Shri Temderay Jaisalmer in Hindi : आवड़ माता का यह स्थल जैसलमेर के दक्षिण में 21 कि.मी. की दूरी पर गरलाउणे नामक पहाड़ की कंदरा में बना हुआ है। लोकमान्यता है कि देवी स्वांगियां ने यहाँ रहने वाले तेमड़े नाम के दैत्य का दमन कर उसकी गुफा एक विशाल शिला से बन्द कर दी थी। यहां उत्कीर्ण शिलालेख के अनुसार संवत् 1734 में महारावल अमरसिंह ने तेमड़ेराय पहाड़ की ‘पाज’ बंधाई। तत्पश्चात् अमरसिंह के पुत्र जसवन्तसिंह ने संवत् 1760 में परसाल व बुर्ज का निर्माण कराया। संवत् 1981 में महारावल जवाहरसिंह ने मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया। यह स्थान भाटी शासकों व सरदारों के अलावा ओसवाल, ब्राह्मण, हरिजन और मेघवाल जाति के लोगों के लिए भी श्रद्धा का केन्द्र रहा है। चारण लोग तो इसे दूसरा हिंगलाजधाम भी मानते हैं क्योंकि देवी स्वांगियां ने यहाँ कई वर्षों तक निवास किया था।
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Jay mata di
आपने कुछ जानकारी छूपा क्यों रखी हैं। आवड माता के जैसलमेर में 52 मंदिर हैं 52 मंदिरों में एक ही शक्ति विराजित हैं जिनका मूल नाम आवड माँ हैं।
आवड माँ ने चारण जाति में जन्म लिया हैं।
आप इन सभी लेखों मे माता के मंदिर के स्थानों के गूगल मैप के लोकेशन भी डाल देते।