Suswani Mata Temple Morkhana History in Hindi : सुसवाणी माता अम्बा माता का ही नामान्तर रूप है। ऐसा माना जाता है कि श्री सतीदास सुराणा कुलदेवी अम्बा माता के परम भक्त थे। सेठ श्री सतीदास की मनोकामना थी कि देवी उनके घर में पुत्री के रूप में जन्म ले। देवी ने उनकी मनोकामना को पूर्ण किया और पुत्री रूप में संवत 1219 की आश्विन शुक्ला द्वितीया को नागौर में जन्म लिया। इन्होंने अपनी पुत्री का नाम सुसवाणी रखा। जब सुसवाणी दस वर्ष की हुई तो उन्होंने धूमधाम से एक दुगड़ परिवार में सगाई कर दी। उस समारोह में सूबेदार भी आमंत्रित था। सूबेदार सुसवाणी के रूप लावण्य पर मुग्ध हो गया और उससे विवाह करने की कामना रखी, जिसे सतीदास ने ठुकरा दी। अम्बा माता ने प्रकट होकर आज्ञा दी कि सुबेदार को अपनी स्वीकृति दे दो और कहो कि सुसवाणी सूर्योदय के समय विवाह हेतु तैयार होकर घर से पैदल दौड़ेगी और सूबेदार अश्वारूढ़ होकर सात कदम पीछे दौड़ेगा। अगर उसने सुसवाणी को पकड़ लिया तो वह सूबेदार से विवाह कर लेगी। सुसवाणी का सन्देश पाकर सूबेदार आत्मविभोर हो गया। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार सुसवाणी पैदल दौड़ने लगी और सूबेदार अश्व पर सात कदम पीछे। सूर्योदय की प्रथम किरण के साथ दौड़ प्रारम्भ हुई। दोनों मीलों दौड़ते रहे परंतु फासला यथावत रहा। यह दौड़ प्रतियोगिता मोरखण / मोरखाना ग्राम तक चली। उस समय भगवान शंकर ने अपना त्रिशूल फेंका जो एक केर के वृक्ष के बीच में जा पड़ा। जब सुसवाणी वृक्ष के समीप पहुंची तो पृथ्वी और केर का वृक्ष फट गया और सुसवाणी उसमें समा गई। धरती और केर का वृक्ष फिर यथावत हो गया। उस समय सिर्फ सुसवाणी के चीर का चार अंगुल टुकड़ा बाहर रह गया। सूबेदार और उसके साथी उस चीर को लेकर झगड़ने लगे और वहीं एक दूसरे को मार डाला। आज भी उनकी देवलियां विद्यमान हैं। सुसवाणी का अक्षय वृक्ष सम्वत 1229 से आज तक वहाँ हरा-भरा खड़ा है।
सम्वत 1232 में सतीदास के अनुज माल्हदास को देवी ने स्वप्न में मन्दिर निर्माण का आदेश दिया। उस समय जल और धन के अभाव की पूर्ति देवी चमत्कार से पूर्ण हुई। वहां खुदाई की गई जिसमें उन्हें जवाहरात से भरे 18 घड़े मिले और कुएं की खुदाई में सुस्वाद जल मिला। देवी के आदेश से देवी की मूर्ति भूमि से निकालकर प्रतिष्ठा कराई।
यहाँ प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल नवमी और आश्विन शुक्ल नवमी को विशेष पूजा होती है और आश्विन शुक्ल दशम को मोरखण में मेला भरता है। मुण्डन के समय सवा सेर की लापसी, नारियल, रोटी आदि चढ़ाई जाती है। केर के वृक्ष के नीचे जड़ूला उतारा जाता है। भैरवजी को तेल चढ़ाया जाता है और शिवलिंग की धूमधाम से पूजा होती है। लाल वस्त्र धारण कर पूजा की जाती है। आरती के बाद भोग लगता है। अखण्ड ज्योति जलती है। यहाँ तीर्थयात्रियों के लिए समुचित आवास और भोजन की व्यवस्था सुराणा भाईपा की है। यहाँ धर्मशाला और भोजनशाला है।
कैसे पहुंचे ? ( How to Reach Suswani Mata Temple Morkhana ) :
मोरखण / मोरखाना का यह मंदिर नागौर-बीकानेर रेलमार्ग पर नोखा से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नोखा से जीप, टैक्सी आदि की व्यवस्था भी उपलब्ध है। सुजानगढ़, रतनगढ़, और नोखा से मोरखण / मोरखाना तक पक्की सड़कें हैं। जोधपुर से मोरखाना की दूरी 225 किलोमीटर, बीकानेर से 47 किलोमीटर तथा नागौर से 78 किलोमीटर है।
सुसवाणी माता को कुलदेवी के रूप में पूजने वाले समाज और गोत्र
सं. | समाज | गोत्र |
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1. | ओसवाल | सुराणा (दुगड़ गोत्र भी यहाँ जाट और मुण्डन करते हैं लेकिन दुगड़ की कुलदेवी आशापूरा माता है ) |
नोट:- यदि आप सुसवाणी माता को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं तो कृपया Comment Box में अपना समाज व गोत्र लिखें।
Jay matha rani ……
Pradeep askaran surana Bikaner Wale indore prawas
सांसांखलओसवाला
Mera naam Ashok Gandhi hai mai chandaliya Gandhi hu kya aap mujhe meri kuldevi aur bheruji ki jaankari bata sakte hai badi kripa hogi hamare purvaj Nagaur se Lawa-Sardargarh aaye the
साँखला माली समाज की कुलदेवी कोन है ???
Sankhla duggad aur surana ki kuldevi h maa suswani
Duggad gotra…
अच्छी जानकारी मिली
बहुत बढिया
Hii me kundan Singh…. Kya ap mujh sankhala chauhan ki kuldevi k bare me bata sakte ho kya…..
Sankhla gotra (rawna rajput) samaj ki kuldevi kon h hukum
In North India like U.P, Punjab, Delhi, Haryana, J&K, Himachal ,there are lot of duggar jain who migrated fom rawalpindi Pakistan after partition do not know about Ashapuar Mata je, Suswani mata je as an Kuldevi of rawalpindi duggar jain. I think we should prepare alist of all duggar oswal jain of north , west and central india, rawalpindi duggar jain perform or celebrate duggarbaba je birthday every six months on ninth navratra called ramnami. They prepare halwa, mathi ryta, dry coconut, mishri and safed lobila.
SURANA
Kya mujhe mudan kab aur kaise karne ki vidhi bata sakte.Main surana gotra ki hu
Hum jain duggar Rajasthan se hai phir jammu se majithe gye uske bad ab hum delhi me hai hume apni kuldevi ya duggarbaba ke bare me janna hai
hum bhi suswani mata ko kuldevi ke rup me pujte hai
sankhala gorta
Jai Maa Suswani Maa
dugar ki kuldevi kaun hai pls guide me
Hum mata ji ko pujte hai kul devi ji
Sushwani Mata ji ka Iowa’s Konsa din Kiya jata ,
आपके द्वारा दी गई सुसवाणी माता की जीवनी सही नहीं है। कृपया डॉ पान मल सुराणा द्वारा लिखी “ओस वंश सुराणा की उत्पत्ति ख्यात” में दिए गए माता जी की जीवनी का अध्यन कर इस लेख में सुधार करें। डॉ पान मल सुराणा की किताब, पाई गई शिलालेख, दूसरे इतिहास कारों के अध्ययन तथा प्राकृत भाषा में लिखी गई इतिहास का रुपांतर भी है ।
Can you send me the link of the Biography
Jai suswani mata ji ki
Jai suswani mata ji ki mata ke darsha n karna chate hai
Jai mata di ❣️️
Jai suswani Mata ki,
सुसवानी माता सांखला ओर सुराणा के कुल के थे जिनका विवाह दुग्गढ़ परिवार मे तय किआ गया था
सांखला सुराणा दोनो भाई हे ओर सुसवानी माता उनकी कुलदेवी के रूप मानते हे