माँ आरासुरी अम्बाजी दुर्लभ संस्कृत स्तुति
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माँ आरासुरी अम्बाजी की महिमा का बखान करती देववाणी संस्कृत भाषा में रचित इस दुर्लभ श्लोकमय रचना का पाठ कर जब आप माँ की स्तुति करेंगे तो निश्चय ही देवताओं की भाषा में आपकी प्रार्थना कुलदेवी माँ अम्बाजी तक अवश्य ही पहुंचेगी। इन श्लोकों का अर्थ समझने के लिए उनका हिंदी अनुवाद भी दिया गया है। इन श्लोकों की संख्या 38 है यानी इस रचना को संस्कृत भाषा में माँ की चालीसा भी कहा जा सकता है। रचना में छंद ‘अनुष्टुप’ है, जिनका आप सुन्दर संगीतमय गायन कर सकते हैं।
इसके साथ ही इस रचना में माँ आरासुरी अम्बाजी का इतिहास भी बताया गया है। तो अब बिना देर किये मामूली शुल्क देकर कुलदेवी माँ आरासुरी अम्बाजी को समर्पित यह रचना प्राप्त करें और इस सुन्दर रचना को गाकर, ना केवल नवरात्र बल्कि नित्य माँ की आराधना करें।
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