ईश्वरीय तत्त्व कुलदेवी / कुलदेवता
सभी धर्मों में मनुष्य अपनी आध्यात्मिक उन्नति तथा नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव के लिए ईश्वरीय तत्त्व का सहारा लेता है। ईश्वर के सर्व तत्त्वों में परिवार के कुलदेवता ही परिवारजनों के निकटतम तथा परिवार के सदस्यों की आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यधिक सुलभ होते हैं । अध्यात्म शास्त्र के अनुसार हमारा जन्म उसी धर्म में होता है जो हमारी आध्यात्मिक उन्नति के लिए सर्वोत्तम हो । जिस कुल में हमारा जन्म होता है उस कुल की देवी अथवा देवता ही हमारी आध्यात्मिक उन्नति के लिए श्रेष्ठ ईश्वरीय तत्त्व होते हैं । यह कुल अथवा समाज से जुड़े ईश्वरीय तत्त्व हिन्दू धर्म में कुलदेवी / कुलदेवता, ईसाई धर्म में ईसा मसीह अथवा मदर मैरी, बौद्ध धर्म में महात्मा बुद्ध, जैन धर्म में महावीर स्वामी, इस्लाम में मुहम्मद पैगम्बर इत्यादि रूप में पूजे जाते हैं।
कुलदेवता / कुलदेवी के स्थान पर मैं अपने इष्ट देवता की उपासना करता हूँ। क्या यह उचित है ?
- जब हम अपने जन्म के धर्मानुसार देवता की उपासना करते हैं अथवा अपने कुलदेवी / कुलदेवता का नामजप करते हैं, तो यह हमें सर्व ईश्वरीय तत्त्वों को आकृष्ट करने की क्षमता देता है। इससे हमें ईश्वर की पूरी कृपा प्राप्त होती है। चूँकि वे हमारे कुलदेवता हैं, उनकी उपासना करने से वे हम पर प्रसन्न होते हैं और जिस प्रकार माता-पिता अपने सामर्थ्य के अनुसार अपनी सारी कृपा बरसाते हैं, उसी प्रकार हमारी कुलदेवी हम पर अपने ईश्वरीय तत्त्व की सभी कृपा बरसाती है।
- यदि अपने कुलदेवता के स्थान पर किसी अन्य देवता का नामजप किया जाए, तो केवल उस देवता द्वारा प्रतिनिधित्व किए जानेवाले तत्त्वों का संवर्धन होगा किन्तु वह आध्यात्मिक उन्नति में प्रभावी रूप से सहायक नहीं होगा । जिस प्रकार माता-पिता से भिन्न व्यक्ति हम पर माता-पिता के समान कृपा नहीं करता उसी प्रकार अन्य देवता हम पर कृपा तो करते हैं किन्तु वह कृपा केवल उन्हीं तत्त्वों की होगी जिनका वह देवता प्रतिनिधि है। अतएव यह अपने कुलदेवता के नामजप की भांति अथवा जन्मगत धर्मानुसार देवता के नामजप की भांति प्रभावी नहीं होता । कुछ व्यक्तियों में अपने कुलदेवता अथवा जन्म धर्मानुसार देवता से अलग किसी अन्य देवता के प्रति झुकाव होता है । उदाहरण स्वरूप, रोमन कैथॉलिक की आराध्य देवी ‘मदर मैरी’ हैं, तो भी व्यक्ति महात्मा बुद्ध के नामजप की ओर आकृष्ट हो सकता है । इसी प्रकार, एक हिंदू को अपने कुलदेवता के नामजप की अपेक्षा भगवान श्रीकृष्ण का नामजप करना अच्छा लग सकता है। यह किसी व्यक्ति की रुचि एक विशेष देवता के प्रति अथवा देवता की विशेषताओं, कार्य, वैभव इत्यादि के संदर्भ में जानकर उत्पन्न हो सकती है ।
अतः किसी अन्य देवता अथवा अपने इष्ट देव की उपासना करना गलत नहीं है। परंतु इसके लिए हमें हमारी कुलदेवी की उपेक्षा नहीं करना चाहिये और नियमित रूप से पूर्ण श्रद्धा से कुलदेवी की उपासना अवश्य करते रहना चाहिए और हर समय इनका ध्यान करना चाहिए। यदि आप नहीं जानते कि आपकी कुलदेवी कौन है तो पूजा के लिए यह विधि कर सकते हैं – जिन्हें कुलदेवी की जानकारी नहीं है उनके लिए पूजा विधि । यह याद रखें कि हमारे ही कुटुंब के किसी अन्य व्यक्ति के स्थान पर हमारी माँ ही हमारा सर्वाधिक ध्यान रख सकती है और रक्षा कर सकती है।
Laxmi ji
में रांकावत वैष्णव में गोयल गोत्र से हूँ कुलदेवी की जानकारी नहीं हैं । मदद करे
हमरा गोत्र है परन्तु हमारे पूर्वजों द्वारा बिजासन माता की पूजा कुल देवी के रूप में की जाती है क्या यह सही है?
please help me with the kuldevi and isht dev of lunia family . i hv enquired many times abt this but no one has proper reply . no lunia worship there kuldevi ,is there in reason or history behind it.please help me
We belong to vashisht Gotra but unaware of our kuldevi…is there any way we can find out.
No one in the family is alive now.pls help
I belong to Vashisth gotra but i have no idea about my Ist dev and kul devta. Is there away to get to know it?
I DO NOT KNOW MY KUL DEVTA….PLZ HELP ME TO KNOW MY KUL DEVTA
MERA GOTRA DANDOTIYA HAI I DO NOT KNOW MY KUL DEVTA. PLZ HELP ME TO KNOW MY KULDEVTAS…………
हमारी कुल देवी ववी दसी है गोत्र दुग्गड़ है परन्तु कुल देवता का पता नहीं है ओर न ही कुल देवी का स्थान कहॉ पर है
Main Vishwakarma samaj se hu mera gotta Pawar hai
Meri kuldevi aur kuldevta kon hai
Mera gotra lavaniya hai, hum kis rishi ke vansaz hai. Hamare kul devta,kul devi aur ishta dev kon hai?
ham lakhara hai hamara gotr hatdiya hai harari kuldevta rajsthan thit kha hai