Pareek Brahmin Samaj:पारीक समाज की उत्पत्ति महर्षि पाराशर से हुई है। पारीक समाज नौ नखों, बारह गौत्रों, सत्ताइस कुल देवियों तथा एक सौ आठ वर्गों में समाहित है।
महर्षि वशिष्ठ के पुत्र ‘शक्ति’ हुए, शक्ति के पाराशर, उनके वेदव्यास ओर उनके पुत्र शुकदेव हुए। शुकदेव के कीर्तीमती नामकी कन्या तथा पांच पुत्र हुए। किर्तीमति का विवाह विभ्राज के पुत्र अणुह के साथ हुआ। इनसे ब्रह्मदत्त जी हुए यही महातपस्वी और ज्ञानी ब्रह्मदत्त शुकदेवजी की इच्छानुसार पाराशर के वंश में गये। उस वंश में जाने से ही ब्रह्मदत्त और उनकी संतान ”पाराक्य’‘ कहलाये इसी का अपभ्रंश शब्द पारीक है। महर्षि पाराशर के नाम से ही उनके वंशज पारीक कहलाये। “छन्याति ब्राह्मणों में पारीकों का स्थान प्रथम माना जाता है। आमेर के कछवाहा राजवंश के कुल गुरु पुरोहित पारीक ही हैं। इस वंश में इनकी पुरोहिताई प्राचीन समय से चली आई है।
सम्वत् 1645 चैत्रमास के शुक्ल पक्ष में देश के समस्त ब्राह्मणों का सम्मेलन कराके ”छ:न्याति संघ ” की स्थापना कि गई। जिसमें पारीक ब्राह्मणों को प्रथम स्थान पर रखा गया। सम्मेलन में निर्णय हुआ कि छ: न्याति संघ में भोजन व्यवहार एक और कन्या सम्बन्ध निज-निज वर्ग में निश्चित हुआ।
छःन्याति ब्राह्मणों में पारीक के अतिरिक्त अन्य पांच ब्राह्मण समुदाय सारस्वत, दाहिमा, गौड़, गुर्जर गौड़, और सिखवाल हैं। उसी दिन से छ: न्याति ब्राह्मणों में सह भोज होने लगा और विवाह अपने-अपने समुदाय में होने लगा।
Kuldevi List of Pareek Samaj पारीक समाज के गोत्र एवं कुलदेवियां
Gotra wise Kuldevi List of Pareek Samaj : पारीक समाज की गोत्र के अनुसार कुलदेवियों का विवरण इस प्रकार है –
सं. | कुलदेवी | अवटंक (सामाजिक गोत्र) |
---|---|---|
1. | आदसगत माता (AadsagatMata) | वीणासरा (वीणा सट्टा)। |
2. | अम्बवाय माता (Ambwai Mata) | दिक्खत। |
3. | असनोत्तरी माता (AsnottariMata) | दाख, रहटा। |
4. | करणी माता (Karni Mata) | सोतड़ो। |
5. | कालिका माता (Kalika Mata) | दुरजाट (दुरगाट), बिडज़ारा (बिणजारा), पुरपाट। |
6. | कुमारी माता (Kumari Mata) | अजमेरा, कुलत्था, सोतड़ो। |
7. | कुंजलमाता (Kunjal Mata) | दुजारया, सकराणा, लापस्या, बुढाण्या, काथड़ा। |
8. | केसरी माता (Kesri Mata) | श्रृंगार। |
9. | चतुर्मुखी माता (Chaturmukhi) | मलगोता, कसूमीवाल, कीलणवा। |
10. | चामुण्डामाता (Chamunda) | हलहर्या, भ्रमाणा, जांगलवा, काहल, डावड़ा। |
11. | जाखण माता (Jakhan Mata) | कोथलिया, पोम, हुण्डिला, पंचोली, सतमुड़ा, कौशिक, भट्ट, मुडक्या (खटवड़), तामड़ा, अगनोती। |
12. | जीणमाता (Jeen Mata) | पुलसाण्या(पलसाण्या), आलसरा, डसाण्या, लडणवा, कामला, कमलो, भाकला(बेकला), दुजार्या(दिजार्या), बंभोर्या(भंभार्या), दुईवाल, कुशाट (कुशलटा), भरगोड़ा, शाण्डिल्य, जोड़ोदा, बुराट, सुचंगा, सुरेड़ा। |
13. | तारा माता (Tara Mata) | पदमाण्या। |
14. | तिपराय माता (Tiprai Mata) | जेरठा, पापड़। |
15. | नानणमाता (Nanan Mata) | केसोट| |
16. | पाढायमाता (Padhai Mata) | गोलवाल, मेड़तवाल, ओजाया, ठकुरा, घुघाट, अगरोटा, अहोरा, बुलबुला, खटोड़। |
17. | बींजलमाता (Binjal Mata) | बिलसरा(विणसरा), बावर, वय्या। |
18. | भद्रकालीमाता (Bhadrakali) | भारगो, पाठक, वरणा। |
19. | लहण (भंवाल) माता (Lahan/Bhunwal Mata) | गारग। |
20. | सच्चियायमाता (Sachchiyay Mata) | पिण्डताण, गोगड़ा, भण्डारी, भुरभुरा, बामणा, नगलाण्या, पाईवाल, बामण्या, संजोगी, गलवा, गणहड़ा, कीवसाण्या। |
21. | समराय माता (Samrai Mata) | ओड़ीटा, रजलाणा, सोती, दहगोत, सुमनत्या, लाछणावा। |
22. | सुद्रासन माता (Sudrasan Mata) | मलबड़ जोशी, वागुंड्या, मलवड़ त्रिपाठी। |
23. | सुरसाय माता (Sursai Mata) | जहेला, जावल, दुलीचा। |
जिन कुलदेवियों व गोत्रों के नाम इस विवरण में नहीं हैं उन्हें शामिल करने हेतु नीचे दिए कमेण्ट बॉक्स में विवरण आमन्त्रित है। (गोत्र : कुलदेवी का नाम )। इस Page पर कृपया इसी समाज से जुड़े विवरण लिखें। पारीक समाज से सम्बन्धित अन्य विवरण अथवा अपना मौलिक लेख Submit करने के लिए Submit Your Article पर Click करें।आपका लेख इस Blog पर प्रकाशित किया जायेगा । कृपया अपने समाज से जुड़े लेख इस Blog पर उपलब्ध करवाकर अपने समाज की जानकारियों अथवा इतिहास व कथा आदि का प्रसार करने में सहयोग प्रदान करें।
Pareek Samaj ki Kuldeviya.. Nice work
my self shoban thakur my Clan is Gautam Chandra Vansi. How is my Kul Devi ( Godess ) Please to suggest me
Ratanpura tiwari ki kuldevi ka Nam kya h
खींवज माता
कहा पर है
Nagaur
NAME – JEEVAN TIWARI
GOTR- NOSALIYA TIWAARI
DISTIC- PALI
STAT- RAJASTHAN
KULDAVI & KULDAVTA& SATI MATA KA NAME KEY HAI TIWARI GUJAGOR BRAHMAN KAI
Dakh upadhyay ki …shri ashnotari mataji ka mandir kaha hai??
Kuldeviyan kish sthan par he evam wha pochne ka sadhan aur rasta kiya he prateyk devi ke samne batane ka kasth kare
Bohra
Bohra ki kuldavi Kha per h
झाखण माता/ यक्षिणी माता, मांडल, भीलवाड़ा
अपनी माता जी का मंदिर तो रेन नागौर जिला में भी है जाखल माता जी बोहरा गोत्र की हम तवनिया बोहरा है
Bhardwaj: binjal mata
I’m Sanjay Joshi from Nagaur, Rajasthan. I’m ajmera Joshi (pareek), plz tell me the place of my kuldevi Adi kumarika mata
I m kaushal chand Ajmerajoshi, I and my younger brother r in search. Stay patient and for any query call 9116872711 or 9468591264
Mein Tiwari Pareek hoon….Orinta …aapke ansar kuldevi Samrai mata hai…upar diye vivran ke anusar. Par Samrai mata ka mandir kahan hai?
Mujhe bataya gaya ki hamari kuldevi Samreshvari Devi hai….kuch log kahte hai ki shakambari mata hai….
Pls reply and clear the point.
Rgds
Hemant Ji,
Samrai Mata or Samreshvari Mata “Shakambhari Mata” ke hi Naam h. Shakambhari Mata ‘Sambhar’ me virajmanh is karan unko ‘Sambharai’ Kaha jane laga.. Bad me yahi ‘Sambhrai’ apbhransh hokar ‘Samrai’ban gaya.. Isi tarah ‘Sambhareshwari’ ka apbhransh hokar ‘samreshwari’ bana.
…. Baad me Samajo ke logon me kisi ne unhe Shakambhari likha to kisi ne Samrai to kisi ne Samreshwari.. Aap devi ko inme se kisi bhi naam se pujte ho pr ye devi Shakambhari hi hai. Samrai ya Samreshwari likhne ka karan ye batane se hai ki ‘Saambhar me virajman Shakambhari Mata’
यह श्रीशखम्भरी माता सराय धाम उदयपुरवाटि में है।
Comment *khatotia pareek ki kul devi ka name kya hai
Kumari mata ka mandir joki ajmera joshi ki kuldevi h
Kisi ko mandir ke bare me jankari ho to krapiya share kare shailendra pareek
Mai ojaya vayas hu hmari kul dev khaa par h kepya
Jankari de
Tiwari
कापड़ोदा पारीक – खींवज माता(जालौर)
कापड़ोदा पारीक –
Kumari mata ka place Kaha p h
Samrai mataji ka mandir kaha pr hai
Tiwari ki kuldevi
Or photo bhi
Pls.
my name is hemant sain my gotra is jaipal plz my real kuldevi who is don’t now help me my kuldevi information
समराय माता ka mandir kanha PR h
Comment *i am vishvnath pareek …kaproda joshi…..mere kuldevi khiwaj mata bata rehe h mandir kaha h…plz batawe…
COMMENT i am shrawan kumar joshi {budanya} meri aap se nivedn h ki hamare kuldeveta ke bare me bataye
jai shree kunjal mata
सामाजिक व्यवस्था में.प्रत्येक ब्राह्मण समाज का इतिहास लिपिबद्ध किया जाता रहा है तथा इस काम को करने वाले को सामाजिक कुलगुरु का दर्जा दिया गया है, समाज के गौञादि, कुलदेवी की जानकारी उनसे सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है। यह सामाजिक व्यवस्था संरक्षण के अभाव में समाप्ति के कगार पर है, जिसकी सारी जिम्मेदारी हमारी है।
भाई जानकारी गलत मत दो पहले पता करो फिर ज्ञान बाटो, केसोट पुरोहितों की कुलदेवी का नाम श्री नंदराय माता है जिनका मंदिर पुष्कर के पास नांद गांव में पहाड़ी पर स्थित है।
भाई गजेंद्र जी ! नंदराय माता को ही नानण माता भी कहते हैं। ‘नांद’ का ही अपभ्रंश ‘नान’ है इसलिए यहाँ की देवी को स्थानीय भाषा में नानण माता कहते हैं।
कश्यप गोत्र
Upadhyay(Rojada) Pareek Ki kuldevi konsi h
kis sthan (place) pr h.
Please jankari dijiye
Ronda, upadhyay gotra ka to naam hi
Nhi diya list me aapne
Bohra ki kul davi kha per sir plzzzzzzz reply hum log ko btaya ki kul davi bhilwara m h
hi maja nav supriya maji cast bhandari aahe mala maja kudevatach nav pahije
क्या पाठक भी पारीक समाज में आते हैं
कृपया पूरी जानकारी दे। ओर इनका गोत्र कोनसा है।
Ajmera vyas ki kul devi kha hai or konsi hai?
Hamara gotra ORIDTA hai….Aur kuldevi aapke chart ke hisab se Samrai Mata hai. Humen ye nahi pata ki Samrai Mata ka mandir kahan hai. Please batayen
Sambar me hai namak ki zeel ke pass
Sureidiya purohot ki jul Devi temple kha hai saab