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साण्डन / स्यानण की कालिका माता का प्राचीन मन्दिर, सुजानगढ़ चूरू

राजस्थान के चूरू जिले की सुजानगढ़ तहसील में रतनगढ़-सालासर मार्ग पर सांडण / स्यानण की डूंगरी स्थित है। इस पहाड़ी पर तीन भागों में विभक्त प्राचीन मन्दिर स्थित है। सांडण / स्यानण की काली माता का मन्दिर दसवीं शताब्दी में हर्षनाथ का समकालीन बताया जाता है। दो मन्दिर पहाड़ी पर आमने-सामने पूर्व व पश्चिम की ओर मुंह किये हुए है। तीसरा मुख्य देवालय दक्षिणमुखी है। ये तीनों मन्दिर रथ की आकृति में बने हुए हैं। पहाड़ी के पत्थर बजरी युक्त भूरे रंग के हैं। ऐसे पत्थर अन्यत्र नहीं पाये जाते। इन्हीं पत्थरों से ये मन्दिर बने हैं।

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स्यानण कालिका माता दर्शन साण्डन, सुजानगढ़ चूरू

शैली एवं स्थापत्य की दृष्टि से ये मन्दिर हर्षनाथ के देवालय से साम्य रखते हैं। मन्दिर के परिसर में कलापूर्ण बनाई गई अगणित मूर्तियां खण्डित अवस्था में पड़ी हैं जो भारत पर होने वाले विदेशियों के आक्रमणों की याद दिलाती हैं। मानव, किन्नर, यक्ष, गन्धर्व तथा पशु पक्षियों के साथ अनेक देव मूर्तियां भी पत्थरों पर उत्कीर्ण की गई हैं। इनमें शिव-पार्वती, सरस्वती, गणेश, राम, कृष्ण, ब्रह्मा, तथा विष्णु की प्रतिमाएं शामिल हैं।

स्यानण कालिका माता मन्दिर के कुछ चित्र :-

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स्यानण कालिका माता मन्दिर साण्डन, सुजानगढ़ चूरू

कैसे पहुंचें ? (How to reach Syanan Kali Mata Temple Sandan?)

चूरू जिले की सुजानगढ़ तहसील के प्रसिद्ध गांव सालासर से रतनगढ़ की सड़क पर सालासर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर खुड़ी नामक गांव है। खुड़ी में प्रवेश करने पर पूर्व दिशा में कालिका माता द्वार तथा सांडण / स्यानण के लिए सड़क बनी है। खुड़ी से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर माताजी का मन्दिर विद्यमान है।

Syanan / Sandan Kali Mata Temple Map :-

 

5 thoughts on “साण्डन / स्यानण की कालिका माता का प्राचीन मन्दिर, सुजानगढ़ चूरू”

  1. मेरे बड़वाजी ने बताया कि हमारी कुलदेवी मां कालका सांडन माताजी है । खटाणा गोत्र गुर्जर समाज

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