Durgashtami | Masik Durgashtami | Durga Ashtami Vrat Vidhi | Masik Durga Ashtami Katha | Benefits of Durga Ashtami | Masik Durgashtami Dates in 2018 | Dates of Masik Durgashtami in 2018 | Masik Durgashtami Vrat Katha in Hindi | Mahashtami Puja |
Masik Durga Ashtami in Hindi : प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथी को दुर्गाष्टमी का उपवास मनाया जाता है। इस दिन देवी दुर्गा के भक्त उनकी पूजा अर्चना करते हैं तथा पूरे दिन व्रत रखते हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण दुर्गाष्टमी जिसे ”महाष्टमी” (Mahashtami) भी कहते हैं, आश्विन महीने में शारदीय नवरात्र के समय आती है।
दुर्गाष्टमी ( Durgashtami / Durga Ashtami ) को मास / मासिक दुर्गाष्टमी (Monthly Durgashtami) भी कहा जाता है।
दुर्गा शक्ति और शांति की देवी हैं। देवी माँ दुर्गा के सभी भक्तों को मासिक दुर्गाष्टमी पर उपवास करना चाहिए। दुयह दुर्गा के सभी भक्तों के लिए एक शुभ दिन है। दुर्गा माँ मातृशक्ति का प्रतीक है। देवी दुर्गा हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे शक्तिशाली देवी हैं और उनके पास त्रिदेवोंकी शक्ति है जो भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा हैं। आइये जानते हैं दुर्गाष्टमी की कथा –
दुर्गा अष्टमी के पीछे की कथा | The Legend behind Durga Ashtami :
हिंदू संस्कृति के अनुसार, सदियों पहले पृथ्वी पर असुर बहुत शक्तिशाली हो गए थे और वे स्वर्ग पर चढ़ाई करने लगे। उन्होंने कई देवताओं को मार डाला और स्वर्ग को बर्बाद करना शुरू कर दिया। महिषासुर सभी में सबसे शक्तिशाली असुर था। तो भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने ‘शक्ति स्वरूप’ देवी दुर्गा को बनाया। हर देवता ने देवी दुर्गा को विशेष हथियार प्रदान किया। इसके पश्चात् आदिशक्ति दुर्गा पृथ्वी पर आई और असुरों का वध किया। माँ दुर्गा ने महिषासुर की सेना के साथ युद्ध किया और अंत में उसे मार दिया। उस दिन से दुर्गा अष्टमी का पर्व प्रारम्भ हुआ।
यह भी पढ़ें : जानिये कैसे पड़ा माँ शक्ति का नाम ‘दुर्गा’ >>
यह भी पढ़ें : जानिये कैसे प्रकट हुई महादुर्गा और कैसे मिले उन्हें अस्त्र-शस्त्र >>
मासिक दुर्गाष्टमी के व्रत की विधि | Vrat Vidhi of Masik Durga Ashtami :
सबसे पहले शुद्ध जल से स्नान कर साफ कपडे पहनें। इस पूरे दिन आपको व्रत रखना है। माँ दुर्गा की पूजा करने के लिए पहले आपको अपने हाथों में लाल पुष्प लेकर माँ दुर्गा की प्रतिमा को अर्पित करना चाहिये। फिर आपको कपूर, दीया, धूपबत्ती प्रज्वलित कर और आरती के साथ माता दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए तथा भगवती दुर्गा के मंत्रोच्चार करने चाहिये। माँ को मिष्ठान्न अर्पित कर माँ के नामों का उच्चारण करना चाहिये। माँ दुर्गा को पंचामृत अर्पित करना चाहिये जो शहद, दही, घी, गंगाजल और दूध इन पांच पवित्र अवयवों द्वारा बनाया जाता है। माँ को पांच फल व किशमिश, सुपारी, पान, लौंग, इलायची आदि अर्पित करने चाहिये। अंत में घी के दिये से माँ की आरती करनी चाहिए।
आरती के बाद आपको नौ छोटी कन्याओं को बुलाकर उनके पैरों को पानी से धोना चाहिए और उनके लिए पूरी और हलवा प्रसाद के रूप में भोजन कराना चाहिये। इसके बाद इन कन्याओं के पैर छूकर इनसे आशीर्वाद लेना चाहिये क्योंकि ये नौ कन्यायें नवदुर्गा का रूप होती हैं।
मासिक दुर्गा अष्टमी के लाभ | Benefits of Masik Durga Ashtami :
- यह आपके कर्मों से सभी बुरे पापों को मिटाता है।
- यह जीवन के हर संघर्ष का सामना करने के लिए शांति और शक्ति भी देता है।
- दुर्गाष्टमी का व्रत करने से माताओं को आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके बच्चों को अनिष्ट से बचाता है।
- यह आपके आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाता है और माता दुर्गा अपने सभी भक्तों को सुरक्षा प्रदान करती है।
- यह आपके जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता लाता है।
2018 मासिक दुर्गाष्टमी की तिथियां | Dates of Masik Durgashtami in 2018 :-
मासिक दुर्गाष्टमी 2018 | |||
तारीख | दिन | पर्व | |
25th जनवरी 2018 | बृहस्पतिवार | मासिक दुर्गाष्टमी | |
23rd फरवरी 2018 | शुक्रवार | मासिक दुर्गाष्टमी | |
24th मार्च 2018 | शनिवार | मासिक दुर्गाष्टमी | |
23rd अप्रैल 2018 | सोमवार | मासिक दुर्गाष्टमी | |
22nd मई 2018 | मंगलवार | मासिक दुर्गाष्टमी | |
20th जून 2018 | बुधवार | मासिक दुर्गाष्टमी | |
20th जुलाई 2018 | शुक्रवार | मासिक दुर्गाष्टमी | |
18th अगस्त 2018 | शनिवार | मासिक दुर्गाष्टमी | |
17th सितम्बर 2018 | सोमवार | मासिक दुर्गाष्टमी | |
17th अक्टूबर 2018 | बुधवार | दुर्गा अष्टमी | |
16th नवम्बर 2018 | शुक्रवार | मासिक दुर्गाष्टमी | |
15th दिसम्बर 2018 | शनिवार | मासिक दुर्गाष्टमी |
1 thought on “Masik Durga ashtami मासिक दुर्गाष्टमी की व्रत विधि, महत्त्व व तिथियाँ”