45. इसी लड़ाई (सन् 1971) के बाद एक पाकिस्तानी मेजर जनरल ने कहा था – चौथी जाट बटालियन का आक्रमण भयंकर था जिसे रोकना उसकी सेना के बस की बात नहीं रही । (पूर्व कप्तान हवासिंह डागर गांव कमोद जिला भिवानी (हरयाणा) जो 4 बटालियन की इस लड़ाई में थे, ने बतलाया कि लड़ाई से पहले बटालियन कमाण्डर ने भरतपुर के जाटों का इतिहास दोहराया था जिसमें जाट मुगलों का सिहांसन और लाल किले के किवाड़ तक उखाड़ ले गये थे । पाकिस्तानी अफसर मेजर जनरल मुकीम खान पाकिस्तानी दसवें डिवीजन के कमांडर थे ।)
46. भूतपूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन ने जाट सेण्टर बरेली में भाषण दिया – जाटों का इतिहास भारत का इतिहास है और जाट रेजिमेंट का इतिहास भारतीय सेना का इतिहास है । पश्चिम में फ्रांस से पूर्व में चीन तक ‘जाट बलवान्-जय भगवान्’ का रणघोष गूंजता रहा है ।
47. विख्यात पत्रकार खुशवन्तसिंह ने लिखा है – (i) “The Jat was born worker and warrior. He tilled his land with his sword girded round his waist. He fought more battles for the defence for his homestead than other Khashtriyas” अर्थात् जाट जन्म से ही कर्मयोगी तथा लड़ाकू रहा है जो हल चलाते समय अपनी कमर से तलवार बांध कर रखता था। किसी भी अन्य क्षत्रिय से उसने मातृभूमि की ज्यादा रक्षा की है । (ii) पंचायती संस्था जाटों की देन है और हर जाटों का गांव एक छोटा गणतन्त्र है ।
48. जब 25 दिसम्बर 1763 को जाट प्रतापी राजा सूरजमल शाहदरा में धोखे से मारे गये तो मुगलों को विश्वास ही नहीं हुआ और बादशाह शाहआलम द्वितीय ने कहा – जाट मरा तब जानिये जब तेरहवीं हो जाये । (यह बात विद्वान् कुर्क ने भी कही थी ।)
49. टी.वी History Channel ने एक दिन द्वितीय विश्वयुद्ध के इतिहास को दोहराते हुए दिखलाया था कि जब सन् 1943 में फ्रांस पर जर्मनी का कब्जा था तो जुलाई 1943 में सहयोगी सेनाओं ने फ्रांस में जर्मन सेना पर जबरदस्त हमला बोल दिया तो जर्मन सेना के पैर उखड़ने लगे । एक जर्मन एरिया कमांडर ने अपने सैट से अपने बड़े अधिकारी को यह संदेश भेजा कि ज्यादा से ज्यादा गुट्ठा सैनिकों की टुकड़ियाँ भेजो । जब उसे यह मदद नहीं मिली तो वह अपनी गिरफ्तारी के डर में स्वास्तिक निशानवाले झण्डे को सेल्यूट करके स्वयं को गोली मार लेता है । याद रहे जर्मनी में जाटों को गुट्टा के उच्चारण से ही बोला जाता है । – (लेखक)
50. एक बार अलाउद्दीन ने देहली के कोतवाल से कहा था – इन जाटों को नहीं छेड़ना चाहिए । ये बहादुर लोग ततैये के छत्ते की तरह हैं, एक बार छिड़ने पर पीछा नहीं छोड़ते हैं ।
51. इतिहासकार मो० इलियट ने लिखा है – जाट वीर जाति सदैव से एकतंत्री शासन सत्ता की विरोधी रही है तथा ये प्रजातंत्री हैं ।
52. संत कवि गरीबदास – जाट सोई पांचों झटकै, खासी मन ज्यों निशदिन अटकै । (जो पाँचों इन्द्रियों का दमन करके, बुरे संकल्पों से दूर रहकर भक्ति करे, वास्तव में जाट है ।
53. महान् इतिहासकार कालिकारंजन कानूनगो –
(क) एक जाट वही करता है जो वह ठीक समझता है । (इसी कारण जाट अधिकारियों को अपने उच्च अधिकारियों से अनबन का सामना करना पड़ता है – लेखक) (ख) जाट एक ऐसी जाति है जो इतनी अधिक व्यापक और संख्या की दृष्टि से इतनी अधिक है कि उसे एक राष्ट्र की संज्ञा प्रदान की जा सकती है । (ग) ऐतिहासिक काल से जाट बिरादरी हिन्दू समाज के अत्याचारों से भागकर निकलने वाले लोगों को शरण देती आई, उसने दलितों और अछूतों को ऊपर उठाया है । उनको समाज में सम्मानित स्थान प्रदान कराया है। (लेकिन ब्राह्मणवाद तो यह प्रचार करता रहा कि शूद्र वर्ग का शोषण जाटों ने किया – लेखक) (घ) हिन्दुओं की तीनों बड़ी जातियों में जाट कौम वर्तमान में सबसे बेहतर पुराने आर्य हैं।
54. महान् इतिहासकार ठाकुर देशराज – जाटों को मुगलों ने परखा, पठानों ने इनकी चासनी ली, अंग्रेजों ने पैंतरे देखे और इन्होंने फ्रांस एवं जर्मनी की भूमि पर बाहदुरी दिखाकर सिद्ध किया कि जाट महान् क्षत्रिय हैं ।
55. पं० इन्द्र विद्यावाचस्पति- जाटों को प्रेम से वश में करना जैसा सरल है, आँख दिखाकर दबाना उतना ही कठिन है ।
56. कवि शिवकुमार प्रेमी –
जाट जाट को मारता यही है भारी खोट ||
ये सारे मिल जायें तो अजेय इनका कोट ||
(कोट का अर्थ किला)
इसीलिए तो कहा जाता है – जाटड़ा और काटड़ा अपने को मारता है । (लेखक)
57. विद्वान् विलियम क्रूक –
(i) जाट विभिन्न धार्मिक संगठनों व मतों के अनुयायी होने पर भी जातीय अभिमान से ओतप्रोत हैं । भूमि के सफल जोता, क्रान्तिकारी, मेहनती जमीदार तथा युद्ध योद्धा हैं ।
(इसीलिए तो जाटों या जट्टों के लड़के अपनी गाड़ियों के पीछे लिखवाते हैं – ‘जट्ट दी गड्डी’, ‘जाट की सवारी’ ‘जहाँ जाट वहाँ ठाठ’, ‘जाट के ठाठ’ तथा ‘Jat Boy’ आदि-आदि – लेखक ।
(ii) स्पेन, गाल, जटलैण्ड, स्काटलैण्ड और रोम पर जाटों ने फतेह कर बस्तियां बसाई ।
58. विद्वान् ए.एच. बिगले – जाट शब्द की व्याख्या करने की आवश्यकता नहीं है । यह ऋग्वेद, पुराण और मनुस्मृति आदि अत्यन्त प्राचीन ग्रन्थों से स्वतः सिद्ध है । यह तो वह वृक्ष है जिससे समय-समय पर जातियों की उत्पनि हुई ।
59. विद्वान् कनिंघम – प्रायः देखा गया है कि जाट के मुकाबले राजपूत विलासप्रिय, भूस्वामी गुजर और मीणा सुस्त अथवा गरीब, कास्तकार तथा पशुपालन के स्वाभाविक शोकीन, पशु चराने में सिद्धहस्त हैं, जबकि जाट मेहनती जमीदार तथा पशुपालक हैं ।
60. विख्यात इतिहासकार यदुनाथ सरकार – जाट समाज में जाटनियां परिश्रम करना अपना राष्ट्रीय धर्म समझती हैं, इसलिए वे सदैव जाटों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर कार्य करती हैं । वे आलसी जीवन के प्रति मोह नहीं रखती ।
61. प्राचीन इतिहासकार मनूची – जाटनियां राजनैतिक रंगमंच पर समान रूप से उत्तरदायित्व निभाती हैं । खेत में व रणक्षेत्र में अपने पति का साथ देती हैं और आपातकाल के समय अपने धर्म की रक्षा में प्रोणोर्त्सग (प्राणत्याग) करना अपना पवित्र धर्म समझती हैं ।
62. जैक्मो फ्रांसी इतिहासकार व यात्री लिखता है – महाराजा रणजीतसिंह पहला भारतीय है जो जिज्ञासावृत्ति में सम्पूर्ण राजाओं से बढ़ाचढ़ा है । वह इतना बड़ा जिज्ञासु कहा जाना चाहिए कि मानो अपनी सम्पूर्ण जाति की उदासीनता को वह पूरा करता है । वह असीम साहसी शूरवीर है । उसकी बातचीत से सदा भय सा लगता है। उन्होंने अपनी किसी विजययात्रा में कहीं भी निर्दयता का व्यवहार नहीं किया ।
63. यूरोपीय यात्री प्रिन्सेप – एक अकले आदमी द्वारा इतना विशाल राज्य इतने कम अत्याचारों से कभी स्थापित नहीं किया गया । अद्भुत वीरता, धीरता, शूरता में समकालीन सभी भारतीय नरेशों के शिरमौर थे । दूसरे शब्दों में पंजाबकेसरी महाराजा रणजीतसिंह भारत का नैपोलियन था।
64. महान् इतिहासकार उपेन्द्रनाथ शर्मा – जाट जाति करोड़ों की संख्या में प्रगितिशील उत्पादक और राष्ट्ररक्षक सैनिक के रूप में विशाल भूखण्ड पर बसी हुई है। इनकी उत्पदाक भूमि स्वयं एक विशाल राष्ट्र का प्रतीक है ।
65. विद्वान् सर डारलिंग – ‘‘सारे भारत में जाटों से अच्छी ऐसी कोई जाति नहीं है जिसके सदस्य एक साथ कर्मठ किसान और जीवंत जवान हों।’’
66. महान् इतिहासकार सर हर्बट रिसले – जाट और राजपूत ही वैदिक आर्यों के वास्तविक उत्तराधिकारी हैं ।
67. फील्ड मार्शल माउंट गुमरी – “Jat is true soldier. I will be happy to die with dignity amongst Jats Regt. My soul will be bless with peace.” अर्थात् ‘‘जाट एक सच्चा सैनिक है । मुझे खुशी होगी यदि मैं जाटों के बीच रहकर इज्जत से मर जांऊ ताकि मेरी आत्मा को शान्ति मिल सके ।”
68. अंग्रेज प्रमुख जनरल ओचिनलैक (बाद में फील्ड मार्शल) – ‘‘If things looked back and danger threatened I would ask nothing better than to have Jats beside me in the face of the enemy” अर्थात “हालात बिगड़ते हैं और खतरा आता है तो जाटों को साथ रखने से बेहतर और कुछ नहीं होगा ताकि मैं दुश्मन से लड़ सकूं ।”
69. क्रान्तिदर्शी राजा महेन्द्रप्रताप – “हमारी जाति बहादुर है । देश के लिए समर्पित कौम है । चाहे खेत हो या सीमा । धरतीपुत्र जाटों पर मुझे नाज़ है ।”
70. पं. जवाहरलाल नेहरू – ‘‘दिल्ली के आसपास चारों ओर जाट एक ऐसी महान् बहादुर कौम बसती है, वह यदि आपस में मिल जाये और चाहे तो दिल्ली पर कब्जा कर सकती है ।”
(यह पंडित नेहरू ने सन् 1947 से पहले कहा था, लेकिन पंडित जी देश आजाद होने के बाद जाटों को भूल गये और उन्होंने अपने जीते जी कभी किसी हिन्दू जाट को केन्द्रीय सरकार में किसी भी मंत्री पद पर फटकने नहीं दिया – लेखक)
71. स्वामी ओमानन्द सरस्वती तथा वेदव्रत्त शास्त्री – (देशभक्तों के बलिदान ग्रंथ में) – ‘‘ईरान से लेकर इलाहाबाद तक जाटों के वीरत्व व बलिदानों का इतिहास चप्पे-चप्पे पर बिखरा पड़ा है । क्या कभी कोई माई का लाल इनका संग्रह कर पाएगा ? काश ! जाट तलवार की तरह कलम का भी धनी होता।”
72. डॉ० बी.एस. दहिया ने अपनी पुस्तक Jats- The Ancient Rulers अर्थात्- ‘‘जाट प्राचीन शासक हैं’’ में लिखा है -‘‘There is no battle worth its name in The World History where the Jat Blood did not irrigate The Mother Earth’’ अर्थात्- ‘‘विश्व में ऐसी कोई भी लड़ाई नहीं हुई, जिसमें जाटों ने अपनी मातृभूमि के लिए खून न बहाया हो ।”
(काश ! यह देश और इस देश के इतिहासकार इसे समझ पाते- लेखक)
73. विद्वान् इतिहासकार डॉ० धर्मकीर्ति –
(i) आगरा के ताजमहल और लाल किले को लूट ले जाना, सिकन्दरा में अकबर की कब्र के भवन और एत्माद्दौला की कब्र के ऐतिहासिक भवन में भूसा भरकर आग लगा देना, जिसके परिणामस्वरूप इन भवनों के काले पड़े हुए पत्थर आज भी (बौद्ध) जाटों के शौर्य की वीरगाथा गा रहे हैं ।
(ii) “वर्तमान जाट जाति को इस बात का गर्व से अनुभव करना चाहिए कि उनके पूर्वज बौद्ध नरेश असुवर्मा नेपाल के प्रसिद्ध राजा हो चुके हैं।” (इन्हीं विद्वान् ने सम्राट् कनिष्क से लेकर सम्राट् विजयनाग तक 17 बौद्ध जाट राजाओं का उनके काल तथा संसार में उनके राज्य क्षेत्र का वर्णन किया है – लेखक)
74. विद्वान् मोरेरीसन – “The Jats and Rajputs of the Doab are descendents of the late Aryans” अर्थात् दोआबा के जाट और राजपूत आर्यों के वंशज हैं।
75. विद्वान् नेशफिल्ड – “जाटों से राजपूत हो सकते हैं परन्तु राजपूतों से जाट कभी नहीं हो सकते हैं ।”
76. प्रो० मैक्समूलर – “सारे भूमण्डल पर जाट रहते हैं और जर्मनी इन्हीं आर्य वीरों की भूमि है ।”
77. इतिहासकार बलिदबिन अब्दुल मलिक – “अरब की हिफाजत के लिए हमने जाटों का सहारा लिया ।”
78. सुल्तान मोहम्मद – “जाट कौम का डर मेरे ख्वाब में भी रहता है । इन्होंने मुझे कभी खिराज नहीं दिया ।”
79. प्रो० बी. एस. ढिल्लों – “मोहम्मद गजनी ने जाटों को खुश करने के लिए साहू जाटों से अपनी बहिन का विवाह किया था ।” (पुस्तक – ‘हिस्ट्री एण्ड स्टडी ऑफ दी जाट’- मूलस्रोत – सर ए. कनिंघम) ।
80. कैप्टन फॉलकॉन – (i) “The Jats are throughly independent in character and assert personal and indivisual freedom as against communal or tribal control more strongly than other people.” अर्थात् जाट चारित्रिक रूप से पूर्णतया आजाद होते हैं जो निजी तौर पर दूसरों की तुलना में साम्प्रदायिक विरोधी होते हैं । (ii) गोत्र प्रथा को कैनेडा, अमरीका व इंग्लैण्ड में बसने वाले जाट भी मानते हैं ।
81. प्रो० पी.टी. ग्रीव – “जाट केवल भगवान के सामने ही अपने घुटनों को झुकाता है क्योंकि वह नेता होता है, अनुयायी नहीं ।”
82. विद्वान् टॉलबोट राईस – “याद रहे चीन ने 1500 मील लम्बी और 35 फिट ऊंची दीवार जाटों से बचने के लिए ही बनाई थी ।”
83. इतिहासकार जे.सी. मोर – “जाट वास्तव में हिन्दुओं की जाति नहीं है, यह एक नस्ल है।”
84. विद्वान् डॉ० वाडिल – “गुट, गोट, गुट्टी, गुट्टा, गोटी और गोथ आदि जाटों के नाम के ही शाब्दिक उच्चारण के विभिन्न रूप हैं, जो मध्यपूर्व में महान् शासक हुए हैं ।”
85. विद्वान् जनरल सर मैकमन – (i) जाट बहुत ताकतवर और कठिन परिश्रमी किसान हैं जो हाथ में हल लेकर पैदा होता है । (ii) जाटों ने हमेशा अपनी लड़ने की योग्यता को कायम रखा, इसी कारण प्रथम विश्वयुद्ध में केवल जाटों की छटी रेजीमेंट को रॉयल की उपाधि मिली ।
86. विद्वान् लेनेन पूले – “गजनी ने अपने कमांडर नियालटगेन को पंजाब में तैनात किया तो जाट उसका सिर काट ले गए और वही सिर उन्होंने गजनी को चांदी के सैकड़ों-हजारों सिक्कों के बदले वापिस किया ।”
87. विद्वान् ब्री० सर साईक्स – “आठवीं सदी के आरम्भ में बसरा-बगदाद की लड़ाई में जाटों ने खलीफा को हराया तो वहां के प्रसिद्ध जाट कवि टाबारी ने पर्सियन भाषा में इस प्रकार गाया-
(अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद)
ओह ! बगदाद के लोग मर गए,
तुम्हारा साहस भी हमेशा के लिए ।
हम जाटों ने तुम्हें हराया,
हम तुम्हें लड़ने के लिए मैदान में घसीट लाए ।
हम जाट तुम्हें ऐसे खींच लाए,
जैसे पशुओं के झुंड से कमजोर पशु को ।
88. विद्वान् मेजर बरस्टो – “जाटों की विशेषता है कि वे अपने गोत्र में शादी नहीं करते चाहे वह हिन्दू जाट हो या पंजाबी । क्योंकि जाट इसे व्यभिचार मानते हैं ।”
89. डॉ० रिस्ले – “When Jat runs wild it needs God to hold him back अर्थात् यदि जाट बिगड़ जाए तो उसे भगवान ही काबू कर सकता है ।”
90. रूसी इतिहासकार के.एम. सेफकुदरात ने अगस्त 1964 में मास्को में एक भाषण दिया जो भारतीय समाचार पत्रों में भी छपा था और उसने कहा “I studied the histories of various sects before I visited India in 1957. It was found that Jats live in an area extending from India to Central Asia and Central Europe. They are known by different names in different countries and they speak different languages but they are all one as regards their origin.”
अर्थात् “मैंने 1967 से पहले भारत की यात्रा करने से पहले इतिहास के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया और पाया कि जाट भारत से मध्य एशिया और मध्य यूरोप तक रहते हैं वे अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जाने जाते हैं और वे भाषाएं भी अलग बोलते हैं । लेकिन उन सभी का निकास एक ही है ।” इसलिए जाट कौम एक ग्लोबल नस्ल है ।
91. इतिहासकार डॉ० सुखीराम रावत (पलवल) – “राजा गज ने गजनी के पास वर्तमान में अफगानिस्तान में बामियान के पास बुद्ध का विश्वप्रसिद्ध स्तूप बनवाया जिसे तालिबानियों ने सन् 2001 में संसार के सभी देशों की परवाह न करते हुए डाइनामाइट से उड़वा दिया ।”
92. इतिहासकार महीपाल आर्य (मतलौडा) – “चित्तौड़, उदयपुर, नेपाल तथा महाराष्ट्र में गहलौत जाटों का राज था । बप्पारावल, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी तथा नेपाल के राणावंश नरेश सभी जाट योद्धा थे ।”
93. चौ० ओमप्रकाश पत्रकार (रोहतक) – “मकौड़ा, घोड़ा और जठोड़ा पकड़ने पर कभी छोड़ते नहीं ।”
94. चौ० ईश्वरसिंह गहलोत (विख्यात जाट गायक) – “आज भी काबुल चिल्ला रहा है, बंद करो फाटक रणजीत आ रहा है ।”
95. पंजाब केसरी पत्र ने अपने धारावाहिक सम्पादकीय दिनांक 25.09.2002 को झूठा इतिहास – झूठे लोग में लिखा – “जाटों का इतिहास देख लें ! बड़ा ही गौरवपूर्ण इतिहास है ! इतना गौरवपूर्ण कि वैसा इतिहास खोजना मुश्किल हो जाए । इतिहासकारों
ने इसे इतना तरोड़-मरोड़ कर लिखा है कि जिसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है । क्या यह सब महज इत्तिफाक है ?”
(यह इतिफाक नहीं था, जाटों के इतिहास के साथ इसलिए हुआ कि पहले जाट बौद्धधर्मी थे और भारत का ब्राह्मणवाद बौद्ध धर्म का दुश्मन रहा जो स्वयं इतिहासकार थे, इसलिए ऐसा करना ही था । क्योंकि यदि भारत का सच्चा इतिहास सामने आयेगा तो ऐसे लोगों का गर्व-खर्व होना निश्चित है – लेखक) ।
96. बी.बी.सी. लंदन (जयपुर संवाददाता) “जाट जब अपने असली रूप में आ जाये तो वह हिमालय को भी चीर सकता है । हिन्दमहासागर को भी पार कर सकता है । थार के रेगिस्तान में बसे करोड़ों धरतीपुत्रों ने रैली को रैला बनाकर हिन्दुस्तान की सत्ता को थर्रा दिया था और आज 20 अक्तूबर 1999 को राजस्थान सरकार को जाटों को ओ. बी. सी. का आरक्षण देना ही पड़ा ।” (क्या शेष भारत के जाट, जाट नहीं हैं ? रोजाना रैलियों में दौड़ते भागते रहते हैं अपने हक के लिए (आरक्षण के लिए) नहीं लड़ सकते हैं ? – लेखक)
97. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे सिधिंया ने दिनांक 07.05.2004 को हांसी में संसद चुनाव में वोट मांगते हुए कहा- “मैं बहादुर जाटों की बहू हूँ इसलिए उनसे वोट मांगने का मेरा अधिकार है ।”
98. गुर्जर इतिहास (पेज नं० 3, लेखक राणा अली हसन चौहान, पाकिस्तान) – “जाट शुद्ध आर्यों की जाति है ।”
99. विख्यात फिल्म अभिनेता धर्मेन्द्र ने सन् 2005 में बिजनौर (उत्तर प्रदेश) की एक जनसभा में कहा- “मैं जाट जाति में पैदा होकर गौरव का अनुभव करता हूँ ।”
100. लेखक – “जाट इतिहास कोई भंगेड़ियों, भगोड़ों व भाड़े का इतिहास नहीं, यह सच्चे वीरों का इतिहास है।” इन टिप्पणियों से यह स्पष्ट हो जाता है कि जाट जाति का चरित्र कैसा रहा है तथा यह कितनी महान् जाति रही ।
इसलिए गर्व से कहो हम जाट हैं
I proud i am jaat
Our roots have been firm since vedic times. Very inspiring let us move together.
जो हर जगह जुजता है ओर सफल होता है, वो जाट है।
घसवा हूँ इतिहास बताओ
9460031818
Thanks a lot of… For giving us the best thing to proud..
I am jevlia JAT MY GOTR IS JEVLIA ORIGIN FROM JAWALABHA…. NAGVANSHI 9413551629
I Proud I am Jaat
Jai Jaat Sabhi Jaat bhaiyo ko Ram Ram
हाँ मै जाट हूँ
मुझे गर्व है कि मैं भारत माता का पुत्र हूँ
और मैं भाग्यशाली हूँ क्योंकि मैं जाट पुत्र हूँ
हम जाट कोम को एक होकर सबको साथ लेकर एस देस का भला करना होगा गर्वे है की हम जाट है 9466249510
हाँ जाट हुँ ! भगवान से दुआ करता हुँ की मेरा हर एक जन्म जाट कोम में हो
आई लव जाट जी ..
Jay jat
जय जय वीर तेजाजी कि जय्
kadwasra ‘jat’
[salawas]/jodhpur….[rajsthan]
Chanwel(चंवेल)
Jat ekta
In real Jaat is brave danger caste
जाट बलवान,जय भगवान, मैं खुश हूँ।की जाट के घर जन्म हुआ ह मेरा।जय जाट,
Bhai apna sihag gotra suryanshi hai. Ar yaha mension konya kia ???
I praud a Jatt
Jai Jatt…
जय जाट जय भगवान
नम्स्कार सिर मेरी गोत्र है बमोठा या भमोठा ओर. मेरे मा पापा अब न्ही है ओर मैने पता किया तो बताया गया कि आपकि गोउत्र वाले रजस्थान मे है पर मेको आज तक कोइ न्हि मिला ओर ना आप्की इस लिस्ट मे नाम भि न्हि है मेरि गोत्र का आप ब्ता सकते है कुछ.
मेरा नुम्बर ये है 9575869784/7987448304
Mitharwal got nhi h g
Mera Gotra LOHCHAB hai yaha nahi likha hai krapaya jod lijiye Satyapal Singh 92115 28236
Hamara gotra likha hua hai. —– Ramehar Singh Lohmor
Mujhe Garav hai mai JATT kom mei paida huya
मुझे गर्व है की में जाट समाज का वंशावली लेखक हु । i proud संसार की वीर प्रजाति जाट ।जाट जाट सिर्फ जाट
नमस्कार ।राव जी आपके मोबाइल नंबर कोमेंट में लिखना ताकि आप से संपर्क किया जा सके ।
या इन नंबर पर वाटसप करें
7665968429
Kya shriman ji kuch gotron ko jo similar hai ya purani gotra ka mordanlization karke ek nayi gotra ban gyi to hme chahia ki phrani ko sabkos ya list se mitana chahia or each jati, gotra ka registration hona chahia v sudhikaran ek national aadesh ke dwara hona chahia jaise purani gotra “bhakar” se convert “Bhaskar” ban gyi to log dono ko use ho rha hai so should be some things
Mahendra Kumar Bhaskar
Sahi bat likhi hai ji
Bhaskar is surname of Jatav … they are not jat
Thanku sir I am proud of him, I am jaat Duhan gotra ke or information mel sakte ha sir. Ho to bateya :9145808552( B.L. choudhary) jaipur.
Thanku
Ram ram sa kadwas gotra ki kuldevi ka b kutch pta hot to taey
जय राम जी
कृपया अपना नंबर दें
मेरा व्हाट्सएप नंबर 7011776519
proud to be Jaat
Jai Maharaja Surajmal ji
Jaat is not a caste, it’s a brand.
Yeah (•ө•)♡
Are rojhas Jaat? Must reply plz
JAI BHARAT JAI JAAT, JAAT ITIHAS KE SATH KOI CHHEDKHANI NA KRE VERNA ISKE PARNAM BAHUT ACHHE HAI JO MUGLO KO MALUM HAI…………………..
I am a jatt and I proud to myself that I born in a jatt family ☺️☺️
I am proud of jat
Jai jaat. Bharatpur Sogar
I very much appreciate the Historians those present briefly about fact of Jay I proud as A Jat
Sub- Dhirender singh dungra jat
Yudh kshetra ho ya khel ka maidan jaton ki bhagidari sabse jyada hai
गर्व है मुझे की मैं जाट हु जय भगवान जाट बलवान जय जाट किसान
Mujhe Garv hai main ek jaat hun aur jangala gotra se sambandhit hun.
Jai jaat
jaat-union is strenth
हमें जाट होने पर गर्व है
Bhai ji madal goter ke barre me kuch jankari de skte ho kya
Ye khan khan h or kitne gav h
Ya kis goter se bna h ye goter
ॐ
वेदिक ज्ञान को जानने के कारण जाट सभी विद्याओं का ज्ञाता तथा श्रेष्ठता को प्राप्त थे
बिल्कुल जाट सर्वश्रेष्ठ ज्ञान धारण करते थे
आपकी जय हो।
शस्त्र और शास्त्र दोनों का ज्ञान धारण करने योग्य पीढीयों का निर्माण करना होगा तभी श्रेष्ठता बनी रहेगी अन्यथा अपनी श्रेष्ठता का ही नहीं अपनी जाति का ही लोप हो जाएगा!
Grav ki kya bat h isme sbke blood to SEM hota h chahe to ns katke Dekh lo blood Ka colour BHI SEM h Bolte bhi SB ek jese h
Saarey commentaa mein sabtey shyaani baat tanney kahi. Jeeb Saraan ka khoon laal hai fir. Bhagvaan ke banaye insaano mein her- fer- badal kyaan baat khaatar karna. Jeeb kissey key gelyaan galat hoyaa karey hai na. Tab ander key khoon ka ubaal aapey likdyaavey hai. Jai Bholenatthji ki fikar ni kiyaani baat ki. ☘️️हर हर हर महादेवजी saaraan ki atma app sey hi hai.
Jat Bharat Mata ka Asali Putra hai artharth Bharat Mata ka Asali Dharti Putra hai
Kis state ke Rajput tax dete the jato ko kripya btayien
Bhagwaan agar doosra jnm de to bhi jaat ke ghar m deye..jaat hu jaat…Abhmaam h apne ma baap pai jo jaat ke ghar jnm diya…super…
I am also belongs from Rajput JAAT family
Same
JAT is idiom of bravery
Dabla gottra ke bare ma jankari de do bhai
Kathin se kathin aur apne Mukam per pahunch Ne per Rahat ki ki SAS Lene wala Jaat Hai.
Jaat Mahan
Jaat ki shan
Jaat Jawan
Jay Hindustan.
Thanks…bhut grav mahsoosh hota h..jab ye maloom hota h ki humaare poorvaj itne saktisaali or imaandaar rahe h..
Bhai bs ye bata de mahabharat me the
“Hitler Jaat tha?” Fake conspiracy ki saari hadein paar kr di hain. Aascharya ki baat nhi h ki koi jaat ithihas ko seriously nhi leta kyunki ithihas k naam pr kuch bhi parosh diya jaata hai.
जिस प्रकार हमारे इतिहास को दबाया गया है उसे आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान और वीरता की गाथाओं की जानकारी देने का प्रयास करे और इन सब की पुस्तके अधिक से अधिक उपलब्ध करवाए । जय जाट एकता
Kalkal gotar reh gaya wo jo kalkil Hai.
Asal main wo kalkal hai
Proud to be Jaat
Bhut badhiya hame garv hai jaaton par aur jaat hone par.
Bhai pahle pure jato ki gotr pta kr or fir dubara se pure jato ke nam likh tune bhut se jato ki gotr nhi likhi h jo jayo me sabse jyada h
Rola choudhar ka challa… Choudhar sa jaata kii…. Jai jaat
Sir ma jaat hu or hmara gotra -sirwale ,h Esa bi add kro please take mujay apny gotra ka Bara ma kuch information mila
Yogendra Chaudhary jaiswan mant mathura Uttar pradesh Jay devta baba ki
जय जाट जय जवान जय किसान जहां मैटर बड़े होते हैं वह जात खड़े होते हैं
गर्व है कि मैं जाट कॉम में पैदा हुआ
जय जाट जय जाट
Khilery ki kul devi kon he
Apse kuch puchna h?
Verma kis me aate h??
Apse kuch puchna h?
Verma kis me aate h??
Haryana aur uttar pradesh me?
Mujhe garav h jaat hone ka
Bhai I am jaat my gotra DOBAR (डोबर) please add in this list
Kya “Nalwa” jaat hote h…. Ya SC caste se hote h…
Bhai mere paas shabd nhi hai aapke liye!!!
Bhai kya kahu yaar!!!
Yaha log sueajmal se aage naam hi nhi jaante hai.
Hume ek kissan jaati kaha jaata hai.
Hum kshatriya nhi aur vo jo na khi sports mein bs apni long family motivation ki vjh se kshatriya
Ye kon smjhaye ki aaj jo bhala fek rha hai shayad ussi ke purvajo ne bhi feka hoga
Hamari caste mein bs ek hi kami hai ki hum nuclear level pe hi ye soch rkhte hai ki hum jaat hai ham raj nhi krte the vo to thakar the jbki kon smjhaye
Aur hum sirf yadu nhi hai hum hi kaurav aur hum hi pandavo ke vanshaj hai!!
CHANDIWAL GOTRA BHI JODO
Please send to my whatsApp 9627904746
मेरा नाम अंकित चौधरी हैं मेरी गोत्र छींपा हैं (chhimpa)मुझे गर्व है मे जाट हु पर भाई गोत्र नही लिखी
Bro सोगरिया और सोगरवाल एक ही है
ये इतिहास कहा से उठाए आप ??
Natwadiya
I proud I am jat.and.goter Jatyan
I.m proud jat
jai jat ekta…. jat zindabad…… dont get hybrid…. save ur blood jats…..
long live jats
दिल्ली है बहादुर जाटों की ।
बाकी कहानियां हैं,भाटौ की ।
Aisa kya alag kaam Kiya h Bhai Delhi k jato ne
I proud I am Jat and Chhaba
I am proud jat. Jat is jigger.
Pl send it on [email protected]
Good
It’s KHARB not khab
Thanks for information..
मुझे गर्व है कि मैं जाट हूँ ।
I am Tomar jaat
Kya bachhle gotr bhi hota h jato m
Sehrawat kaha par h
Sandeep ji, ..Sehrawat Last Page pr ‘Se’ se starting words me likha h
जाट एक महान शक्तिशाली जाती है मुझे गर्व है कि मै कुंतल जाट हू
यह तो ठीक है।।लेकिन यदि आप अपने को वैदिक क्षतिर्य कुल से जोडें तो यदुकुल, या रघूकुल मै किस कुल से सम्बन्धित हैं।।पंजाब मै जट का मतलब किसान हैं।। और भारतबर्ष मै किसान हर वर्ग में है।।
I am the jaat
Only for Jat
मुझे गर्व है… मैं जाट जाति में , ऐतिहासिक गाँव धनाना में घणघस गोत्र में पैदा हुआ ।
” चौधरी सर छोटू राम अमर रहे ”
जाट एकता जिंदाबाद-जिन्दाबाद-जिंदाबाद
no.1 jaat… no.1 haryana…
Thanks to inform
Spelling mistak
Incorrect spelling =khedad
Correct spelling = khedar
Please make this correction.
Ashish ji, Thanks for suggestion.
I have proud that’s born in jat family . JAT always Justices atamsman truths. With hard work I achieved my aim today become as CHAIRMAN of
Zila prishad bhiwani haryana .jai hind
Ramesh olla chairman zila parished bhiwani haryana
09827165959
Bhyan jaat
Bhai saab aap k gotar me kon 2 devi or devta puje jaate h batana plz
Jai jaat devta
I’m jaat
Gotra ATTRI
is list me Beniwal Jat gotra kahan hai?
‘Bainiwal’ Spelling se likha hua h.
Jay jaat…. Proud to be Jaat
My gotra is luhach please update
Vijendra ji, Luhach isme likha h list me 🙂
Dharti ke raja h jat ..hamko proud h ki we are jat
Jai jat jai sardar jai patidar
Please update Phogaat gotra ,
Bhupendra Phogaat.
HA M JAT HU, OR, HR JNM ME BHAGWAN MUJHE JAT KOM ME PAIDA KRE,
I am president in a pvt. company and a Solanki ( Sorot) JAT from Midhakur, Agra, U.P. Presently Residing in Jaipur. My Contact no is 9929104070
Me also from jat sorot gotra, i need your help to identify the kuldevi or kuldevta of sorot gotra
Saharan cast ke kul devi devta kon h ji
vdiyar gotr ki kuldevi ka name
Please correct spelling of khokhar .खोखर
मे जाती जाट गोञ मंगावा है मेरी मुजे मंगावा गौञ की कुल देवी के बारे मे जानना चाहता हू कुल देवी का नाम व मन्दीर के बारे मे मालूम हो तो बताना
Jate jaat gotar mangawa ki kul devi
मुझे गर्व है कि में जाट जाति में पैदा हुआ।
We proud we are jat
Malik konse wale jaat hote h deseye ya pachadey ya koi or kya apko pta h
मुझे जाट होने का गर्व है ।
मेरी गोत्र मांड्या है।
जय जाट जय तेजाजी।
मेरी गोत्र गोलिया है
जय जय वीर तेजाजी कि जय्
जीतरवाल गोत्र के बारे में जानकारी देने का कष्ट करें
साथ ही इस गोत्र की उत्पत्ति के बारे में जानकारी भी देने का कष्ट करें
sir my gotra is sarodia ( साड़ोदिया ) and i am jaat .
please add my gotra in the list
भाई ” मूंडवाडिया” भी एक जाट गोत्र है जो मुख्यतः राजस्थान के अजमेर जिले मे रहते है अगर add करनें का option हो तो इसे भी करें
Jai jaat jai bharat
Bhai Bana Gotra Ki Kuldevi K Bare Me Batay Pales
जय जाट जय किसान एकता जिन्दा वाद जय भारत माता की जय हिंद जय भारत माता की जय हिंद omprakash jat jani champasar jodhpur rajsthan india
Hii
Myself Pravin Thorat beolngs to Hindu Chamar caste
may I know the Kuldevta of Hindu Chamar caste?
if Yes please Mail me
[email protected]
जय भगवान जाट बलवान
मुझे अपने आप पर गर्व महसूस करता हु कि मेरा इस महान जाति में जन्म हुआ है।मैं भगवान से यही पार्थना करता हु कि मुझे हर बार जाट जाति में ही जन्म दे। जय जाट जय हरियाणा। जय भारत।
Lakra jat
mera gotra patanjali h mere kuldevta ke bare mai batain
अरे भाई गोरा भी जाट होते हैं
Gora
JAT hona pishle janm ke karm
Mujhe garv hai main Jatt hun. Rajora
मुझे जाट जाति पर गर्व है। मै जाट हू । मुझे फिर जन्म मीले तो ईसी क्षत्रिय कोम मे मिले। मेरा जाट कोम से निवेदन है कि सभी ऐक हौगे तभी हमारा विकास औऱ उत्थान सम्भव हैं। जय जाट । जय भारत ।
I’m proud to be no a jat. From churu Rajasthan
I’m proud to be a jat
खोजा गोत्र से संबंधित जानकारी बताएंगे, सूर्यवंश, चन्द्रवंश या नागवंश किसी भी लिस्ट में नहीं मिला खोजा गोत्र का विवरण…
hamara gotra badgoti h please hame hamara kuldevi kuldevta ka bataye kaha par h please help.
Please contact me 9414556858
जाट जाति में जन्म लेना ही बहुत गौरव की बात है ।
मुझे जाट होने पर गर्व हे ।।।जय जाट जय जाटनी जय जाट एकता।।।जय श्री वीर तेजा जी महाराज
Kiya arora khatri jat hote hai
Raikwar bhi jaat hai kya
Jaat gotra mai raikwar hai
9680101015
perfect
अति उत्तम
Lather is missing
Jaat gotta – Agre
l AM LUCKY I AM JAT. BHANWAR LAL SOMARWAL
मै लिद्दड गोत्र की कुलदेवी का नाम जानना चाहता हु
Very good manoj ji jai jat
delhipar jatoka sashan hoga parantu dukh aapme irsa jayada haiisiliye aap raj nahi kar sakte bat ke khana aapne nahi sikha isliye aaj tak aapka raj delhi par nahi uaa aap up hariyna rajasthan panjab me bat gae sa ek ho jao tum badsha ho delhi ke pradeep deshwal jat
जहाँ जाट वहाँ ठाठ
Jay jat jayjatarmy jay jat jay hind
Koi batayga…bhular gotr wale konse jaat hote h maine suna h jaat b kai trha k hote h kya panwar deswali hote h ya pachadey ya koi or ple…koi batao
Bhai sahab koi bateye ki kasyap jatt hotel h ?
Jatt
Nhi
Dear Rakhiji ♂️Bhullar cast alley Punjabi Jatt hoyaa karein hain. Vey Punjabi Jatt honvein hain hindu Jat ni.
Proud I am JAT
Iam so lucky that i born in a JAT community.jai hind jai bharat
Kairon
मेरी गोत्र मांगलेल है
जो इसमे ह ही नही
Mo. 09649175158
Comment * अरे भाई अभी तक नही जोडा
Excellent ️✌️
Sinsinwar jat gotar main janam par naj h jay jat ki
I belongs to Khatras Gotra
मुझे भी जाट होने पर गर्व है। मैं सर्वांग गोत्र का जाट हूं। लेकिन मेरा गोत्र इस लिस्ट में नहीं है। मेरा गांव सारंगपुर दिल्ली में है। सारंग ओर सरावगी गोत्र तो है। ऐसा क्यों है।
जय जाट
मेरा नाम भरत जाट है मे रामगंजमंडी जिला कोटा राजस्थान से हू मेरा गोत्र पुनिया है
मुझे जाट समाज पर गर्व है
8432291458 जाट समाज ने एक अलग पहचान बनाई है जेसे फोज। पुलिस विभाग में नेटवर्किंग मार्केट में किर्केट कब्बडी में राजनीति हर बड़े बड़े जगह पर कामयाबी पाई है
जय जाट समाज
जय श्री तेजाजी महाराज की जय
Jai Jaat
Proud to be Sahota jatt
jai jaat.rahul bhakar vill-bhakaranwali at Punjab border sangaria hanumangarh rajasthan
Comment *दहिया गौत्र की कुलदेव और कुलदेवी कहॉ पर है प्लीज बताना
Jai sankar bhagwan jai jaat
JAY JAAT EKTA
I feel proud to be a Jaat but my cast Sinwer not find in list and my kull dev veer Teja jaat h jise hum tejupeer k naam se pujte h
मुझे गर्व है कि मैं जाट हु मेरी गोऋ रियाड़ है जो इस लिस्ट मे है पर मेरे कुलदेवता (घर का भेरूजी )का पता नहीं लग रहा है मेरे सारे प्रयास विफल रहै है अगर आपको पता हो जाटो मैं रियाड़ गोऋ के भेरूजी तो बताना प्लीज़
उदयलालजाट गोऋ रियाड़ गांव नंगा जी का खेड़ा (फलासिया) सांवरिया जी जिला चित्तोड़ गढ़ राजस्थान 9413782042
भाई आपके वंश बड़वा जी की पुष्तक में देखो आपकी नख ,खाफ कुलदेवी, सती ,कुल भेरू , आपकी उत्त्पत्ति आदि जानकारी एकदम सत्य मिलेगी जो कही भी नही मिल सकती
I proud I am jaat
Bhai g haritwal ki kuldevi Kha pr h bta na
what’s app 6377851702
Bhai Raikwar jati bhi jat hai plz replay
Kya Raikwar jat hai plz Bhai batao
मुझे गर्व है कि मैं जाट हूं और सबसे बाहुबली तोमर गोत्र से हूं
Garva se kho hum jat hai
Poonia from rajgarh
Hi Friends,
Recently came to know about a Jat Ashram in Vrindavan founded by Jat, named as Nirbhaya Ashram.
In an bad shape, as need money to renovate, I have taken the responsibility to collect sufficient fund to Renovate the one and only Jat Ashram in Vrindavan on Parikrama Marg.
Other community have beautiful Ashram, so now we have to ensure for renovation.
My contact no. is 88821-52577
Queries are welcome.
Awaiting the response.
Vipin choudhary
की तरफ से सभी ने राम राम
मेंरा रघुवंशी( रांघि) गोत्र है
I am proud to be jaat
Jai jaat jai kisan
जय जाट एकता
9927303849
From gzb. UP
I am Rithik Antil. { Sonipat }
I Belong to Jaat Caste.
My surname is Antil.
भोले बाबा इस जनम मे दो रोटी घाट दे दिये
पर अगला जनम जाति जाट दे दिये.
मुझे गर्व है मैं जाट हूँ व अहलावत गोत्र में पैदा हुआ । मैं हरियाणा के अग्रणी गाँव खरकड़ा ज़िला रोहतक का निवासी हूँ ।यदि किसी भाई को मेरे कुल देवता का पता चले तो ज़रूर बताना ।
चौधरी छोटू राम ज़िंदाबाद
जय जवान जय किसान ।जय जाट !!!
त
November 17, 2018 at 10:53 pm
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मुझे गर्व है मैं जाट हूँ व अहलावत गोत्र में पैदा हुआ । मैं हरियाणा के अग्रणी गाँव खरकड़ा ज़िला रोहतक का निवासी हूँ ।यदि किसी भाई को मेरे कुल देवता का पता चले तो ज़रूर बताना ।
चौधरी छोटू राम ज़िंदाबाद
जय जवान जय किसान ।जय जाट !!!
भाई आपके रावजी,जागा जी या बड़वा जी एकदम सही बताएंगे , उनसे सारी जानकारी मालूम करलो
जय तेजा जी
Dear bhai
Jhagar jhagral gujjar gotra hay iss ko b ad karny
Jutt gotra many add na karny
Thanks
Bhot acha work kia ap nay
Jai Ram Ji Jai Jaat
Me kukna gotr se have muje Meri kuldevi or kul devta ke bare me janakari chahiye
Jai Jat jai Bajrang Bali jai Shri Ram
mera Name-vinod kumar h me Bharatpur Rajesthan se hu me JAT cast ko belong kerta hu
mera Gotra NEEDENWAR h es gotra ka list me kahi bhi name nahi h bujerg log pashmi rajesthan se aye h Esa batate h
Jai jat
I proud to become jaat , aacha feel hota hai jab koi puchta hai kon ho , mai kahta hu “jaat” ye sunkar banda 2 kadam piche hat jata hai. I love all jaat.
भाई मैं मदीना गांव से हुँ गोहाना तहसील से मैं मलिक हुं मुझे गर्व है जाट होने पर भगवान से प्रार्थना करता हूं अगले जन्म में भी मुझे जाट समुदाय में ही पैदा करना इस लिस्ट में मलिक गोत्र का कहीं जिक्र नहीं किया गया है मलिक गोत्र कि भी जानकारी देने कि कृपया करना । जय जाट जाट महान
मेरा गोत्र ब्राहू है कृपया मेरे गोत्र के बारे मे जानकारी दे मेरे गोती कहा कहा पर है
Mujhe Meri Kuldevi ki jankari chahie
बिरड़ा जाट गोत्र के बारे में कुछ नही लिखा गया है इस लिस्ट में गोत्र भी नही है
Jai jat devta
Narang Kon hote hai
Vicky Bhai Narang Punjabi Honvein hai. Jat nahi.
Sir meri gotra Shringi hai aur cast dhawan from Lahore partition se pehle se. Ab mujhe apne kuldevi ka gyan nahi hai kripya aap humen bata satke hai ke hamari kuldevi aur devta kaun hai.
kripya meri madad kare.
Dhanyawaad.
भगवान् एक रोटी कम दे दिए ।
पर जन्म भी जाट के ही घर दिए ।।
( जाट एकता संगठन जिन्दाबाद)
राम राम जी जाट भाईचारे को
भाई जी मैं ये जानना चाहती हूँ कि तल्लै गोत्र जाटों में होता है या कलीलों में? मैंने एक जाट परिवार में ये गोत्र सुना है, और कहीं नहीं सुना। कृपया बताने की कृपा करें।
useful content
मेरा नाम Arun Roy हैं में बिहार से हूँ में जाट हूँ मेरा गोऋ हैं उदेगा हैं मेरा ससुराल का गोऋ हैं महलौत हैं और बिहार कम जनसंख्या में है मिला जुला कर 1 लाख होगा
Please provide your cell number or contact on my number 7042139166.It is available on calling as well as on whatsapp
i am from Italy hello. Can you help me translate? /rardor
I feel proud to be a JAT on earth.
Om jai maa jai pitaji
JAY JAAT BALWAN
मेरा नाम ओम प्रकाश गावड़िया राज्य राजस्थान जिला बाड़मेर
मुझे जाट होने पर गर्व है
जय वीर तेजाजी
Hamari kuldevi kon si h
Hamari kuldevi kon si h
Ha.ari kuldevi kon h
जाट कौम पर पूरा देश भरोसा करता है जय भगवान जाट बलवान मुझे खुशीहैं मैं जाट हूँ भगवान से प्रार्थना है जाटों को हमेशा सही रहा पर चलने की ताकत दे
बहुत अच्छी जानकारी है हमे गर्व है ऐसी जानकारी देने के लिए हम जाट है
https://www.youtube.com/watch?v=yl0UIetYjhY जाटों के बारे में रोचक जानकारी के लिए आप यहां भी देख सकते है
Mera gotra dogiwal ha is ke history btai
जाट गोत्र की जानकारी बहुत अच्छे से शेयर की इसके लिए आपको धन्यवाद |
मूर्ख जाटों को पंजाबी में जट बोलते है
पंजाब की सभी रियासतों के राजा जाट/जट है
तेरे को किसने बोल दिया पंजाब में जट का अर्थ किसानहै। मैं पंजाब से सिख जट(जाट) हूँ
मै भी रणवाॅ गोत्र का जाट हूँ राजस्थान के सीकर जिले से ओर जाट होने का मुझे गर्व महसूस होता है ।ओर हमारी कुल देवी दधिमति माता है। जय भोले नाथ बाबा जीक की ,जय श्री तेजाजी महाराज जी की जय।
Jai ho jaato ki
हमें जाट के घर में जन्म मिला है हमारा सौभाग्य है और हमें गर्व होना चाहिए की भगवान ने हमें जाट के घर में जन्म ले लेने का अवसर दिया है हमें अपने वैदिक परंपराओं को अपनाते हुए सनातन संस्कृति की मुख्यधारा में बहते हुए अपने जीवन के साथ साथ प्राणी मात्र के जीवन के कल्याण के बारे में सोचते हुए प्रकृति के प्रति समर्पण रहना चाहिए।
मैं समस्त जाट भाइयों से निवेदन करना चाहूंगा की शाकाहार और गुरुकुल पद्धति व गौ सेवा को बढ़ावा देते हुए अपने संतानों को सुसंस्कारवान और धर्म के प्रति आस्थावान बनानेमें अपना योगदान दें ताकि हमारी सनातन संस्कृति का झंडा एक बार पुनः विश्व धरोहर पर लहराए और भारत को विश्व गुरु बनाने में हम अपने आप को समर्पित कर सकें।
हरि ओम तत्सत
Please add Jand Gotra in Jat list .
जाट वीर जाति जय जाट
Teen gotra likhna bhul gaye bhai 1 dhama 2. Saijbar 3. Sirohi
Blessed to be born in JAT family .
I am proud of Jaat woreyars
जय जाट देवता की
हमें गर्व है खुद पर जाट होने से
Yudh ka maidan ya khel ka maidan sabhi main jyada bhagidari jaton ki kishi ko sak nahi hona chahiye
मैं राजस्थान के बाड़मेर जिले का हुड्डा जाट हूं मुझे असली जाट होने पर इतना गर्व है कि मेरे पास इस कौम की ताक़त और सच्चाई बताने के शब्द नहीं मिल रहे सताराम हुड्डा आंटा रामसर बाड़मेर
वीर तेजाजी जय भगत सिंह
जाति सिलगावा जाति जाट इतिहास
गांव आनावास तहसील पीपाड़ सिटी जिला जोधपुर
जाट तो वो कौम हैं जिसका रुतबा बच्चो और बड़ों का समान होता है ।
मै भी जाट जाति के खरबास गौत्र मै जन्म लेने वाला एक सौभाग्यशाली प्राणी हू
Thanks god
आशा करता हूँ मेरा अगला जन्म भी इसी जाट जाति मै हो ।
कटानीया गोत्र की कुलदेवी को हे कोई बात सकता क्या
Mere naam Ravindra Roria h
me jaat hu ye mere liye bahut proud ke bat h
Chechu
I will be proud I am जाट
Kanvara Ram Thory Barmer
Gahlawat or Gahlot same gotra h kya please btao
Mera gotra roriya h Jo Ki list m nai h pr hamara bhat kahta h Ki roriya or poonia ek gotra h poonia me se roriya nikla h. Pl reply kre jai jat mahkma
I am Jat my gotta is gotia I live in runkia village tehsil pipar city dist Jodhpur Rajasthan India
Great!
Salwa kallan
मुझे जाट होने पर गर्व है
Dara ki kuldeve konse hai
Tyagi Delhi /Up /Hr / RJ .. jaat Devta
हर हर हर महादेव जय जाट बलवान जय श्री भगवान हम अभी हैं हिंदुस्तान के जाट
Chhimpa jaat
JAAT 16 DUNI 8
I proud Dusad ya Dusadh gotra jai jat
जाट जाति के जितने भी गोत्र वेबसाइट पर हैं उनमे से 65% गलत है। जो मन में आया वही गोत्र लिख दिया। पता नहीं कहा से लिखा है लेकिन कृपया सभी से अनुरोध है की कोई भी टिप्पणी या जानकारी साझा करें करने से पहले उसे जांच पद्दताल कर ले उसके बाद ही उस ऊपर अपना मत/ बात शेयर करे। बिना पुरा पढ़े ही … (good, अच्छा किया, जाट होने पर गर्व है, अच्छी जानकारी।, well done, thank you) is type ke comment na kro. आधे से ज्यादा गोत्र jhuthe/ galat है। कुछ गोत्र तो ऐसे लिखे हैं जिन्को पढ़ कर ही दिमाग kharab होता है। क्यू Jato को बदनाम करने की कोसिस कर रहे हो। जिसne भी ये वेबसाइट बनाई है उसे ये डेटा कहा से कलेक्ट किया? कहा से उसे सारे गोत्र पता हुए, करिप्या कर के मुझे भी बताye। या Is se पहले जो बकवास गोत्र या झुठे मन गदंत गोत्र लेखे हुए हैं उनको हटाओ। Sabhi se request hai, please read the all gotra carefully you if are a Jat/ Jaat and comment accordingly. If you are not then comment as usual you are doing. And try to get remove from here unacceptable gotra e.g. Hijra, Hinjar, Hinjara, heer, hir, Sadele, Shyam, shero, sheru, Shive, shiva and many more… all these are fake and seems like made by this website owner.
Dusad gotra I proud of jaat gotra of dusadh
गोत्र धुंकड़ा,महादेव जाट पिता कालूराम जाट जिला भीलवाड़ा राज्य राजस्थान तहसील सहाड़ा पोस्ट सुरावास मुकाम मंडफिया वार्ड नंबर एक जाट मोहल्ला
Palhawat gotra i proud of jaat gotra Jay devta baba ki
सही है भाई हमारी गोत्र तो उसमे लिखी भी नही गई मेरी गोत्र सिराव हे
Bharangar parivar ki kuldevi kon hi
Please tell me
9719341286
मेरा नाम मोहित जाट है
मेरी गोत्र बड़बड़वाल है
FROM MADHYA PRADESH
DADAJI RAJASTHAN SE MP AYE थे
I’m vishal Athwal jaat
I proud of jaat
भूबाकिया गोत्र जाटो मे है या नहीं
Kya “Nalwa” haryana jaat hote h…. Ya SC category se hote h….
my self belong to bhar gotra alhuwalia but i dont know about kuldevi name or location
मेरा नाम प्रिंस तालियान हैं।
मैं ग्राम छुर तहसील सरधना जिला मेरठ से तालुक रखता हूं।
मुझे तालियान गोत्र की कुलदेवी का ज्ञात नही है कृपा करके मुझे हमारी कुलदेवी के बारे में ज्ञात कराने का कष्ट करे।
धन्यवाद।
जाट गोत्र खुड़खुड़ीया
जाट गोत्र छींपा
Lakra jaat gotra ke kuldevi/kuldevata kaun hai… Aur Lakra gotra ki Puri jaankari de please…. Aapka bahut bahut abhari rahunga ji 9466053638.
विकास जाट बुगालिया
मध्यप्रदेश के धार ज़िले से हूँ ,
मुझे मेरी कुलदेवी के बारे में बताये , बड़ी कृपा होगी
(9907601531)
मेरा गोत्र दांघड गोत्र है हम लोग उत्तर प्रदेश के जिला बागपत में पांच गांव खेड़ा हटाना खामपुर राजपुर लुहारी के नाम से जाने जाते हैं निवेदन है कि यह बुक या अन्य किताब में यहां दांघड गोत्र वर्णित है मुझे भेजने की कृपा करें 9457886574