मावलियान जिन्हें संस्कृत में मातृका कहा जाता है। इसका अर्थ “माता” है। यह सात-आठ देवियों का समूह है जिन्हें सप्तमातृका अथवा अष्टमातृका (Eight Mothers) कहा जाता है। ये अष्टमातृकायें हैं- ब्रह्माणी, वैष्णवी, माहेश्वरी, इन्द्राणी, कौमारी, वाराही, चामुण्डा तथा नारसिंही। दक्षिण भारत में सप्तमातृका (Seven Mothers) मानी जाती है तथा अन्य कई स्थानों में अष्टमातृका (Eight Mothers) पूजी जाती हैं। अष्टमातृका मानने वाले नारसिंही को भी मातृका के रूप में पूजते हैं। हिन्दू धर्म के शाक्त मत में सप्तमातृकाओं का अत्यधिक महत्त्व है। इन्हें दैत्यों को मारने के लिए शक्ति की सहयोगी माना जाता है। ये मातृकायें हिंदू देवताओं की शक्तियां हैं यथा- वाराह भगवान् की शक्ति वाराही, ब्रह्मा की ब्रह्माणी, महेश्वर की माहेश्वरी इत्यादि।
आम्बेर स्थित मावलियान
आम्बेर में आम्बेर दुर्ग के पास मुख्य मार्ग पर स्थित परियों का बाग़ (Fairies’ Garden) में मावलियान का मन्दिर बना हुआ है। मन्दिर के चौक में भैरव प्रतिमायें विद्यमान हैं।
Sapt Matrika ki Jai… Asht Matrika ki Jai…. Sato Matao ki Jai… Jai Maa Bhagwati