Budhwar Ki Aarti
आरती युगल किशोर की कीजै, तन-मन-धन, न्योछावर कीजै। टेक। गौर श्याम सुख निरखत रीझै, हरि को स्वरूप नयन भरी पीजै। रवि शशि कोटि बदन की शोभा। ताहि निरिख मेरो मन लोभा। ओढ़े नील पीत पट सारी, कुंज बिहारी गिरवर धारी। फूलन की सेज फूलन की माला, रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला। मोर-मुकुट मुरली कर सोहे, नटवर … Read more Budhwar Ki Aarti