Bhuwal Mata Temple Birami Story in Hindi : बिरामी स्थित भुवाल माता का मूल स्थान ग्राम खेड (तिलवाड़ा) में था। खेड का जब विनाश होने का समय आया तब एक रात बिरामी के पुरोहित को स्वप्न में आकर माता ने कहा कि “कल गौधूलि बेला में उसके खेत में एक मंदिर प्रकट होगा। मंदिर में मेरी प्रतिमा है। अगर तुम मेरी भक्ति पूजा करोगे तो तुम्हारा कल्याण होगा।”
दूसरे दिन गौधूलि बेला में एक मंदिर अचानक भूमि के बाहर निकला। खेत में काम करने वाले मजदूर आश्चर्यचकित होकर गाँव में जाकर इस आश्चर्य का उल्लेख किया तो सारा गाँव खेत में पहुँचा। पुरोहित ने आकर सभी को अपने स्वप्न के बारे में बताया। तब भुवाल माता की पूजा आरती होने लगी।
माता ने खेड के अपने भक्तों को अपने स्थानान्तरण के बारे में बताया। तब माता के भक्त बरडिया ओसवाल इत्यादि बिरामी आकर अपनी कुलदेवी की पूजा अर्चना करने लगे।
ऐसा कहा जाता है कि अल्लाउद्दीन खिलजी मंदिरों और प्रतिमाओं को खंडित करने निकला तो इस पावन धाम को भी अपवित्र कर गया। छाजेड़ बंधुओं ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया एवं खण्डित मूर्ति के स्थान पर नई प्रतिमा की प्रतिष्ठा कराई।
हंस पर विराजमान बिरामी की भुवाल माता की प्रतिमा चतुर्भुजी है। आसोज शुक्ला नवमी और चैत्र शुक्ला नवमी को यहाँ मेला लगता है। यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन पाने आते हैं।
कैसे पहुंचे ? (How to reach Bhuwal Mata Temple Birami)
मंदिर जोधपुर से 34 किलोमीटर की दूरी पर है। झालामण्ड चौराहा से गुडा विश्नोइया होते हुए बिरामी जाया जाता है। पाली से कांकाणी-गुडा विश्नोइया होकर बिरामी की भुवाल माता के मंदिर जाया जाता है। पाली से इसकी दुरी लगभग 72 किलोमीटर है। मंदिर में ठहरने व निःशुल्क भोजन की भी व्यवस्था है।
भुवाल माता के नाम से प्रसिद्ध नागौर के मेड़ता सिटी में स्थित ब्रह्माणी माता का मंदिर (भुवाल माता) भुवाल नामक ग्राम में स्थित होने से भुवाल माता कहा जाता है। मेड़ता स्थित भुवाल माता प्रत्यक्ष मदिरा पान करने के चमत्कार के कारण विख्यात है।
नोट:- यदि आप बिरामी की भुवाल माता को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं तो कृपया Comment Box में अपना समाज व गोत्र लिखे।
Jain samaj
Chazzed
Ajit Vandana mardia
Good app
Goutra Chhajed
Niwas Indore
Babriya
Bhuwal mata is mataji of Bardia Gotra as well.
Rajesh chhajer
Jaipur
Om bhuwal mata namo namh
Birami Mataji is our KULDEVI also.
Shashikant Bardia, Mumbai
Bhuwal mata ji is kul devi of Bardia, Jain