योगिनी एकादशी व्रत विधि, कथा, महिमा व मुहूर्त

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Yogini Ekadashi Vrat in Hindi: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी का हिन्‍दू धर्म में बड़ा ही महत्‍व है। इस दिन भगवान्  विष्‍णु की पूजा करने का विधान है।  भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए यह व्रत रखा जाता है। अतिउत्तम योगिनी एकादशी के दिन दान … Read more योगिनी एकादशी व्रत विधि, कथा, महिमा व मुहूर्त

वट पूर्णिमा व्रत विधि, कथा व महिमा | Vat Purnima | Vat Savitri Vrat Katha | Vat Amavasya

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हिंदू धर्म में विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए कई प्रकार के व्रत रखती हैं, इन्‍हीं में से एक है वट सावित्री व्रत। जिसे वट पूर्णिमा/वट अमावस्या भी कहा जाता है। यह पर्व मिथिला और पश्चिमी भारतीय राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता … Read more वट पूर्णिमा व्रत विधि, कथा व महिमा | Vat Purnima | Vat Savitri Vrat Katha | Vat Amavasya

राठौड़ वंश की सभी शाखाओं का इतिहास | Rathore History in Hindi

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राठौड़ वंश का परिचय | Introduction to Rathore Dynasty Rathore History in Hindi: राजपूतों के इतिहास में राठौड़ों का विशेष स्थान है। संस्कृत अभिलेखों, ग्रंथों आदि से राठौड़ों को राष्ट्रकूट लिखा है। कहीं-कहीं रट्ट या राष्ट्रोड भी लिखा है। राठौड़ राष्ट्रकूट का प्राकृत रूप है। चिन्तामणि विनायक वैद्य के अनुसार यह नाम न होकर एक सरकारी … Read more राठौड़ वंश की सभी शाखाओं का इतिहास | Rathore History in Hindi

Akshaya Tritiya Shubh Muhurt Pujan Vidhi Katha

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Akshaya Tritiya Shubh Muhurt 2020: भारतवर्ष में सभी शुभ कार्य शुभ मुहूर्त में ही किये जाने की परम्परा है। इनमें वर्ष में साढ़े तीन मुहूर्त ऐसे भी आते हैं जो स्वयं सिद्ध शुभ मुहूर्त होते हैं यानि इन मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य बिना किसी दुविधा के सिद्ध किये जा सकते हैं ये साढ़े … Read more Akshaya Tritiya Shubh Muhurt Pujan Vidhi Katha

खोखर राठौड़ वंश का इतिहास व खांपें |Khokhar Rathore Vansh History in Hindi

Khokhar Rathore vansh history in hindi : छाड़ा के पुत्र खोखर के वंशज। खोखर ने साकड़ा, सनावड़ा आदि गांवों पर अधिकार किया और खोखर गांव (बाड़मेर) बसाया। अलाउद्दीन खिलजी ने सांतल दे के समय सिवाना पर चढ़ाई की तब खोखर जी सांतल दे के पक्ष में वीरता के साथ लड़े और युद्ध में काम आये। … Read more खोखर राठौड़ वंश का इतिहास व खांपें |Khokhar Rathore Vansh History in Hindi

महेचा राठौड़ वंश का इतिहास व खांपें | Mahecha Rathore Vansh History in Hindi

Mahecha Rathore vansh history in hindi : सलखा राठौड़ के पुत्र मल्लीनाथ बड़े प्रसिद्ध हुए। बाढ़मेर का महेवा क्षेत्र सलखा के पिता तीड़ा के अधिकार में था। वि. सं. 1414 में मुस्लिम सेना का आक्रमण हुआ। सलखा को कैद कर लिया गया। कैद से छुटने के बाद वि. सं. 1422 में अपने श्वसुर राणा रूपसी … Read more महेचा राठौड़ वंश का इतिहास व खांपें | Mahecha Rathore Vansh History in Hindi

गहड़वाल / गढ़वाल राजवंश का इतिहास |Gaharwal / Gahadval Dynasty History in Hindi

Gahadval Dynasty History in Hindi : गहड़वाल अथवा गेहरवाल कन्नौज के प्रसिद्ध शासक जयचंद के वंशज हैं। इनका मूल स्थान प्राचीन काशी (वाराणसी) था। कुछ इतिहासकार इन्हें राठौड़ वंश से जोड़ते हैं तो अन्य इतिहासकार इस वंश को राठौड़ वंश से पूर्णतया अलग मानते हैं। राठौड़ों व गहड़वालों के बीच वैवाहिक सम्बन्ध होते आये हैं। … Read more गहड़वाल / गढ़वाल राजवंश का इतिहास |Gaharwal / Gahadval Dynasty History in Hindi

कूँपावत राठौड़ वंश का इतिहास व ठिकाने | Kumpawat Rathore Vansh History in Hindi

Kumpawat Rathore vansh history in hindi : मण्डौर के रणमलजी के पुत्र अखैराज के दो पुत्र पंचायत व महाराज हुए। महाराज के पुत्र कूंपा के वंशज कूँपावत राठौड़ कहलाये। मारवाड़ का राज्य जमाने में कूंपा व पंचायण के पुत्र जैता का महत्वपूर्ण योगदान रहा था। चित्तौड़ से बनवीर को हटाने में भी कूंपा की महत्वपूर्ण … Read more कूँपावत राठौड़ वंश का इतिहास व ठिकाने | Kumpawat Rathore Vansh History in Hindi

बुन्देला राजवंश का इतिहास व शाखायें | Bundela Rajvansh History in Hindi

Bundela Rajvansh History in Hindi : राजपूत वंशों में वीर बूंदेलों का भी महत्वपूर्ण स्थान है। बूंदेलों की उत्पत्ति के सन्दर्भ में मिलता है कि काशी के शासक माणिकराय गहड़वाल की एक रानी से चार पुत्र थे तथा दूसरी रानी से राजा के पांचवा पुत्र हुआ। इस कारण इस पुत्र का नाम पंचमसिंह था। पंचनसिंह … Read more बुन्देला राजवंश का इतिहास व शाखायें | Bundela Rajvansh History in Hindi

उदावत राठौड़ वंश का इतिहास व ठिकाने | Udawat Rathore Vansh History in Hindi

Udawat Rathore Vansh History in Hindi : जोधपुर नरेश सूजाजी के एक पुत्र उदाजी थे। इन्होंने 1539 वि. में सींधल खीवा से जैतारण विजय किया। इनके वंशज उदावत राठौड़ कहलाते हैं। राव उदा जी ने 1539 विक्रमी में सिंधल खीवा से जेतारण विजय किया। राव उदा के छः पुत्र थे – 01 – राव मालमसिंह … Read more उदावत राठौड़ वंश का इतिहास व ठिकाने | Udawat Rathore Vansh History in Hindi

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