Bhadariya Rai Temple Jaisalmer in Hindi : आवड़ माता का यह मन्दिर जोधपुर-जैसलमेर मार्ग पर धोलिया गांव से 9 कि.मी. उत्तर में स्थित है। आवड़जी आदि कन्याएं विचरण करती हुई भादरिया गांव के एक टीले पर पहुंची। वहाँ पर राव तणु भाटी ने पहुंच कर उनके दर्शन किये और लकड़ी के बने हुए आसन (संहगे) पर आवड़जी को विराजमान किया। तीन बहनों को दाईं तरफ तथा तीन बहनों को बाईं तरफ खड़ा किया और अपने हाथ से चंवर ढुलाए। संहगे पर बैठने के कारण आवड़जी स्वांगियां कहलाई।
ऐसा कहते हैं कि भाटी बहादरिया के अनुरोध पर देवी स्वांगियां यहाँ आई थी। इसलिए इस स्थान का नाम भादरिया पड़ा। यह स्थान यहाँ के शासकों और जनता के लिए श्रद्धा का केंद्र बन गया। माता ने जैसलमेर की रक्षा के लिए कई चमत्कार दिखाए। संवत् 1885 में बीकानेर और जैसलमेर की सेनाओं के बीच वासनपी में लड़ाई हुई। उसमें स्वांगियां जी के अदृश्य चक्रों से बीकानेर के अनेक सैनिक मारे गए तथा बाकी बचे सैनिकों को अपने प्राण बचाकर भागना पड़ा। (वर्तमान में माता स्वांगियां का साक्षात चमत्कार तन्नोटराय में भी हुआ जिसके गवाह पाकिस्तान के सैनिक भी रहे हैं।) तत्कालीन महारावल गजसिंह ने भादरिया में मन्दिर का निर्माण करवाया और अपनी राणी राणावतजी (महाराणा भीमसिंह की पुत्री) के साथ जाकर वि.सं. 1888 अश्विन शुक्ला पूर्णिमा को मन्दिर की प्रतिष्ठा करवाई। वि.सं. 2003 में महारावल जवाहरसिंह ने इसका जीर्णोद्धार कराया। संवत् 1969 माघ शुक्ला 14 को महारावल शालीवाहन ने स्वांगियां देवी को चांदी का भव्य सिंहासन अर्पित किया।
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Very very thankful….
Thanks a lot to give info….
Jassa bhati ki bhi kuk devi ye hi hogi na
Madria sewan karna he ya nahi
Jii haaa jasssaa bhati ki kuldevi yhi hai..
Bhadryaray…
medatwal ki kuldevi bhi swangiya mata hi h Kya
Bhadariya Mata Jassa Bhati(nai ,barber) gotra ki bhi kuldevi
Sat sat naman ma bhadriya rayi
Jai maa Bhadariya ray
ghar me mataji ki jyot kis tithi ko lete h