अलवर जिले (Alwar District) में कठूमर (Kathumar) पंचायत समिति में लक्ष्मणगढ़ (Laxmangarh) से लगभग 10 कि.मी. पहले बहतूकला गाँव में एक ऊँचे और विशाल पर्वत शिखर पर धोलागढ़ देवी (Dholagarh Devi) का भव्य मन्दिर स्थित है । देवी का यह प्राचीन मन्दिर जिस पर्वत पर स्थित है वह धोलगिरी (Dholgiri) कहलाता है तथा संभवतः इस पर्वत के नाम पर ही उस पर प्रतिष्ठापित देवी धोलागढ़ देवी के नाम से लोक में प्रसिद्ध है । देवी का यह मन्दिर पूर्वाभिमुख है । पर्वतांचल में बने इस देवी मन्दिर तक पहुँचने के लिए सीढियाँ बनी हैं । मन्दिर परिसर में उत्तर दिशा में भैरुजी का स्थान है । मन्दिर आने वाले दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए सीढ़ियों के पास रैलिंग बनी है तथा छाया का समुचित प्रबन्ध है ।
Dholagarh Devi Video :
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मन्दिर के गर्भ गृह में श्वेत संगमरमर से बनी धोलागढ़ देवी की अत्यंत सुन्दर और सजीव प्रतिमा प्रतिष्ठापित है । देवी के पार्श्व में उनके वाहन सिंह है जो अपने पिछले पैरों पर तो बैठी हुई मुद्रा में तथा अगले पैरों पर सजग खड़ी हुई मुद्रा इस तरह बना है मानो देवी का आदेश मिलते ही वह असुरी शक्तियों का विनाश करने टूट पड़ेगा । देवी खड़ी हुई मुद्रा में अपने सौम्य स्वरूप में प्रदर्शित है तथा अपने वाहन सिंह के साथ खड़ी हुई अवस्था में दर्शनार्थियों को उनके चरणकमलों के शुभ दर्शन बहुत सरलता से हो जाते हैं ।
धोलागढ़ (Dholagarh) देवी की प्रतिमा के दोनों और दो अन्य लघु देवी प्रतिमाएं स्थापित हैं जो संभवतः इन्द्राणी और ब्रह्माणी की हैं । धोलागढ़ देवी की अलवर और दोसा अंचल में बहुत लोकमान्यता है तथा प्रतिदिन श्रद्धालु बड़ी संख्या में वहाँ आते हैं । लोकविश्वास है कि देवी के इस मन्दिर का निर्माण लक्खी शाह बनजारे ने करवाया था जो बीते जमाने में धनी व्यापारी था । वैशाख सुदी एकम से पूर्णिमा तक (एक पखवाड़ा) धोलागढ़ देवी का विशाल मेला लगता है जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु सपरिवार देवी मन्दिर में आते हैं । ग्रामीण अपनी पारम्परिक वेशभूषा में लोकगीत गाते हुए पहुँचते हैं । स्त्री-पुरुष भाव विभोर होकर नाचते गाते हैं तथा बच्चों के जडूले उतरवाते हैं । देवी के समक्ष नारियल, मखाने, पताशे, व मिठाई का भोग चढ़ता है । यात्रियों की सुविधा के लिए वहाँ धर्मशालाएँ बनी है । मेले के अवसर पर वहाँ दैनिक उपयोग की वस्तुओं का हाट लगता है । धोलागढ़ देवी की कृपा का प्रसाद पाने सभी जाति धर्मों के लोग आते हैं । विशेषकर ये गौड़ ब्राह्मणों (Gaud Brahmins) की कुलदेवी है जिनकी बहुत लोकमान्यता है ।
Dholagarh Devi ki Jai… Jai ho Dholeshwari Mata ki
सौरल गौत्र की देवी कहा पर है बताय
डोडरावत तिवाड़ी की कुल देवी कौनसी है।हमे जानकारी नहीं है। कृपया बताने की कृपा करें।
संजय जी आपका दिल से धन्यवाद , हम काफी टाइम से अपनी कुलदेवी के बारे में जानना चाह रहे थे लेकिन पता नहीं चल पा रहा था . आज आपकी website खोली और उसमे धोलागढ़ देवी के बारे में पढ़ा कि ये गौड़ ब्राह्मणों की कुलदेवी है. बड़ी ख़ुशी हुई ये जानकारी मिलने पर क्यूंकि हम भी गौड़ ब्राहमण है और हमारी माताजी पूजा करते टाइम आरती में बोला करती थी कि ( श्री मालकेतु में राज़त , धोलागढ़ में विराज़त कोटि रतन ज्योति ) हम ये धोलागढ़ हिमाचल में दौलाधार पर्वत पर माँ ब्रिजेश्वरी के मंदिर को समझते थे. इसलिए हम सपरिवार वही जाया करते थे. अब आपने ये जानकारी दी है अब पता करने की कोशिश करते है और फिर माताजी के दर्शन करने का प्रोग्राम बनाते है. जय माता की
Your Most Welcome Sir.मुझे प्रसन्नता है कि जानकारी आपके काम आई।
संजय जी जय माता की , संजय जी यहाँ जानकारी मिलने के बाद हमने अपने घर के बड़े बुजर्गो से इस बारे में बात की परन्तु किसी को भी कोई जानकारी नहीं है इस बारे में. एक और बात इस मन्दिर के बारे में गूगल पर देखा तो पता चला कि इस मंदिर को बने तो 350 साल ही हुए है. तो फिर इससे पहले हमारी कुलदेवी कौन थी ? संजय जी दिमाग बड़ा उलझन में है . अपने कुलदेवता / कुलदेवी के बारे में जानने की , उनके दर्शन करने की कई साल से तीव्र इच्छा है परन्तु कोई मार्ग नहीं मिल रहा है. हम शांडिल्य गोत्री , मूलरूप से बागपत , उत्तर प्रदेश के रहने वाले है. संभव हो तो कृपया हमारे कुलदेवता / कुलदेवी के बारे में सटीक जानकारी देने की कष्ट करे. कोई हमारी कुलदेवी माता शीतला गुडगाँव वाली को बताता है , कोई शाकुम्बरी देवी सहारनपुर , उत्तर प्रदेश , कोई माता ब्रिजेश्वरी कांगड़ा हिमाचल को बताता है. और अब आपकी दी जानकारी से नई बात सामने आ गई . मदद करने का कष्ट करे. धन्यवाद
रमाकान्तजी, कुलदेवी की मान्यता कुछ स्थानों पर क्षेत्रानुसार होती है और कुछ स्थानों पर परम्परानुसार। हमारे परिवार की नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करने के लिए हमारे पूर्वजों ने एक शक्तिरुपा का चुनाव किया। फिर उस परिवार में वह देवी परम्परानुसार पूजी जाने से उस परिवार कुलदेवी बनी, परन्तु बाद में अपनी कुलदेवी की जानकारी के आभाव में अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध देवी को भी लोग अपनी कुलदेवी के रूप में पूजने लगे। जब इन परिवारों की संताने दूसरी जगह बस गई तो उसी देवी को कुलदेवी के रूप में पूजते रहे जो उनके मूल स्थान में प्रसिद्ध थी। गौड़ ब्राह्मणों में धोलागढ़ देवी का पूजा जाना कालक्रम में अपनी आस्थानुसार देवी का चुनाव करने पर आधारित है ना कि परम्परानुसार। गौड़ ब्राह्मण के सभी गोत्र अपनी आस्थानुसार अलग अलग देवियों को पूजते हैं। ब्राह्मणों की गोत्रानुसार परम्परागत मूल कुलदेवियों का विवरण स्कन्दपुराण में मिलता है। लेकिन कौनसी कुलदेवी किस गोत्र की है यह स्पष्ट नहीं होताऔर जो विवरण स्कन्दपुराण में मिलता है उनका अब पालन नहीं होता क्योंकि उनमें अधिकांश देवियों जैसे इच्छार्तिनाशिनी, विकरा, कदम्बा, मातंगी आदि के बारे में अब जानकारी नहीं मिलती। इस कारण कालान्तर में लोगों ने अपनी आस्थानुसार अपनी देवी का चुनाव कर उन्हें पूजना शुरू कर दिया। इसलिए अब स्थान स्थान पर शांडिल्य गोत्र में अलग अलग देवियों का पूजा जाना क्षेत्रानुसार और अपनी आस्था के अनुसार ही है।
आपकी समस्या के समाधानऔर दूसरे प्रश्न के उत्तर में मैं आपको बताना चाहूंगा कि एक ही गोत्र – प्रवर – शाखा होते हुए भी स्थानीय परिस्थितियों के कारण कुलदेवी की भिन्न-२ मान्यता होती है। इसमें कोई बुराई नहीं है और अपनी आस्था को ही सर्वोच्च महत्त्व देना उचित है। इसी कारण अब शांडिल्य गोत्र में ही कुछ जगह शाकम्भरी देवी को पूजा जाता है , कहीं शंखेश्वरी को , कही जीण माता को। इसलिए निश्चिन्त होकर अपनी आस्था को ही महत्त्व दें।
संजय जी आपका दिल से धन्यवाद
Kya gotra anusar vats gotra ki kuldevi ki koi jaankari de payenge
ramakant ji aapke jaga(jinke pass aapke sare kutumb parivar ke naam h) se ek bar puch ke dekhiye WO aapko aapki kuldevi k bare m bta denge.
‘जय माता की’ भाईसाहब हमारा गोत्र भी शांडिल्य ही है, मेरे दादा जी मूल रूप से मथुरा के थे और हमारी कुलदेवी धौलागढ़ माता है, भले ही मंदिर को बने 350 वर्ष हुए हो, आप निश्चिन्त होकर दर्शन का लाभ लीजिये ।
sharmaji hamari kuldevi ma aai bilara vali hai par unkeshat bheruji ya khetlaji hai ya nahi
Jai mata Di
Sanjay sharma g
Very very beautiful and amazing dholagarh ma mission kuldevi and kuldevta ki asim Kiripa aap par bani rhe
JAI MATA DI
Shubh Aashish ke liye Bohot Bohot Aabhar Rajesh ji. Jai Mata Di
चंदोलिया जोशी की कुल देवी यही है क्या
Sanjay ji dholagarh mata ji kia regar caste Suwansiya ki kuldevi hai kia
हां एक बात और पूछनी थी आपसे वो ये कि कुलदेवता / कुलदेवी कुछ पीढियों बाद बदल जाते है क्या ? अभी तो मूल रूप से बागपत के रहने वाले है परन्तु लगभग 100 – 125 साल पहले हमारे दादाजी हरियाणा में कही से ( शायद रोहतक की तरफ से ) आकर बागपत , उत्तर प्रदेश में बसे थे. इस बात का भी कोई फर्क पड़ता है क्या कुलदेवता / कुलदेवी की जानकारी पर ?
संजय जी जय माता दी आप के द्वारा मिशन कुल देवी मे धौलागिरि पर्वत पर विराजमान हमारी कुल देवी का स्वरूप एवं इनकी जानकारी से हम बहुत लाभान्वित हुए ।वर्तमान स्वरूप के अलावा इनका प्राचीन स्वरूप आपके पास होतो उपलब्ध कराओ।धन्यवाद ।
Jai mata Ji
how to reach from bandikui to dholagadh devi by road
Jaipur to agra highway se aana ,kherli mod se trn krna h fir wha se 25 _30 km per maata ji ka mandir h
I want to know my kuldevi
Jay mata ki ,dosto is baar mela kb sharu hoga ,plz btana
Sanjay ji apke number De skte ho kya apka aabhar rhega hme apse bhut jaruri suchna lena h
धन्यवाद संजय शर्मा जी मे तारेश कोली गांव कठूमर
कई बार माता जी के नाम पे नेट पर सर्च किया लेकिन बहुत कम या न के बराबर जानकारी ही मिल पाती थी और कई बार
मेरे साथीगण भी पूछते थे तो में सिर्फ मौखिक जानकारी ही बता पता था लेकिन अब में उनको पूरी जानकारी दिखा देता हूँ और गर्व से कहता हूँ कि ये मंदिर अलवर जिले के कठूमर तहसील और विधानसभा क्षेत्र के अंदर आता है आपका बहुत आभार ये जानकारी सोशल मीडिया पर पहुचने के लिए।
तारेश जी, उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत धन्यवाद.. मुझे प्रसन्नता है कि लेख से आपको सहायता मिली।
Sanjay ji, namaskar, Hamko Ballabhgarh se dolagarh mataji ke mandir dharshan karne jana hai. Konsa rasta theek rahega.
हम आद्य गोड व्ाहमण ह हमारी कुल देवी की जानकारी मे धवलासन हे ये कहा हे
हम आद्य गौड वाहन है हमारी कुलदेवी वताईए
Bhardwaj shachi liya ki kuldevi ke mandir kaha h m alwar rajasthan se hu sir
Sanjay Ji
Namaskar we are in search of Kul Devi after your mesage i came to know that Dholagarh devi is kuldevi of Gaur Brahmins we are gaur brahmins and my Gotra is ALORIYA JOSHI we belong to Rajgarh Alwar Distrcit but do not have any knowledge about Kul devi please guide us,
Hum log apni kul devi ke baare mein janna chahte hai kya koi tarika hai unka pata lagane ka . Ya hum unhe ab aage se apni kul devi maan sakte hai…
jai mata dholagiri ki
sabhi logo mera namskaar sbhi bhaiyo es baar mela mai aakar mela ki subha badhaye.or sbhi yogdaan de es work mai “jai mata dholagiri ki”
pl. meri kul devi batane ka kasht kare tnk. sir
mast
Kuldevi dholagarh Mata Mandir k Timming bataiye plz.
Comment *sanjay ji
ham god Brahman h
gotra suroliya
ham abhi tak apni kuldevi ko leke confused h
plz help us
Mujhe dholagarh devi ki Aarti send kre plz 8058281632 my what’aap no hh
ये देवी क्या केवल गोड ब्राह्मणों की कुलदेवी है या कोई और समाज की भी कुलदेवी है ?
Sir aapke mo.numbar chahiye
Jai mata di
Gurjar gaud me dhingsara joshi gautam gotra ki kuldevi kaha par he
agar alwar se dholagrh devi tak jana ho by using bus to kese jayenge??? ya fir any local vehicles???
Koshish kijiye ki aap khud ke vahan se hi dholagarh mata ke mandir jaaye.. yaa alwar se laxmangarh bus se aake fir laxmangarh se koi local gadi ‘hire’ kar sakte hai
Mai har saal niyamat roop se mata ki darshan karne jaata hu. Mai “Mata Dhaulagadh” whatsapp group ka part bhi tha, per kisi karan mera purana number band ho gya. Kripya karke mujhe dubara uss group mai add kar lijiye mera number “+12155001752” hai
हमे जानकारी मिली है कि सेदावत गोत्र परिवार ब्राह्मणनो की कुलदेवी धौलागढ़ माताजी है कृपया यह बताने का कष्ट करें कि हमारी कुलदेवी धौलागढ़ मातजी है अथवा अन्य रेनी तहसील में सदावत रहते है वहां हमारी सती बताया गई है उन्हीही के लोगो से समाचार मिला है पुष्टि करने का कष्ट करें
Hello sir
My name is Anshul Kumar Maheshwari gottr mandowra I asking one question about my kull devi please confirm us dholeswari Devi is my kull Devi??
चांदोलिया जोशी की कुल देवी कोनसी हैं