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श्री अग्रोहा महालक्ष्मीमाता दुर्लभ संस्कृत कथा स्तुति

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संस्कृत भाषा में रचित अग्रोहा की श्री महालक्ष्मी माता की महिमा का बखान करती इस दुर्लभ श्लोकमय कथा रचना का पाठ कर जब आप माँ की स्तुति करेंगे तो आपकी प्रार्थना कुलदेवी माँ महालक्ष्मी तक अवश्य ही पहुंचेगी। इन श्लोकों का अर्थ समझने के लिए उनका हिंदी अनुवाद भी दिया गया है। इन श्लोकों की संख्या 49 है, यानी इस रचना को संस्कृत भाषा में माँ की चालीसा भी कहा जा सकता है। रचना में छंद ‘अनुष्टुप’ है, जिनका आप सुन्दर संगीतमय गायन कर सकते हैं।
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