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Hanuman Jayanti | हनुमान जयन्ती का महत्त्व व इतिहास | Puja Muhurt

Hanuman Jayanti 2020 Details in Hindi : चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के परम भक्‍त हनुमान का जन्मदिवस मनाया जाता है। इस दिन भगवान श‍िव के 11वें अवतार श्री हनुमान ने माता अंजना के गर्भ से जन्‍म लिया था। हनुमान जयन्ती के इस पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ पूरे देश में मनाया जाता है। श्री बजरंगबली हनुमान के स्‍मरण मात्र से ही भक्तों के सभी कष्‍ट दूर हो जाते हैं और उन्हें किसी बात का भय भी नहीं सताता।

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श्री हनुमानजी भगवान श्री रामचंद्र के अनन्य भक्त हैं, जो सत्य और गुणों के अवतार हैं। उन्हें गोस्वामी श्री तुलसीदास द्वारा राम भक्त शिरोमणि के रूप में संबोधित किया गया है। हनुमान जयंती एक पवित्र दिन है जब श्री हनुमान अपने प्रभु भगवान राम के उद्देश्य की सेवा करने पृथ्वी पर अवतरित हुए।

हनुमान जयंती का इतिहास | History of Hanuman Jayanti in Hindi :

वाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड के अनुसार, श्री हनुमान वैवस्वत मनु के छठे मन्वन्तर के त्रेता युग के प्रारम्भ में हुए थे। इस तिथि के अनुसार लगभग 25 लाख साल पहले। लोक परंपराओं के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को उनकी जन्म तिथि मनाई जाती हैं। वह मंगलवार सुबह के समय अवतरित हुए थे।

lord hanuman taking sanjeevani parvat flying to save lord lakshman

हनुमान जी का जन्म वानरराज केसरी की पत्नी अंजना से हुआ था। ऐसा माना जाता है कि अंजना को मुनि विश्वामित्र ने शाप दिया था कि वह एक वानर को जन्म देगी। अंजना ने शाप से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव की पूजा की और उनसे अपने पुत्र का हिस्सा बनने का आग्रह किया। मान्यता है कि हनुमानजी भगवान शिव के अवतार हैं।

एक अन्य कथा यह है कि राजा दशरथ ने सन्तानप्राप्ति के लिए पुत्रकामेष्टि यज्ञ का अनुष्ठान किया था. इस यज्ञ उन्हें प्रसाद के रूप में पायसम प्राप्त हुआ। जिसे ग्रहण करके रानियां गर्भवती हुईं। हालांकि, एक चील ने पायसम का कुछ अंश छीनकर आकाश में ले गई, जहाँ से पवनदेव ने वह प्रसाद का अंश देवी अंजना को सौंप दिया, और इसे ग्रहण करने से भगवान हनुमान का जन्म हुआ। जिसके कारण भगवान हनुमान को ‘पवनपुत्र’ के नाम से भी जाना जाता है।

lord hanuman with lord rama and lakshman on his shoulders

हनुमान जयंती का महत्व व पूजा विधि  | Significance of Hanuman Jayanti in Hindi | Puja Vidhi: 

हनुमान जयंती का पावन दिवस भारत में पूरे हर्षोल्लास और भक्ति के साथ मनाया जाता है। भक्‍तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्‍व है। श्री हनुमान को प्रसन्‍न करने के लिए भक्‍त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्‍न होकर भक्‍तों पर कृपा बरसाते हैं।  इस दिन घरों और मंदिरों में  विशेष पूजा और भजन-कीर्तन होते हैं।  हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ किया जाता है। इस दिन हनुमानजी के कई प्रसिद्ध धामों पर मेले भी लगते हैं।

हनुमान जयन्ती के सुअवसर पर भक्त सिंदूर या लाल वस्त्र चढ़ाकर, गेंदा, गुलाब जैसे फूल चढ़ाकर बजरंगबली  की पूजा करते हैं। हनुमानजी को प्रसाद के रूप में लड्डू, हलवा, केले  चढ़ाये जाते हैं। भक्त मंदिर जाते हैं, हनुमानजी की शोभायात्रा निकालते हैं  और धार्मिक आयोजन करते हैं। लेकिन इस साल, कोरोनावायरस लॉकडाउन के बीच, कोई जुलूस नहीं निकाला जाएगा और कोई भी धार्मिक सभा नहीं होने वाली है।

भगवान हनुमान को विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ, मिठाई और फूल भी चढ़ाए जाते हैं और उनके भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

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हनुमान जयंती के व्रत का वैज्ञानिक कारण | Scientific reason behind Hanuman Jayanti Vrat :

मानव का मानसिक स्वास्थ्य चंद्रमा के चक्र से प्रभावित होता है। हनुमान जयन्ती को पूर्णिमा होती है तथा उस दिन चाँद का मानव शरीर पर सबसे गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए प्राचीन संतों ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए चैत्र पूर्णिमा के दिन उपवास करने की सलाह दी है।

2020 में हनुमान जयंती के लिए पूजा का समय:Hanuman ayanti Puja Time :

दृकपंचांग के अनुसार श्रद्धालुअपनी क्षेत्रीय मान्यताओं के अनुसार साल के अलग-अलग दिन व समय हनुमान जयंती मनाते हैं। लेकिन मुख्य रूप से देशभर में हनुमान जयंती 2020 का यह दिन नियत है –

हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा को मनाई जाती है जो इस बार बुधवार, 8 अप्रैल, 2020 को आ रही है। पूर्णिमा तिथि 7 अप्रैल को दोपहर 12.07 बजे से शुरू होगी और 8.04 बजे समाप्त होगी।

  • पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – 12:01 PM on Apr 07, 2020
  • पूर्णिमा तिथि समाप्ति – 08:04 AM on Apr 08, 2020

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1 thought on “Hanuman Jayanti | हनुमान जयन्ती का महत्त्व व इतिहास | Puja Muhurt”

  1. Sanadhya Brahmin Ka Itihas V Parichay
    Iske antargat aapne liikha -Adi Gaur Brahmins ne Ygya karvaya aur bina dakshina ke chale gaye, aur bache hue 750 kanyakubaj brahmins ne dan sweekar kiya. Next para mai aap likthte hai, ygya mai 1001 brahmins shamil hue, 251 kanyakubaj aur 750 milejhule brahmins,jinhe Sanadhya brahmins ka naam diya gaya
    Kripya spasht kijiye kya satya hai aur kaha se li gai hai yahe jankari.

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