Khokhar Rathore vansh history in hindi : छाड़ा के पुत्र खोखर के वंशज। खोखर ने साकड़ा, सनावड़ा आदि गांवों पर अधिकार किया और खोखर गांव (बाड़मेर) बसाया। अलाउद्दीन खिलजी ने सांतल दे के समय सिवाना पर चढ़ाई की तब खोखर जी सांतल दे के पक्ष में वीरता के साथ लड़े और युद्ध में काम आये। (पृथ्वीसिंह खोखर के सौजन्य से )
खोखरों के गांव :-
1. जैसलमेर जिले में :-
निम्बनी, लखा, कोहरा(कुण्ड), कोहरा, भडली, जिजनयाली, मूंगा, जेलू, केरु, खुडियाली, आसकन्दरा, भादरिया, गोपारयो, भलरियों, जाईतरा, पीलवा, नदिया बड़ा, अडवाना, सांकड़ा, पालवा सनाबड़ा, खीखासरा, कसवा चूरू- रालोता जोगलिया।
2. बाढ़मेर :-
खोखर शिव, खोखर पार (पाकि) जोधपुर- जुंडदिकई, खुडियाला, खोखरी पाला, बिलाड़ा। नागौर – खोखरी, पाली- बाली, गंदोग, खोखरी पाला, बिलाड़ा। द्वारा वि. 1788 में अहमदाबाद पर हमला किया गया। तब भी खोखर राठौड़ो ने वीरता दिखाई।
खोखर राठौड़ वंश की कुलदेवी :-
मूल राठौड़ वंश होने से इस वंश की कुलदेवी पंखिनी/नागणेचिया माता है। नागणेचिया माता के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए Click करें >
यदि आप खोखर राठौड़ वंश से हैं और नागणेचिया माता से इतर किसी देवी को कुलदेवी के रूप में पूजते हैं तो कृपया Comment Box में बताएं। अथवा इस वंश से जुड़ी कोई जानकारी देना चाहते हैं तो भी आप Comment Box में अपने सुझाव व विचार दे सकते हैं।
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भाई तुम तो मुसलमानों के डर से पाला बदल के अपना धर्म बदल लिया खोखर राजपूत से तुम मुसलमान बन गए इतने कायर थे तुम्हारे पूर्वज खोखर जी के खून में तो इतनी कायरता नहीं थी। कहीं ना कहीं गड़बड़ है।
गांव खोखरी जिला- जीन्द (हरियाणा) मे भी है यह गावं गवर्नर गोत्र के जाटो द्वारा बसाया गया था
भाई यह जाट पहले खोखर राजपूत ही थे और महान वीर राव खोखर जी के वंशज थे, खोखर जी बड़ी वीरता से खिलजी से युद्ध में हजारों मुसलमानों को मार कर स्वर्ग को चले गए लेकिन उसने स्वर्ग जाने बाद उनकी औलादों ने जातियां बदलना शुरू कर दिया। कोई जाट बन गए तो कोई पंजाबी सिख बन गए और कोई मुसलमान बन गए और लाखों हमारे जैसे आज भी राजपूत है हजारों लड़ाईयां लड़ने के बाद भी हमने खोखर जी का नाम गर्व से बनाए रखा है।
Hello. My self Dr laxman singh khokhar (rathore , rajput ) from nimbali.. jaisalmer.. i really appreciate. Ur knowledge of our khokhar (rathore) vansh.. u want to add some points
1.khokhar ek bahut purana vansh h..isi vansh n mahumud gori ko teer s ghyal kiya tha…isi k baad prithvi raj chauhan n.. usko shabdbhedi ban s mara tha..
2 samay k sath.. khokhar subcaste. Divide hote gaye..time k sath.. mainly jat(khokhar jat ) , muslim(khokhar khanjada,baki pakistan m bahut h.. mainly salt range)
नहीं आपकी जानकारी सही नहीं है मोहम्मद गोरी को 12वीं शताब्दी में मारा गया था, लेकिन खोखर जी तो मेरी जानकारी के हिसाब से सिवाना में अलाउद्दीन खिलजी के खिलाफ लड़ाई करते हुए काम आएं थे लगभग 15 वी शताब्दी में, मेरी समझ में यह दोनों बातें आ नहीं रही है इसलिए मैं यह कह रहा हूं अभी आपके पास पूरी जानकारी है तो मुझे बताने का कष्ट करें।
गांव छपरौली यूपी अजमेर से आकर बसे
आज हमारे घर पर भाट आया था तो मैंने पूछा खोखर की हिस्ट्री के बारे में । तो उन्होंने बताया है आज मुझे मूल गोत्र खोखर राठौड़ और आज मैं बहुत खुश हूं नही तो आज अलग अलग खोए हुए फिरते थे
रावी खोखर राठौड़ सुन मेरी बात ,मैं बदरखा ,छपरौली से हु हमारा गाम कंसाला रोहतक से आके बसा था ,खोखर शुरूसे ही जाट थे , भाट के अनुसार और यूट्यूब पे बाबा बाजवा जी।के अनुसार ,कुछ जाट अपने आप को राजपूत।लिखने लगे ,क्युकी मुगल काल में राजा का पुत्र का परचलन हुआ ,राजपूत एक उपाधि है जो बाद में जाकर जाति बन गई ,राजपूत गुज्जर जाट अहीर से मिल कर बनी है ! हम सदेव से जाट है ,हमारा इतिहास बहुत पुराना है ,राजपूत शब्द के पहले से खोखर जाट है ,राजपूत तो भूत बाद में आया ,सेंट्रल एशिया से हमारा निकास है , अधूरी जानकारी घातक होती है
गांव neembli के मूल निवासी खोखर है वह जोधपुर ग्राम छोड़कर जैसलमेर क्यों आए थे
परिस्थितियां ऐसी बनी जोधपुर से जैसलमेर आना पड़ा, तुम तो यह बात कर रहे हो कि जोधपुर से जैसलमेर कैसे आए तुम्हें यह पता है कि हम राजाधिराज हिंदूवा सूरज चक्रवर्ती सम्राट कन्नौज के अधिपति महाराज जयचंद के व वंशज हैं, क्या तुम्हें यह पता है कि क्या परिस्थितियां बनी कि हमें अपना राज कन्नौज से छोड़ना पड़ा और हमें इस वीरान रेगिस्तान में आकर रहने को मजबूर होना पड़ा। हमारे आदि पुरुष सीहाजी राठौड़ है, जो सबसे पहले राजस्थान में आए और उसी के वसंस है लगभग राठौड़ जो राजस्थान में रहते हैं।
Khokhar thi.bhadli हमारे गांव में खोखराई तालाब है जो हम खोखर राठौड़ का ह।
हम राव देदाजी खोखर के वंशज है ।
हमारा क्षेत्र खोखराटी कहलाता है
राव खोखर जी एक वीर और महान पुरुष थे उनमें 10 हजार हाथियों का बल था, एक मुस्लिम लुटेरे खिलजी से लड़ते हुए लाखों मुसलमानों को मार कर और सनातन धर्म को बचा कर यह महान आत्मा स्वर्ग लोक को चली गई, और यहीं से खोखर खाप निकली जो आज तक पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही है। क्योंकि खोखर जी जैसा तो ना कोई हो पाया ना होगा लेकिन राव खोखर जी के जाने के बाद राव खोखर जी का परिवार कभी एक नहीं हो पाया इस बात का दुख मुझे हमेशा रहेगा।
Jay maa naganaray
My self Lokendra Singh Khokhar _from (Sihdar)
District Jaisalmer
खोखर शिव तहसील के मंडालिया में भी है
में दिनेशपाल सिंह खोखर गांव भाडली जैसलमेर
पुत्र किशन सिंह खोखर
सुपोत्र सुजान सिंह
परपोत्र राव हमीर सिंह
राव भोम सिंह
राव देदाजी
राव सगतो जी
राव डूंगर सिंह
राव साहेबो जी
राव हरपाल जी
राव सेरो जी
राव सतों जी
राव हेमोजी
राव बांकोजी
राव चौथमल जी
राव आंकू जी
राव खोखर जी
राव छाड़ा जी
राव जालानसी जी
राव कन्हापाल जी
राव रायपाल जी
राव धुहड़ जी
राव आस्थान जी
राव सिहो जी (राठोड़ वंश का वास्तविक संस्थापक
ये जैसलमेर के खोखराटी क्षेत्र के खोखरो की पीढ़ी की वंशावली है
प्रारंभ में हम भाडली वाले खोखरों की पीढ़ी है ।
भाडली में हमारे पूर्वजों ने भाडली में खोखराई तलाई खुदाई थी जो आज भी खोखराईं तलाई के नाम से जानी जाती है और आज भी हजारों लोगों की प्यास बुझाती हैं।
@mr._khokhar_sahb (Instagram)
@Dineshpal singh khokhar bhadli (Facebook)
बाबूसिह खोखर कोहरा
Khokhar gotra haryana or up me bassi Ror Community me bhi h …jinme se me bhi ekk hu …
Vill.goasgarh shamli (up)
ये खोखर राठौड़ ही थे मारवाड़ के इनको अलग अलग जागीर मिली हुई थी मुगलों के समय धर्म बदलवा दिए गए थे समयानुसार खोखर अलग अलग जातियों में बंट गए कोई मुस्लिम हो गए तो कोई सिख कोई हरियाणवीखोखर वास्तविक में खोखर राठौड़ राजपुत थे। नवकोटी मारवाड़ राव छाड़ा के पुत्र राव खोखर के वंशज है आज भी जैसलमेर में खोखरो के गांव है इनका क्षेत्र खोखराटी कहलाता है जैसे (कोहरा लखा भाडली निम्बली ) अन्य और भी बहुत है #राठौड़
These Khokhars were Rathores of Marwar, they had got different jagirs during the time of Mughals, religion was changed, according to time, Khokhars were divided into different castes, some became Muslims, some became Sikhs, some Haryanvi. Khokhars were actually Khokhar Rathore Rajputs. Navkoti Marwar is the descendant of Rao Khokhar, son of Rao Chhada, even today there are villages of Khokhro in Jaisalmer, their area is called Khokhrati like (Kohra Lakha Bhadli Nimbli) and many others.