Chamunda Mata – fearsome aspect of Aadishakti

चामुण्डा माता को चामुंडी, चामुंडेश्वरी, चण्डिका तथा चर्चिका नाम से भी जाना जाता है। यह देवी का विकराल रूप है। चामुण्डा सप्तमातृकाओं तथा चौसठ योगिनीयों में से एक है। इनका नाम चण्ड तथा मुण्ड से मिलकर बना है। ये दोनों दैत्य थे जिनका देवी ने संहार किया था। यह देवी काली से जुड़ा हुआ रूप है। काली भी देवी का एक भयंकर रूप है। चामुण्डा माता को काले रंग की तथा कटे हुए सिरों अथवा खोपड़ियों की माला पहने हुए दर्शाया जाता है। यह चारभुजी  देवी अपने एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे हाथ में डमरू, तीसरे में खड्ग(तलवार) तथा चौथे में रक्त से भरा हुआ पानपात्र (पीने का पात्र) धारण किये रहती है। कुछ स्थानों पर इनके आठ और बारह हाथों की भी परिकल्पना की गई है। इनके तीन नेत्र हैं। पुराने समय में चामुण्डा माता को पशु बलि दी जाती थी तथा मदिरापान कराया जाता था। अब भी कई स्थानों पर माता को मदिरा का भोग लगाया जाता है। प्रारम्भ में चामुण्डा माता आदिवासियों की देवी थी जो कालक्रम में हिन्दुधर्म में आत्मसात हो गई। बाद में ये जैन धर्म में भी पूजी जाने लगी। जैन धर्म में चामुण्डा माता को शाकाहारी भोग लगाया जाता है तथा मदिरा का भोग नहीं लगता।

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विद्वान मानते हैं कि चामुण्डा विंध्यांचल में रहने वाली मुण्डा जनजाति द्वारा पूजी जाती थी। यह आदिवासी जनजाति माता को नरबलि, पशुबलि तथा मदिरा का भोग लगाती थी। चामुण्डा माता के हिन्दू धर्म में पूर्णतः समावेश के बाद तांत्रिक क्रियाओं में ये रिवाज आज भी प्रचलित हैं।
मन्दिर 
1. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पालमपुर से 10 कि.मी. दूर चामुण्डा माता का प्रसिद्ध मन्दिर है जिसमें रामायण, महाभारत तथा देवीमाहात्म्य की दृश्यावली को दर्शाया गया है।
2. कांगड़ा में चामुण्डा नंदिकेश्वर धाम।
3. गुजरात में चोटीला तथा पनेरा की पहाड़ियों पर बने मन्दिर ।
4. उड़ीसा में बारिपदा के पास कीचकेश्वरी  मन्दिर, बंकी के पास चर्चिका मन्दिर तथा भुवनेश्वर में बैताल  देवला।
5. मैसूर के चामुंडी पहाड़ी पर बना चामुंडेश्वरी मन्दिर।
6. राजस्थान के जोधपुर में मेहरानगढ़ किले का चामुण्डा माता मन्दिर।
7. नागौर जिले में तरनाऊ नामक गाँव में चामुण्डा माता मन्दिर

26 thoughts on “Chamunda Mata – fearsome aspect of Aadishakti”

  1. dhupad & danwar gotra ki kuldevi ma chamunda mata BIKANER laxmi nathjee mandir me hai. RAO BIKA JEE ne nagya mata jee ke sath me rajrajeshwai, ganesh jee, vishv prashidh Laxmi nath jee mandir ka nirman karaya tha

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    • Sikar k pass khandela main jo camunda mata ka mandir hai wo danwar gotr ki kul devi ka mandir nahi kya kripya jankari dewe

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  2. bhai sanjay sharma…………..

    meri gotra dhupad hain meri kuldevi chamunda devi hain

    per mata ka esthan nahi pata pl. batayen

    regards

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  3. आप ने जहाँ से जान कारी ली है वो पुरी नही हे आप ने लीखा के मा चामुंडा आदीवासी ओ मे पुजे जाते थे ओर फीर जैनों मे पुजे जाने लगे मे यहाँ पर कहेना चाहूँगा सब से पुराना इतिहास ब्राह्मणो का हे मे भी ब्राह्मण हू मेरा गोत्र भारद्वाज हे ओर हमारे कलदेवी श्री चामुंडा माता हे आशा करता हू आप को जान कारी उपयोगि होगी
    जय माँ चामुंडा

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