Champawat Rathore Vansh : राव रिड़मल के पुत्र चांपाजी थे। चांपाजी ने वि.सं. 1522 में सुल्तान महमूद खिलजी के साथ युद्ध किया था। वि.सं. 1536 में मणियारी के पास सीधलों के साथ युद्ध हुआ जिसमें चांपा वीरगति को प्राप्त हुए।
इन्हीं चांपा के वंशधर चांपावत राठौड़ कहलाये। इनके मारवाड़ में काफी ताजीमी ठिकाने थे। जयपुर राज्य में गीजगढ़, नायला, गौनेर और काणूता मेवाड़ ने कथरिया, मालोल व गोरडियो तथा कोटा में सारथल। ग्वालियर राज्य में वागली तथा ईडर राज्य में टिटोई चांदनी व मोई चाम्पावतों के ठिकाने थे।
चाम्पावतों की खांपें व अन्य ठिकाने –
1) सगतसिंहोत चांपावत :-
चांपाजी के पुत्र सगतसिंह के वंशज सगतसिंहोत चांपावत कहलाते हैं। जोधपुर परगने का दास्तणिय गांव इनकी जागीर में था।
2) रामसिंहोत चांपावत :-
चांपाजी के पुत्र रामसिंह भैरूंदासोत के वंशज रामसिंहोत चांपावत कहलाते है। देवकी चौराऊ, थलवाड़, मादेरा, मांकणी, लोदराऊ, लुहर, सकराणी, जेरसीण खामपुर (जालौर परगना) इनके एक एक गांव वाले ठिकाने थे।
3) जगमालोत चांपावत :-
भैरूदास चांपावत के पुत्र जैसाजी के पुत्र जगमाल के वंशज जगमालोत चांपावत कहे जाते हैं। डाहोली, टारखा (परगना नागौर) सुखवाणसी (प. मेड़ता) आदि इनके एक एक गांव वाले कई ठिकाने थे।
4) गोयन्ददासोत चांपावत :-
जैसाजी के पुत्र गोयन्ददास के वंशज गोयन्ददासोत चांपावत कहे जाते हैं। खुडालो (2 गांव) भेटवाड़ा (2 गांव) गोड़वाड़ परगने के ठिकाने थे।
5) हरभाणोत चांपावत :-
जैसा के पुत्र जैतमाल के पुत्र हरभाण के वंशज हैं। जोधपुर परगने के मालगढ़ दो गांवों का ठिकाना था। नवध (मेड़ता) व साकणियों (सोजत) भी इनके ठिकाने थे।
6) केसोदासोत चांपावत :-
जैसाजी के पुत्र मांडण के पुत्र केसोदास के वंशज केसोदासोत चांपावत है। जालौर परगने के कावतरां और सांणढंढ इनके एक एक गांव के ठिकाने थे।
7) रायसिंहोत चांपावत :-
मांडण के पुत्र रायसिंह के वंशज रायसिंहोत चांपावत है। जालौर परगने का धांनणी इनका एक गांव का ठिकाना था।
8) रायमिलोत चांपावत :-
चांपाजी के पौत्र भीमराज भैरूदासोत के पुत्र महेशदास थे। इनके पुत्र जसवंतसिंह के पुत्र रायमल के वंशज रायमलोत चांपावत हैं। जोधपुर परगने का सिणला इनका एक गांव का ठिकाना था।
9) विठलदासोत चांपावत :-
चांपाजी के बाद क्रमशः भैरूदास, जैसा, माण्डण, गोपालदास और विठलदास हुए। इसी विठलदास के वंशज विठलदासोत चांपावत है। ये बड़े शक्तिशाली थे। इनके प्रमुख ठिकानों में पोकरण 110 गांवों को जोधपुर परगने का ठिकाना (मारवाड़ रा परगना री विगत भाग तृतीय पृ. 454) था। जालौर परगने का दासपा 13 गांवों का ठिकाना, गोढ़वाड परगने का खीवाड़ा 8 गांवों का ठिकाना, सोजत परगने का दूदोड़ 4 गांवों का ठिकाना, जालौर परगने का बाकरा 6 गांवों का ठिकाना, जोधपुर परगने का रसणी 4 गांवों का ठिकाना, हरीया डाणा (2 गांव) पीलवा (3 गांव) आदि अन्य ठिकाने थे तथा एक एक गांव वाले कई ठिकाने थे। जयपुर राज्य में भी पोकरण के चांपावतों के गीजगढ़, गोनेर, काणूता और नायला 4 ठिकाने थे।
10) बालोत चांपावत :-
मांडण के पुत्र गोपालदास के पुत्र बलू के वंशज बलोत चांपावत है। बलूजी अपने समय के प्रसिद्ध वीर हुए। आगरा के किले से अमरसिंह का शव लाने का श्रेय इन्हीं को है। हरसोलाव, धांयली बापोड़, चवाधांधीया, लोरोली खुर्द, एक एक गांव व खोखरी (नागौर) 3 गांव का ठिकाना था।
11) भोपतोत चांपावत :-
गोपालदास के पुत्र भोपत के वंशज हैं। खाटू बड़ी चूटीसरो, ओवाद डाभ, पालोट जाखडो, अड़वड़, आगुतो, सुनारी, मंडागणां, वाटेलो, ओरीठ, बारणेल, चाऊ, रामड़ाबास खुर्द, दुजार, पीरोजपुरो, कान्याडो आदि एक एक गांव के ठिकाने थे।
12) खेतसिंहोत चांपावत :-
माण्डण के पुत्र गोपालदास के पुत्र खेतसिंह के वंशज हैं। नागौर परगना के हवतसर और सरासणी तथा मेड़ता परगने का खादी वास एक एक गांव के ठिकाने थे।
13) हरिदासोत चांपावत :-
गोपालदास के पुत्र हरिदासजी के वंशज हरिदासोत चांपावत है। मेड़ता परगने का गंठियों इनका एक गांव का ठिकाना था।
14) आईदानोत चांपावत :-
गोपालदास के पुत्र दलपत के पुत्र आईदानजी के वंशज हैं। आडवा (सोजत) इनका 14 गांवों का मुख्य ठिकाना था। बिठोरों बड़ो (2 गांव) बामसीण (2 गांव) जाणीवाणो (3 गांव) जोधपुर परगने का रोयट (11 गांवों का ठिकाना) आहोर (जालौर 6 गांवों) सथलाणो (2 गांव) ढारी (2 गांव) भैसवाडों जालौर (8 गांव) जोधण (2 गांव) इनके अतिरिक्त एक एक गांव के कई ठिकाने थे।
15) किलाणदासोत चांपावत :-
गोपालदास के पुत्र दलपत के पुत्र किलाणदासजी के वंशज किलाणदासोत चांपावत कहलाते है। जोधपुर परगने का भालेलाव इनका एक गांव का ठिकाना था।
चांपावत राठौड़ वंश की कुलदेवी :-
मूल राठौड़ वंश होने से इस वंश की कुलदेवी पंखिनी/नागणेचिया माता है।
नागणेचिया माता के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए Click करें >
यदि आप चांपावत राठौड़ वंश से हैं और नागणेचिया माता से इतर किसी देवी को कुलदेवी के रूप में पूजते हैं तो कृपया Comment Box में बताएं। अथवा इस वंश से जुड़ी कोई जानकारी देना चाहते हैं तो भी आप Comment Box में अपने सुझाव व विचार दे सकते हैं।
Nice post
इस लेख में पीलवा ठिकाने के नायला ,कानोता व सांथा को पोकरण ठिकाने में लिखा गया है जो गलत है पोकरण ठिकाने के दो गाँव गिजगढ व गोनेर है कृपया इसे सही जानकारी दर्शाया जाए
Kirpya pilwa ke Bagesh dadosa ka sahi ithas butane ka kast kare .
8) रायमलोत चांपावत
नहीं होकर के ये भीवराजोत चांपावत कहलाए जिन का ठिकाना शिनला परगना बिलाड़ा, भावी, बिनावास और गुजरात में चांदनी टिटाई, मऊ, बाकानेर है
nahich artikals
uniqe post
POKHARIYA ???KON HOTE HAI
Bhai PTA chle to mujhe bhi batana
Satopokhariya bhi
BALLA RAJPUT B ballu ki santan he kya
Surajmalot Champawat is missing?
You are right hkm
बलु राठोड़ केवशं ज बल्ला राठोड़ कहलाने लगे कब से
बल्ला राठोड़ कब से कहलाने लगे
I impressed to know about the history , i also Jagmalot champawat and Joravar singh ji ( jorji champawat ) family belong , my village is kasari in jayal tehsil distt nagaur at present lives in jaipur rajasthan,
Thanking you , Lokendra Singh kasari
9829635756
चम्पावतो का इतिहास ऐतिहासिक रहा हैं। जानकारी साझा करने के लिये धन्यवाद सा।
Some about chandawat Rathore
Hkm aapne jo Gwalior rajy ke vagli ke bare me jo likha he vo asl me bagli he
8) रायमलोत चांपावत
नहीं होकर के ये भीवराजोत चांपावत कहलाए जिन का ठिकाना शिनला परगना बिलाड़ा, भावी, बिनावास और गुजरात में चांदनी टिटाई, मऊ, बाकानेर है
sinla bherudasot he sa jaha gopaldasji ans blluji ka jnm hua
8) रायमलोत चांपावत
नहीं होकर के ये भीवराजोत चांपावत कहलाए जिन का ठिकाना शिनला परगना बिलाड़ा, भावी, बिनावास और गुजरात में चांदनी टिटाई, मऊ, बाकानेर है
Bhai hum bhi inhi vansh ke hai jo satopokhariya bhardwaj gotra ke naam se jana jata hai
JORJI CHAMPAWAT SA KESORI VILLAGE KIS DISTT ME HE
नागौर
नागौर डिस्ट्रिक्ट मैं है
हरीदासोत चम्पावतो के दो ठिकाने है गंठिया और डिडिया (नागौर)
Surajmsot champawat is missing hkm
सियाले खाटू भली उनाले अजमेर
Raimal ji champawat ke Putra Arjun Singh ji huve te jish se Arjun Singh ji ke vansh ke raimalot champawat kehlaye ok
Chcpawat bijasen mata ko bhee kul devi banate hai
मेरा नाम भवानी सिंह चम्पावत है मेरा संबंध चंपावतो कि सगतसिहोत शाखा से हैं और हमारे पास सोजत परगने का सिनला गांव था
मेवाड़ में बल्लु जि के वंशज बूल्ला राठौड़ आसावरा कि जागिरि आशाजि चाम्पावत राठौड़ दि 1433मे ईश पर बताये