Ghantiyali Mata Temple History in Hindi : यह मन्दिर तन्नोट से 5 कि.मी. की दूरी पर दक्षिण-पूर्व में स्थित है । ऐसी मान्यता है कि स्वांगियां देवी ने तन्नोट से लौटते समय यहाँ घंटिया नामक दैत्य का वध किया था । उसके नाम से यहाँ बनाया गया मन्दिर घंटियाली राय का मन्दिर कहलाया ।
जब मातेश्वरी तनोट से पधार रही थी तब इस स्थान भयंकर असुर रहता था। उसके गले मे बड़ी भयंकर मवाद भरी प्राकृतिक गांठ थी। वह असुर जब चलता तो उसके शरीर से गाठ टकराने पर बड़ी भरी आवाज निकलती थी। वह भोजन की तलाश में निकलता और मनुष्यों को खा जाता था। वहां की प्रजा इसके आतंक से अत्यन्त दुखी थी। प्रत्येक ग्राम मे रात्रि को पहरा बैठाया जाता था। ज्यादा मनुष्य देखकर वह भाग जाता था। उसे जो भी अकेला मिलता उसे वह खा जाता था। ऐसे भयंकर दैत्य को मैया ने उसकी घंटिया पकड़ कर मार गिराया व वहां के निवासियों ने उसे रेत मे गाड दिया व पास मे मातेश्वरी का मन्दिर बना दिया। उस घंटिवाले असुर को मारने से घंटियाली राय नाम से प्रसिद्ध हुआ।
पाकिस्तानी सैनिकों को माँ ने दिया मृत्यु-दण्ड
पाकिस्तान आक्रमण (1965 ई.) के समय ही पाकिस्तानी सैनिकों ने इस मन्दिर की मूर्तियों को खण्डित किया परन्तु फिर वे अपने शिविर तक नहीं पहुँच सके । उनके मुँह से खून निकलना प्रारम्भ हो गया और वे मृत्यु को प्राप्त हुए । इस घटना के बाद देवी के प्रति लोगों की श्रद्धा और भी अधिक बढ़ गई ।
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