Rajrajeshwari Mata Mandir Jaipur: राजराजेश्वरी माता के मन्दिर का निर्माण मानसागर की सुन्दर घाटी में आमेर नरेश महाराजा सवाई प्रतापसिंह ने मराठों पर विजय पाने के बाद संत श्री अमृतपुरी महाराज के निर्देशन में ईस्वी 1780 में करवाया था। यह जयपुर के प्रमुख शक्ति स्थलों में से एक है। यह मंदिर बाहर से देखने पर किसी किले की तरह दिखाई देता है। दिल्ली हाईवे पर स्थित यह मन्दिर मान बाग़ के ठीक सामने है। मन्दिर के पास ही जल आपूर्ति के लिए प्रतापसिंह द्वारा निर्मित बावड़ी है जिसे ‘राजराजेश्वरी बावड़ी’ कहा जाता है। मंदिर के प्रांगण में शिवालय, भैरव मन्दिर तथा हनुमान मन्दिर स्थित है। शिवालय में पंचमुखी शिवलिंग विराजमान है। भैरव मंदिर में भैरव की प्रतिमा अष्टभुजी तथा हनुमान मंदिर में हनुमान जी की दशभुजा प्रतिमा विराजमान है।
Rajrajeshwari Mata Video in Hindi :
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मंदिर के बाहर अमृतपुरी जी व अन्य सन्तों की समाधियां तथा प्रतापसिंह द्वारा निर्मित एक अन्य बावड़ी तथा एक प्राचीन कुआँ भी स्थित है। मान्यता है कि माँ के इस मंदिर में भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
प्राचीन बावड़ी तथा कुआं
मन्दिर के सामने मैदान में एक प्राचीन बावड़ी तथा प्राचीन कुआं स्थित है जो प्राचीन समय में इस क्षेत्र में जल आपूर्ति का स्रोत थे।
नोट:- यदि आप राजराजेश्वरी माता को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं तो Comment Box में अपना समाज व गोत्र लिखें।
Sathvara. (dalvadi) gotra . Kashiyp
Vinay Kumar Pandey savran gotta