Badwasan Mata Temple Bhadana Marwar Mundwa History in Hindi : बड़वासन/बड़माता का मन्दिर नागौर जिले के मारवाड़ मूण्डवा के समीप कुचेरा मार्ग पर भडाणा गांव में स्थित है। यह नागौर से लगभग 22 किमी. दूर है। मन्दिर का विशाल व भव्य परिसर शोभनीय है। मन्दिर का अभी जीर्णोद्धार हुआ है तथा भव्य मन्दिर का निर्माण किया गया है। यह लोढ़ा कुल की कुलदेवी हैं।
मातेश्वरी भडाणा के समीप वटवृक्ष पर निवास करने से बड़वासन कहलाई। बड़वासन माता अन्य देवियों के साथ यहाँ यहाँ क्रीड़ा करती थी।
जैनाचार्य श्री रविप्रभ सूरि ने वि.सं. 700 में नाडोल के शासक श्री लाखणसिंह चौहान की रानी को आशीर्वाद दिया कि अगर उसका परिवार समकित का नियम ग्रहण करे (जैन श्रावक बने) तो शीघ्र ही रानी एक पुत्र को जन्म देगी। राजा और रानी ने नियम अंगीकार किये। आचार्य श्री ने विहार कर लिया। चाटुकारों के बहकाने से राजा ने नियम भंग कर दिए। इस कारण सवा नौ माह व्यतीत होने पर रानी ने बालक के स्थान पर एक लोथ को जन्म दिया। तब राजा, रानी व दरबारीगण आचार्य श्री की खोज में निकले।
आचार्य श्री भडाणा के समीप के वट वृक्ष के नीचे ध्यानस्थ थे। राजा ने आचार्य श्री से अपनी व्यथा व्यक्त की। आचार्य श्री ने कहा कि उन्होंने तो उसे पुत्र देने का आशीर्वाद दिया था लेकिन अपने कर्मों का यह फल उसे मिला। राजा और रानी के विलाप से द्रवित होकर आचार्य श्री ने देवी का आह्वान किया तो देवी प्रकट हुई। आचार्य श्री की विनती पर देवी ने राजा को अनेक नियम और आदेश दिए जिन्हें राजा ने स्वीकार किया। देवी ने आदेश दिया कि इस लोथ को एक लाल वस्त्र में लपेटकर वैट वृक्ष की खोह में रखकर समीप की नाड़ी में स्नान कर एक लोटा जल भर कर लाये। राजा ने आदेश का पालन किया। देवी ने जल को मंत्रित कर राजा को लौटाया और कहा कि इस जल को लोथ पर डालो। एक महान चमत्कार हुआ। लोथ बालक के रूप में परिवर्तित हो गया। उस बालक का नाम रामसिंह रखा गया। रामसिंह को बचपन में लोथ कहकर पुकारते जो अपभ्रंश होकर लोढ़ा हो गई। यही ओसवालों की गोत्र बन गई।
Badwasan Mata Video:
विश्व भर में जितने भी लोढ़ा हैं वे सभी इसी कुलदेवी और उसके पुत्र रामसिंह जी की संतान हैं। राजा लाखनसिंह ने कुलदेवी श्री बड़वासन माता का मन्दिर बनवाया।
आयड़ जी लोढ़ा दिल्ली के प्रख्यात जौहरी थे। उन्होंने तीन विवाह किये लेकिन पुत्र नहीं हुआ। अंत में कुलदेवी की शरण में आये। आयड़ की भक्ति से प्रसन्न होकर आयड़ को 11 पुत्र दिये। आयड़ जी ने 25 किलो स्वर्ण की माताजी की प्रतिमा का निर्माण कराकर प्रतिष्ठा करवाई। देवी का चमत्कार और 25 किलो स्वर्ण से प्रभावित होकर अल्लाउद्दीन खिलजी ने मन्दिर को लूटने और नष्ट करने हेतु भडाणा आया। देवी स्वरक्षा हेतु भूमि में समा गई। और उस स्थान पर गोल पत्थर आ गया। अल्लाउद्दीन मात्र उस चकला को देखकर चला गया।
लोढ़ा देवी के निम्न आदेशों का पालन करते हैं-
- वट को पूजते हैं तथा वैट वृक्ष के पत्तों का अनादर नहीं करते।
- मोसमा, जात, जड़ूला देते हैं।
- काली बकरी, गाय व भैंस नहीं पालते। काली मटकी, काले वस्त्र, बेल्ट आदि भी वर्जित है।
- नवरात्रि में औरतें मेहंदी नहीं लगाती।
- घर का चकला, घुंघरू, पालना नहीं होता आदि।
श्री बड़वासन माता लोढ़ा (ओसवाल) गोत्र की कुलदेवी है। माता के मंदिर के सामने काला-गोरा भैरव विराजमान हैं। देवी के अद्भुत चमत्कारों के कारण सभी लोढ़ों के अतिरिक्त तिवाड़ी ब्राह्मण और समीप के ग्रामों के हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते रहते हैं। श्री बड़वासन माता के मंदिर में निःशुल्क आवास और भोजनशाला है। नवरात्रि में आवागमन अधिक होने से बड़माता मंदिर संस्थान विशेष व्यवस्था का प्रयत्न करता है।
कैसे पहुँचे ? (How to reach Badwasan Mata Temple Bhadana)
श्री बड़वासन माता का मंदिर मारवाड़ मूंडवा और भडाणा ग्राम के बीच में अजमेर-नागौर राजमार्ग पर स्थित है। अजमेर, मेड़ता सिटी और नागौर से बसों का निरंतर आवागमन है। मूण्डवा-मारवाड़ स्टेशन से 4 किलोमीटर की दूरी पर है। मूण्डवा से मन्दिर तक बस जाती है।
Badvasan Mata ki Jai… Jai ho Bad Mata ki
Can u plz send the directions on the map to badwasan mata mandir.
HI
R U SALOLYA JOSHI
PLEASE REPLY
Yes , I’m please call me – 9782743920 -shyam saloliya
Apne killing deviyon ko Raj put samaj S3 jyada jodkar dikhaya Hai lemon ancient history ko Dekha Jay to devoyan bahut pahle Se Hai or unka varnan Kai history or vedon Mai diya Hai jabki rajput 12ve sadi ke bad paida hua Shabda Hai na ki jati Yeh Sabko pata Hai gurjar or shorts se paid hue Hai CHAUHAn bhati. Parma r solanki Rana gahlot bad gurjar bhadoriyan patihar chandla bundles Rathore etc or bhi bahut Hai inks 5ya 6 pidhi pahle ki history uthaye agar kahi ask how to mujhe punched sabhi ki vanshvali mere pass hai
संजय शर्मा जी
आपके कुलदेवी मिसन मे हमारी गोत्र संखलेचा (जैन) मे कई भ्रान्तियाँ पल रही है आपने संकलेचा सुखलेचा को आशापुरा कुलदेवी बताया है ईसके ग्रथ नाम सहित जानकारी करावे जी हमारे वंशावली व गोत्र इतिहास मे हमारी उत्पत्ति शंखवाली से है जी
MAHODAY
MAIN SALOLYA JOSHI HU TO KRUPAYA HAMARI KULDEVI TATHA KULDEVTA BHATAVE JEE , TATHA UNKA ADDRESS BHI BHATANE KA KASHT KARE JEE
Mahoday me nagoriya pathak hu shree gaur brahmin apni kuldevi ko dudhne ka prayas kr rha hu purvajo se bss yhi gyat hua ki nagaur ki mahalakshmi mata he kripiya hamari madad kre
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