हनुमान जी की आरती व चालीसा

हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Aarti) in Hindi आरती किजे हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥जाके बल से गिरवर काँपे | रोग दोष जाके निकट ना झाँके ॥ अंजनी पुत्र महा बलदाई | संतन के प्रभु सदा सहाई ॥दे वीरा रघुनाथ पठाये | लंका जाये सिया सुधी लाये ॥ लंका … Read more हनुमान जी की आरती व चालीसा

आरती कुंज बिहारी की

कुंजबिहारी जी की आरती in Hindi आरती कुँज बिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ गले में वैजन्ती माला,बजावे मुरली मधुर बाला,श्रवण में कुण्डल झलकाला,नन्द के आनन्द नन्दलालागगन सम अंग कान्ति काली,राधिका चमक रही आली,लसन में ठाड़े वनमाली,भ्रमर सी अलक,कस्तूरी तिलक,चन्द्र सी झलकललित छवि श्यामा प्यारी कीश्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ कनकमय मोर … Read more आरती कुंज बिहारी की

जगदीश जी की आरती

जगदीश जी की आरती in Hindi   ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरेभक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ||जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का स्वामी दुख बिनसे मन का सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का || ॐ जय जगदीश हरे ||   मात … Read more जगदीश जी की आरती

भैरव जी की आरती

भैरव जी की आरती (Bhairav Ji Ki Aarti) in Hindi जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवाजय काली और गौर देवी कृत सेवा || जय भैरव || तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक || जय भैरव || वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारीमहिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी || … Read more भैरव जी की आरती

अम्बे जी की आरती

श्री अम्बे माँ की आरती in Hindi जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ जय अम्बे गौरी ॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्जवल से दो‌उ नैना, चन्द्रबदन नीको ॥ जय अम्बे गौरी ॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्त पुष्प गलमाला, कण्ठन पर … Read more अम्बे जी की आरती

अथातो भृगु वंश जिज्ञासा-भार्गव वंश, गोत्र व कुलदेवी परिचय- डॉ. मनहर गोपाल भार्गव

Bhrigu Vansh : भृगुवंश विश्व के प्राचीनतम वंशों में से एक है। प्राचीनतम उपलब्ध ग्रन्थ ‘ऋग्वेद’ में भृगुओं का अनेक स्थलों पर पितर के रूप में स्मरण किया जाना ही उनकी प्राचीनता का ज्वलंत प्रमाण है। इस वंश का देवताओं के साथ सम्बन्ध रहा। भृगु पुत्री लक्ष्मी का विवाह त्रिदेवों में श्री विष्णु के साथ … Read more अथातो भृगु वंश जिज्ञासा-भार्गव वंश, गोत्र व कुलदेवी परिचय- डॉ. मनहर गोपाल भार्गव

महर्षि कश्यप जिनके नाम से काश्यप गौत्र है Maharshi Kashyap

हमारा गोत्र काश्यप है जिसे कश्यप ऋषि के नाम पर ही नामकरण किया गया है। हमारे कुल के पूर्वज सर्वप्रथम “किशनगढ़-बास” में आकर बसे इसलिए “किशनगढ़ बास वाले” कहलाने लगे, जिनकी कुलदेवी का नाम अर्चट रखा गया। हमारे गोत्र के ऋषि कश्यप के बारे में कुछ जानकारी निम्न प्रकार है – आदिकाल में लोकप्रिय ब्रह्मा … Read more महर्षि कश्यप जिनके नाम से काश्यप गौत्र है Maharshi Kashyap

भार्गव समाज का उद्गम स्थल – स्व. ओमप्रकाश भार्गव

हमारे समाज के बुद्धिजीवी वर्ग में सन् 1855 से 1860 के समय में अपने समाज की जड़ें, सही पहचान तथा परिचय के विषय में एक आत्मचिन्तन की लहर आयी। ऐसा लगने लगा कि ढूसर शब्द हमारी सही पहचान तथा परिचय नहीं है। ढूसर शब्द का हमारे साथ जुड़े होने से हमारे समाज की पहचान के … Read more भार्गव समाज का उद्गम स्थल – स्व. ओमप्रकाश भार्गव

‘कुलदेवी नमो नमः’ भार्गव समाज – श्रवण कुमार उपाध्याय

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Kuldevi Namo Namah : मानव ने आदिकाल से पूजा का कोई-न -कोई विषय अपना रखा है। दुनिया के सभी देशों में देवियों की पूजा होती है। भारतवर्ष में निवास करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की अपनी एक कुलदेवी है। कुलदेवी उस व्यक्ति की रक्षा करती है। हमारे यहाँ पर कुलदेवी पूजा की जड़ें बहुत ही गहरी है। प्रत्येक जाति की अपनी … Read more ‘कुलदेवी नमो नमः’ भार्गव समाज – श्रवण कुमार उपाध्याय

कुलदेवी से हमारे सम्बन्ध कैसे हों ? – मथुरा प्रसाद भार्गव

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        तपती धूप में एक पहाड़ी के नीचे छोटा सा एक पेड़। पेड़ के नीचे दो डालों से बंधा एक कपड़े का झूला और झूले में एक सोता हुआ शिशु। माँ कुछ दूर पहाड़ी पर पत्थरों को तोड़ गिट्टी बनाने के काम में लगी थी। कुछ उसकी आत्मा झोले में रहे बालक में ही लगी … Read more कुलदेवी से हमारे सम्बन्ध कैसे हों ? – मथुरा प्रसाद भार्गव

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