खत्री समाज का इतिहास Khatri Samaj History in Hindi

Khatri Samaj History in Hindi | Kuldevi of Khatri Samaj | सूर्यवंशोद्भवाः सन्ति क्षत्रिया खत्रिसंज्ञकाः।  वंशजा रामचन्द्रस्यायोध्याधीशस्य विश्रुताः।।  लाहौरनगरे राज्यं चकार लवसंज्ञकः। कसूरनगरे राज्यं कृतवान् कुश संज्ञकः।।  लवस्य वंशजः सोढीरायः वंशप्रवर्तकः।  सोढीसंज्ञकाः तस्य कुले जाताः प्रतापिनः।। गुरुगोविंदसिंहादि पूजनीयाः मनस्विनः।  कुशस्य वंशजा जाता वेदिनो वेद पारगाः।। गुरुनानकदेवादि ख्याता युग प्रवर्तकाः।  कुलदेवी हिंगलाजाख्या खत्री कुलसुपूजिता।। खत्री (Khatri) संज्ञक … Read more खत्री समाज का इतिहास Khatri Samaj History in Hindi

खडायता ब्राह्मण व बनिया समाज के गोत्र व कुलदेवियाँ Khadayata Brahmin Samaj and Baniya Samaj

Khadayata Brahmin Samaj History in Hindi | Gotra List | Kuldevi List | Khadayata Vaishya | Khadayata Baniya | Khadayata Vipra खडायता ब्राह्मण समाज के गोत्र व कुलदेवियाँ (Khadayata Brahmin Samaj) गुजरात में साबरमती नदी के तट पर कोट्यर्क (कोटारकु) नामक सिद्धपीठ है। वहाँ अठारह ब्राह्मण नित्य नियम से आराधना करने लगे। ये ब्राह्मण खडायता कहलाए – ततः … Read more खडायता ब्राह्मण व बनिया समाज के गोत्र व कुलदेवियाँ Khadayata Brahmin Samaj and Baniya Samaj

नागर ब्राह्मण समाज की उत्पत्ति, इतिहास, गोत्र तथा कुलदेवता

Nagar Brahmin Samaj History Gotras in Hindi : नागर ब्राह्मण मुख्यतः गुजरात में निवास करते हैं, परन्तु राजस्थान, मालवा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, हरयाणा, हिमाचल प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल तथा कर्नाटक में भी मिलते हैं। माना जाता है कि नागर, ब्राह्मणों के सबसे पुराने समूह में से एक है। कुछ इतिहासकारों का दावा है … Read more नागर ब्राह्मण समाज की उत्पत्ति, इतिहास, गोत्र तथा कुलदेवता

मोढ समाज का इतिहास व कुलदेवी मातंगी देवी Modh Samaj

मोढ समाज का इतिहास (History of Modh Samaj) मोढ समाज मुख्यतः गुजरात में आबाद है। ब्राह्मणोत्पत्तिमार्तण्ड के अनुसार मोढ ब्राह्मणों की उत्पत्ति का इतिहास इस प्रकार है – Modh Brahmin – पद्मकल्प में भगवान विष्णु शेषशय्या पर योगनिद्रा में मग्न भगवान विष्णु के नाभिकमल से ब्रह्मा उत्पन्न हुए। भगवन विष्णु के कान के मैल से … Read more मोढ समाज का इतिहास व कुलदेवी मातंगी देवी Modh Samaj

महाराष्ट्रीय ब्राह्मणों का इतिहास तथा गोत्रानुसार कुलदेवियाँ Maharashtrian Brahmin

महाराष्ट्रीय ब्राह्मण समाज ब्राह्मणों का एक प्रमुख समुदाय है जो मुख्य रूप से भारत में महाराष्ट्र राज्य में पाए जाते हैं। वे अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, रीति-रिवाजों और परंपराओं के लिए जाने जाते हैं, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही हैं। उत्पत्ति और इतिहास महाराष्ट्रीय ब्राह्मण समाज की उत्पत्ति वैदिक काल में देखी जा सकती है … Read more महाराष्ट्रीय ब्राह्मणों का इतिहास तथा गोत्रानुसार कुलदेवियाँ Maharashtrian Brahmin

अथातो भृगु वंश जिज्ञासा-भार्गव वंश, गोत्र व कुलदेवी परिचय- डॉ. मनहर गोपाल भार्गव

Bhrigu Vansh : भृगुवंश विश्व के प्राचीनतम वंशों में से एक है। प्राचीनतम उपलब्ध ग्रन्थ ‘ऋग्वेद’ में भृगुओं का अनेक स्थलों पर पितर के रूप में स्मरण किया जाना ही उनकी प्राचीनता का ज्वलंत प्रमाण है। इस वंश का देवताओं के साथ सम्बन्ध रहा। भृगु पुत्री लक्ष्मी का विवाह त्रिदेवों में श्री विष्णु के साथ … Read more अथातो भृगु वंश जिज्ञासा-भार्गव वंश, गोत्र व कुलदेवी परिचय- डॉ. मनहर गोपाल भार्गव

भार्गव समाज का उद्गम स्थल – स्व. ओमप्रकाश भार्गव

हमारे समाज के बुद्धिजीवी वर्ग में सन् 1855 से 1860 के समय में अपने समाज की जड़ें, सही पहचान तथा परिचय के विषय में एक आत्मचिन्तन की लहर आयी। ऐसा लगने लगा कि ढूसर शब्द हमारी सही पहचान तथा परिचय नहीं है। ढूसर शब्द का हमारे साथ जुड़े होने से हमारे समाज की पहचान के … Read more भार्गव समाज का उद्गम स्थल – स्व. ओमप्रकाश भार्गव

‘कुलदेवी नमो नमः’ भार्गव समाज – श्रवण कुमार उपाध्याय

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Kuldevi Namo Namah : मानव ने आदिकाल से पूजा का कोई-न -कोई विषय अपना रखा है। दुनिया के सभी देशों में देवियों की पूजा होती है। भारतवर्ष में निवास करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की अपनी एक कुलदेवी है। कुलदेवी उस व्यक्ति की रक्षा करती है। हमारे यहाँ पर कुलदेवी पूजा की जड़ें बहुत ही गहरी है। प्रत्येक जाति की अपनी … Read more ‘कुलदेवी नमो नमः’ भार्गव समाज – श्रवण कुमार उपाध्याय

कुलदेवी से हमारे सम्बन्ध कैसे हों ? – मथुरा प्रसाद भार्गव

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        तपती धूप में एक पहाड़ी के नीचे छोटा सा एक पेड़। पेड़ के नीचे दो डालों से बंधा एक कपड़े का झूला और झूले में एक सोता हुआ शिशु। माँ कुछ दूर पहाड़ी पर पत्थरों को तोड़ गिट्टी बनाने के काम में लगी थी। कुछ उसकी आत्मा झोले में रहे बालक में ही लगी … Read more कुलदेवी से हमारे सम्बन्ध कैसे हों ? – मथुरा प्रसाद भार्गव

‘माँ’ ममता का आधार – कुलदेवी

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आज का समाज-फिर आधुनिकता की छाप और उस पर नास्तिकता का दौर-ईश्वरीय स्वरूप की अवहेलना कोई नई बात नहीं। समाज में, वर्ण में सर्वप्रथम ब्राह्मण और ईश्वर का मुख माने जाने वाला यह वर्ण भी जब अपने कुलदेवता, कुलदेवी और कुल गणपति को नहीं जाने न ही पहचाने तो आश्चर्य होना स्वाभाविक है। ऐसी स्थिति … Read more ‘माँ’ ममता का आधार – कुलदेवी

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